NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कृषि
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
इस बार किसानों के आंदोलन का माध्यम बना दशहरा, मोदी के पुतले का दहन
किसानों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अंबानी-अडानी के साथ मिलकर उन्हें बंधुवा मजदूर बनाने की कोशिश कर रही है। इसी को लेकर किसानों ने प्रतीक रूप में प्रधानमंत्री मोदी और अंबानी-अडानी के पुतलों का दहन किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Oct 2020
मोदी के पुतले का दहन

देशभर में रविवार 25 अक्टूबर का दिन विजयदशमी के रूप में मनाया गया। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत प्रतीक माना जाता है और बुराई के प्रतीक रूप में रावण का दहन किया जाता है परन्तु इसबार हरियाणा और पंजाब के आन्दोलनरत किसनों ने प्रतीक रूप में मोदी, अंबानी, अडानी के साथ बीजेपी और संघ के नेताओ के पुतले जलाए। किसान लंबे समय से कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। किसान इतने नाराज हैं कि उन्होंने विरोध स्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतले का दहन किया। रावण दहन की जगह पीएम मोदी के पुतले दहन की तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

विभिन्न शहरों और गांवों में किसान संगठनों ने अपने अपने स्तर पर रोष प्रदर्शन कर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताया। मालेरकोटला में किसानों का सबसे बड़ा प्रदर्शन दिखा। जहां हजारों की संख्या में किसानों व मुस्लिम भाईचारे के लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पंजाब-हरियाणा के किसानों ने आरोप लगया कि मोदी सरकार अंबानी-अडानी के साथ मिलकर उन्हें बंधुवा मजदूर बनाने की कोशिश कर रही है। बिचौलिया खत्म करने की बात कहकर वह अनाज व् जमीन पूंजीपतियों के हाथ में सौंपना चाहती है।

122837814_10222513487208969_2726112087019089955_n.jpg

प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि, पीएम मोदी ने चुनाव के वक्त कई लुभावने वादे किए थे लेकिन एक भी पूरा नहीं किया गया और तो मोदी सरकार का ये कृषि कानून बिल किसानों को गुलामी की ओर धकेलने वाला है। कई जगह प्रदर्शन करने वाले कई छात्रों और किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया और हरियाणा में तो प्रदर्शनकारियो पर वाटर कैनन भी चलाई गई।

हरियाणा में किसानों ने मोदी के पुतले के साथ कुल 10 लोगों के पोस्टर लगाए हुए थे। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का भी फोटो पुतले पर लगाया गया था। इसके साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर के साथ कई अन्य बीजेपी के दिग्गज नेताओं का फोटो 10 सिरों की तरह लगाया गया था।

नेताओ ने कहा उन्होंने अहंकारी रूपी नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका है, प्रशासन ने अपनी पूरी कोशिश की वो किसानों को दबा दे परन्तु किसान अब आर पार की लड़ाई लड़ रहे है। इसलिए वो न लाठी से डरेंगे और सरकारी मुकदमों से।

122808994_10222513488128992_3558724185619227223_n.jpg

भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि किसान का अंदोलन और तेज़ हो रहा है इसको और ताकत देने के लिए 29 को अंबाल में इकठ्ठा होंगे जहाँ किसान महापंचात की जाएगी। उन्होंने साफ किया यह आंदोलन तीनो अध्यादेश की वापसी तक जारी रहेगा।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के झंडे तले प्रदेश के 34 किसान संगठन तीनों किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ एकजुट होकर हरियाणा में संघर्ष कर रहे संगठनों ने अपने भविष्य के कार्यक्रम का किया ऐलान:

● प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे किसानों के विरुद्ध दमन और झूठे मुकदमे बनाने की भी निंदा की गई।

● हरियाणा दिवस 1 नवंबर से प्रदेश के कोने-कोने से किसान जत्थे चलेंगे गांव गांव घूम कर किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ जन जागरण करेंगे

● सभी जत्थे से 9 नवंबर को सीएम सिटी करनाल पहुंच कर मुख्यमंत्री को चुनौती देंगे

● 26 और 27 नवंबर को "दिल्ली चलो" के आह्वान पर हरियाणा के किसान भी दिल्ली को घेरेंगे।

Dussehra
farmers protest
farmers crises
Farm Bills
Narendra modi
BJP
Adani
ambani

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • Yeti Narasimhanand
    न्यूज़क्लिक टीम
    यति नरसिंहानंद : सुप्रीम कोर्ट और संविधान को गाली देने वाला 'महंत'
    23 Apr 2022
    यति नरसिंहानंद और अ(संतों) का गैंग हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद गिरी ने दूसरी बार अपने ज़मानत आदेश का उल्लंघन करते हुए ऊना धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती बयान दिए हैं। क्या है यति नरसिंहानंद…
  • विजय विनीत
    BHU : बनारस का शिवकुमार अब नहीं लौट पाएगा, लंका पुलिस ने कबूला कि वह तलाब में डूबकर मर गया
    22 Apr 2022
    आरोप है कि उनके बेटे की मौत तालाब में डूबने से नहीं, बल्कि थाने में बेरहमी से की गई मारपीट और शोषण से हुई थी। हत्या के बाद लंका थाना पुलिस शव ठिकाने लगा दिया। कहानी गढ़ दी कि वह थाने से भाग गया और…
  • कारलिन वान हाउवेलिंगन
    कांच की खिड़कियों से हर साल मरते हैं अरबों पक्षी, वैज्ञानिक इस समस्या से निजात पाने के लिए कर रहे हैं काम
    22 Apr 2022
    पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले लोग, सरकारों और इमारतों के मालिकों को इमारतों में उन बदलावों को करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके ज़रिए पक्षियों को इन इमारतों में टकराने से…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी
    22 Apr 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले वे 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के 15 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर हैं फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है।
  • ईशिता मुखोपाध्याय
    भारत में छात्र और युवा गंभीर राजकीय दमन का सामना कर रहे हैं 
    22 Apr 2022
    राज्य के पास छात्रों और युवाओं के लिए शिक्षा और नौकरियों के संबंध में देने के लिए कुछ भी नहीं हैं। ऊपर से, अगर छात्र इसका विरोध करने के लिए लामबंद होते हैं, तो उन्हें आक्रामक राजनीतिक बदले की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License