NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
व्यंग्य
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र: जय…जय बुलडोजर देवता
हमें ऐसा देवता चाहिए था जो न्याय करने से पहले ही सब कुछ देख ले। जो सजा सुनाने से पहले ही देख ले कि अभियुक्त का धर्म क्या है, जाति क्या है, ओहदा क्या है और रुतबा कितना है। और यह भी कि अभियुक्त की माली हालत कैसी है, वह अमीर है या गरीब।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
24 Apr 2022
cartoon
कार्टून, कार्टूनिस्ट मंजुल के ट्विटर हैंडल से साभार। 

देश में तैंतीस करोड़ देवी-देवता पहले से ही मौजूद हैं। बीच-बीच में नये देवी-देवता भी आते रहते हैं। अब, हाल ही में, पिछले दो-तीन वर्ष में एक नये देवता का पदार्पण हुआ है। मौजूद तो वे पहले से ही थे पर दो तीन वर्ष पहले तक वे देवता नहीं थे। देवता का सम्मान तो उन्हें अभी दो-तीन वर्षों से ही मिला है। पिछले दो-तीन वर्षों से उनका प्रभाव क्षेत्र सीमित ही था। यही सिर्फ उत्तर प्रदेश की सीमाओं के भीतर। पर अभी हाल ही में मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली तक भी उन देवता का प्रभाव फैल गया है।

वे देवता है बुलडोजर देवता। वैसे तो बुलडोजर देखने में हमारे मिथकों के राक्षस जैसा लगता है। लोहे का दैत्याकार शरीर, बड़े बड़े पहिये और लम्बी सी गरदन पर लगी विध्वंसकारी चोंच। और यह बुलडोजर देवता अब तो काम भी राक्षसों जैसे करता है। उसे देवता बनाया है बीजेपी ने। और बीजेपी में भी योगी जी ने। जैसे महा भ्रष्टाचारी भी बीजेपी में जा कर महा ईमानदार बन जाता है वैसे ही बुलडोजर को भी राक्षसों जैसे काम करने के बावजूद बीजेपी द्वारा देवता बना दिया गया है।

अब देवता है तो कार्य भी करेगा। सभी देवी-देवताओं के लिए कार्य निर्धारित हैं। जैसे दुर्गा शक्ति की देवी हैं। जैसे लक्ष्मी धन की देवी हैं और सरस्वती विद्या की। बृह्मा जन्म के लिए हैं तो शिव संहार के लिए। उसी तरह से जब बुलडोजर देवता को देवता बनाया गया है तो उन्हें काम दिया गया है न्याय का, न्याय करने का। तो बुलडोजर देवता हैं न्याय के देवता। 

वैसे तो न्याय की एक देवी पहले से ही है, पर वह विदेश से आई है। वह आंखों पर पट्टी बांधे रखती है। कहती है मुझे न्याय करते हुए कुछ नहीं देखना है, न अभियुक्त की कौम, न उसका धर्म या जाति और न ही उसकी सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक हैसियत।  वह देवी मानती है कि चाहे सौ गुनहगार छूट जाएं पर एक बेगुनाह को सजा नहीं मिलनी चाहिए। यह कहां की बात हुई। हमें ऐसी देवी नहीं चाहिए जो बिना कुछ देखे न्याय करे। जिसकी आंखों पर पट्टी बंधी हो। जो अभियुक्त को सजा उसका धर्म, जाति, रुतबा, कुछ भी देखे बिना सुना दे। यह विदेशी सोच अब हमारे यहां नहीं चलेगी। जब तक चल रहा थी, चल ली पर अब नहीं चलेगी।

इसलिए हमें ऐसा देवता चाहिए था जो न्याय करने से पहले ही सब कुछ देख ले। जो सजा सुनाने से पहले ही देख ले कि अभियुक्त का धर्म क्या है, जाति क्या है, ओहदा क्या है और रुतबा कितना है। और यह भी कि अभियुक्त की माली हालत कैसी है, वह अमीर है या गरीब। अभियुक्त को अपराधी घोषित करने से पहले, सजा देने से पहले इन चीजों को देखा ही न जाए तो ऐसे देवता का क्या लाभ। तो हमें बुलडोजर देवता के रूप में अब ऐसा देवता मिल ही गया है जो सब कुछ देखता है। 

न्याय के नए देवता, बुलडोजर देवता का यही लाभ है कि वे हिन्दुओं के अन्य देवताओं की तरह धर्म, जाति और व्यक्ति की हैसियत का पूरा ध्यान रखते हैं। भले ही बुलडोजर देवता लोहे के बने हैं पर उनके पास बड़ी बड़ी आंखें हैं। बुलडोजर देवता न्याय की देवी की तरह आंखों पर पट्टी बांध कर नहीं बैठे हैं। न्याय के नए देवता, बुलडोजर देवता न्याय करने से पहले ही देख लेते हैं कि अभियुक्त का धर्म क्या है, जाति क्या है। वे अभियुक्त को अपराधी घोषित करने से पहले उसकी हैसियत और उसका राजनैतिक रुझान भी देख लेते हैं। यह सब कुछ देख भाल कर, सब कुछ सोच समझ कर ही बुलडोजर देवता किसी को अपराधी घोषित करते हैं, उसे सजा सुनाते हैं।

इतना सब देखने के बाद भी बुलडोजर देवता न्याय बहुत ही जल्दी करते हैं। इधर अपराध हुआ नहीं कि उधर बुलडोजर देवता न्याय करने निकल पड़ते हैं। बुलडोजर देवता तो बिना अदालत का मुंह देखे ही फैसला सुना देते हैं। न्याय की जल्दी में अन्याय हो जाये, इसकी उनको कोई परवाह नहीं है। वे न्याय करने के दकियानूसी सिद्धांतों से वे बहुत ही दूर हैं। न्याय करते हुए उनके नीचे अपराधी आये या निरपराध, वे इसकी तनिक भी चिंता नहीं करते हैं। 

बुलडोजर देवता की इन्हीं खासियतों की वजह से, क्या बाबा, क्या मामा, क्या मोटा भाई, सभी बुलडोजर देवता के मुरीद हो गए हैं। आम जनता से भी अनुरोध है कि वह भी बुलडोजर देवता के महत्व को स्वीकार करे और उनकी आराधना कर अपना जीवन सफल बनाए। बुलडोजर देवता की आराधना करने के लिए घर के मंदिर में बुलडोजर देवता की फोटो रखें। अगर पास में नहीं है तो किसी भी नवीनतम अखबार की प्रति में मिल जायेगी। बुलडोजर देवता की फोटो के सामने रोज, प्रातः और सायं दिया बाती करें और नीचे दी गई आरती गाएं।

जय, जय, जय बुलडोजर देवता,

न्यायालय बिना, न्याय कर जाता।

विधर्मियों के ऊपर मंडराता,

जय, जय, जय बुलडोजर देवता।।

 

राह में उसकी जो भी आता,

टूटता फूटता सब, कुछ नहीं बच पाता।

विरोधियों पर ही मंडराता,

जय, जय, जय बुलडोजर देवता।।

 

बुलडोजर देवता की आरती,

जो कोई नर गावे, 

स्वामी प्रेम सहित गावे।

दिन प्रतिदिन गावे,

कहत द्रोण जी स्वामी, 

मकान दुकान बच जावे।।

 

ऊं जय बुलडोजर देवता,

जय, जय, जय बुलडोजर देवता।

(व्यंग्य स्तंभ ‘तिरछी नज़र’ के लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Bulldozer Politics
jahangirpuri
BJP
Yogi Adityanath
Madhya Pradesh
Shivraj Singh Chouhan

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

तिरछी नज़र: 2047 की बात है

कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 

ताजमहल किसे चाहिए— ऐ नफ़रत तू ज़िंदाबाद!

तिरछी नज़र: ...ओह माई गॉड!

कटाक्ष: एक निशान, अलग-अलग विधान, फिर भी नया इंडिया महान!

तिरछी नज़र: हम सहनशील तो हैं, पर इतने भी नहीं


बाकी खबरें

  • padtal dunia ki
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोलंबिया में लाल को बढ़त, यूक्रेन-रूस युद्ध में कौन डाल रहा बारूद
    31 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की' में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने लातिन अमेरिका के देश कोलंबिया में चुनावों में वाम दल के नेता गुस्तावो पेत्रो को मिली बढ़त के असर के बारे में न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर…
  • मुकुंद झा
    छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"
    31 May 2022
    एनईपी 2020 के विरोध में आज दिल्ली में छात्र संसद हुई जिसमें 15 राज्यों के विभिन्न 25 विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हुए। इस संसद को छात्र नेताओं के अलावा शिक्षकों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?
    31 May 2022
    आज अभिसार शर्मा बता रहे हैं के सरकारी एजेंसियों ,मसलन प्रवर्तन निदेशालय , इनकम टैक्स और सीबीआई सिर्फ विपक्ष से जुड़े राजनेताओं और व्यापारियों पर ही कार्रवाही क्यों करते हैं या गिरफ्तार करते हैं। और ये…
  • रवि शंकर दुबे
    भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़
    31 May 2022
    अटल से लेकर मोदी सरकार तक... सदन के भीतर मुसलमानों की संख्या बताती है कि भाजपा ने इस समुदाय का सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया है।   
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो लीक होने से पेचीदा हुआ मामला, अदालत ने हिन्दू पक्ष को सौंपी गई सीडी वापस लेने से किया इनकार
    31 May 2022
    अदालत ने 30 मई की शाम सभी महिला वादकारियों को सर्वे की रिपोर्ट के साथ वीडियो की सीडी सील लिफाफे में सौंप दी थी। महिलाओं ने अदालत में यह अंडरटेकिंग दी थी कि वो सर्वे से संबंधित फोटो-वीडियो कहीं…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License