NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र: गाय जी से एक साक्षात्कार
गाय बोली, "क्या बेवकूफ लोग हैं, अगर मैं ऑक्सीजन ही लेती हूं और ऑक्सीजन ही छोड़ती हूं तो मुझे सांस लेने की जरूरत ही क्या है...।”
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
05 Sep 2021
तिरछी नज़र: गाय जी से एक साक्षात्कार
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार: Siyasat Network

गत सप्ताह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश महोदय ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग कर डाली। मांग करने का सबको अधिकार है और उनको भी है। पर यह मांग करते हुए उन्होंने जो कुछ भी कहा उससे तो उन्होंने जीव विज्ञान की ऐसी की तैसी ही कर डाली है।

उन्होंने बताया की गाय सांस लेते हुए ऑक्सीजन ही ग्रहण करती है और ऑक्सीजन ही छोड़ती है। यह खोज कोई नई खोज नहीं है। पहले भी कुछ प्रबुद्ध लोग ऐसी ही खोज कर चुके हैं जिन्हें जीव विज्ञान ने मान्यता नहीं दी। पर ऐसा अब एक सम्माननीय  न्यायाधीश महोदय ने कहा है तो जीव वैज्ञानिकों को इस बारे में गंभीरता से सोचना ही पड़ेगा।

न्यायाधीश महोदय ने सिर्फ यही नहीं कहा। उन्होंने यह भी बताया कि गाय के घी से हवन करने पर बारिश भी होती है। यह खोज तो जनता के ध्यान में पहली बार ही लाई गई है जिसका पूरा का पूरा श्रेय उन न्यायाधीश महोदय को ही जाता है। ऐसी नई खोज तो मौसम विज्ञान में क्रांति ही ला देगी। पूरे देश में कहीं भी सूखा नहीं पड़ेगा और सूखा पड़ा भी तो गाय के घी से हवन कर लिया जाएगा। भरपूर बारिश हो जायेगी। मुझे लगता है कि सरकार उनकी इस नई खोज पर जल्दी ही ध्यान देगी और उन न्यायाधीश महोदय का नाम नोबेल समिति को पुरस्कार के लिए अवश्य भेजेगी। 

मैंने इस संबंध में अपने घर के पास सड़क पर पड़े कूड़े के ढेर में खाना ढूंढती हुई एक गाय माता से साक्षात्कार किया। मैंने पूछा, "हे! गाय माता!......." मेरे इतना बोलते ही वे बड़ी जोर-जोर से गुस्से में रंम्भाने लगीं। शायद उन्हें मेरा गाय माता बोलना बुरा लगा। बोलीं, "मुझे यह गाय माता माता क्या बोलता है"। और मेरी ओर घूर कर सींग दिखाते हुए बोलीं, "अब मैं कोई माता वाता नहीं हूं, अब मैं दूध नहीं देती हूं, तेरे किसी काम की नहीं हूं। आवारा घूमती हूं और कूड़े के ढ़ेर से खाना खाती हूं। जा भाग यहां से"।

मैंने बोला "देवी, गाय देवी,....."। इतना सुनते ही गाय फिर बिफर गई। बोली "क्या तुझे अपने देश की महिलाओं को देवी बनाने से फुर्सत मिल गई जो मुझे देवी बनाने चला है। देख तूने अपने देश की महिलाओं का क्या हाल कर रखा है और उन्हें भी कहता है देवी"। इस बार उनकी आवाज में गुस्से से ज्यादा दुख था। "चल पूछ, क्या पूछना चाहता है"।

मैंने पूछा, इस बार मैंने जानबूझ कर देवी या माता नहीं कहा। मैं गाय की दुखती रग पर हाथ नहीं रखना चाहता था। मैंने कहा, "लोग कहते हैं, आप जब सांस लेती हैं तो ऑक्सीजन ही अंदर लेती हैं और ऑक्सीजन ही बाहर छोड़ती हैं"। गाय बोली, "क्या बेवकूफ लोग हैं, अगर मैं ऑक्सीजन ही लेती हूं और ऑक्सीजन ही छोड़ती हूं तो मुझे सांस लेने की जरूरत ही क्या है। हां! अगर कहते कि कार्बन डाइऑक्साइड अंदर लेती है और ऑक्सीजन बाहर छोड़ती है तो भी कुछ बुद्धिमानी की बात होती। पर भाई! मैं भी तुम लोगों की तरह, अन्य पशुओं की तरह से ही ऑक्सीजन अंदर लेती हूं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ती हूं"।

मैंने बात आगे बढ़ाई, "और यह हवन वाली बात"। गाय ने पूछा, "यह हवन वाली बात क्या है"। मैंने बताया कि एक न्यायाधीश महोदय ने कहा है कि गाय के घी से हवन करने पर बारिश होती है। गाय मुस्कुराई और बोली, "किसी भी हवन से तो धुआं ही होता है, चाहे फिर मेरे घी से करो या फिर किसी अन्य घी या तेल से। और धुआं होने से तो बारिश दूर ही भागती है न"।

गाय आगे बोली, "यह जो मैं कूड़ा खा के, गंद खा कर के, गू और पेशाब करती हूं तुम तो उसे भी बड़ा काम का मानते हो। मेरे मूत्र को शौक से पीते हो और मेरे मल को शरीर पर लेप लेते हो। बेवकूफ कहीं के!"। 

"और देशों में तो मैं दूध देती हूं, खाई भी जाती हूं और इज्जत भी पाती हूं। और मेरा मांस भी न, बाहर के देशों में तेरे देश से ही सबसे ज्यादा भेजा जाता है। पर तू मुझे पूजता इसलिए है क्योंकि मैं तेरे देश में वोट दिलवाती हूं, कत्ल करवाती हूं। वाह रे मेरे भक्त!"

मैंने अंतिम प्रश्न किया, "और उन्हीं न्यायधीश महोदय ने यह भी कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए। क्यों कर दें न"। गाय मुस्कुराई, "और बाघ से क्या परेशानी है"। फिर सीरियस होकर बोली, "क्या मुझे राष्ट्रीय पशु घोषित करने से मेरा सड़कों पर यह आवारागर्दी करना बंद हो जाएगा। क्या फिर मुझे कूड़े के ढेर से खाना नहीं ढूंढना पड़ेगा। अरे! कुछ भी नहीं बदलेगा। अगर तुम्हें राष्ट्रीय पशु घोषित करने का इतना ही शौक है तो मनुष्य को राष्ट्रीय पशु घोषित करो। उसकी चिंता करो। उसकी भूख दूर करो, उसके कष्ट दूर करो। अपनी चिंता तो है नहीं और ये मनुष्य, मुझे राष्ट्रीय पशु घोषित करने चला है। और उन न्यायाधीश जी से भी कहना, मनुष्य से न्याय करें। मुझे मेरे हाल पर छोड़ दें।" 

गाय शायद कुछ और भी बोलती, मन की भड़ास निकालती पर तभी एक व्यक्ति हाथ में बड़ा सा, मोटा सा लट्ठ लेकर आया और गाय पर बरसाने लगा। गाय सींग उठा कर भाग ली।

(तिरछी नज़र एक व्यंग्य स्तंभ है। लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
cows
cow politics
Allahabad High Court
BJP
RSS

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद

उर्दू पत्रकारिता : 200 सालों का सफ़र और चुनौतियां

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

राय-शुमारी: आरएसएस के निशाने पर भारत की समूची गैर-वैदिक विरासत!, बौद्ध और सिख समुदाय पर भी हमला

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

तिरछी नज़र: ...चुनाव आला रे


बाकी खबरें

  • सौरभ शर्मा
    'नथिंग विल बी फॉरगॉटन' : जामिया छात्रों के संघर्ष की बात करती किताब
    09 May 2022
    वह जिनमें निराशा भर गई है, उनके लिए इस नई किताब ने उम्मीद जगाने का काम किया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी विवाद में नया मोड़, वादी राखी सिंह वापस लेने जा रही हैं केस, जानिए क्यों?  
    09 May 2022
    राखी सिंह विश्व वैदिक सनातन संघ से जुड़ी हैं। वह अपनी याचिका वापस लेने की तैयारी में है। इसको लेकर उन्होंने अर्जी डाल दी है, जिसे लेकर हड़कंप है। इसके अलावा कमिश्नर बदलने की याचिका पर सिविल जज (…
  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक ब्यूरो
    क्या हिंदी को लेकर हठ देश की विविधता के विपरीत है ?
    08 May 2022
    पिछले महीने देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया कि अलग प्रदेशों के लोगों को भी एक दूसरे से हिंदी में बात करनी चाहिए। इसके बाद देश में हिंदी को लेकर विवाद फिर एक बार सामने आ गया है। कई विपक्ष के…
  • farmers
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग
    08 May 2022
    किसान संगठनों ने 9 मई को प्रदेशभर में सिवनी हत्याकांड और इसके साथ ही एमएसपी को लेकर अभियान शुरू करने का आह्वान किया।
  • kavita
    न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : माँओं के नाम कविताएं
    08 May 2022
    मदर्स डे के मौक़े पर हम पेश कर रहे हैं माँओं के नाम और माँओं की जानिब से लिखी कविताएं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License