NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र: बिहार भी देशद्रोही होते होते बचा!
जहाँ एक ओर भाजपा को वोट देकर देशभक्ति और रामभक्ति जैसी महान भावना को दिखाने की बात थी तो दूसरी ओर पढ़ाई, दवाई और कमाई जैसे देशद्रोही नारे थे। शुरू में, एग्ज़िट पोल के नतीजों से तो लगा कि ये बिहारी निज स्वार्थ में बह निकले हैं...।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
15 Nov 2020
तिरछी नज़र
बिहार चुनाव में एनडीए की जीत पर ख़ुशी जताते समर्थक। तस्वीर केवल प्रतीकात्मक प्रयोग के लिए। साभार : Hindustan Times

बिहार भी देशद्रोही होते होते बचा, पाकिस्तानी होते होते बचा। सात नवंबर की शाम को, जब एग्ज़िट पोल के नतीजे घोषित हुए, तो मुझे लगा कि एक और राज्य देशद्रोही होने चला है, पाकिस्तानी होने चला है। जहाँ भी भाजपा की सरकार न हो वह राज्य देशद्रोही और पाकिस्तानी हो जाता है जैसे कि महाराष्ट्र हो गया है। 

मेरी जान तो, सात नवंबर की रात से दस नवंबर की रात तक, जब तक लगभग सारे नतीजे घोषित नहीं कर दिए गए और पता न चल गया कि एनडीए की ही सरकार बनेगी, सांसत में ही रही। मेरी ही नहीं, वहाँ पाकिस्तान में इमरान खान की जान भी सांसत में ही रही। कहीं एनडीए को बहुमत नहीं मिला तो। कहीं एनडीए के अलावा किसी और की सरकार बन गई तो। कहीं सारे के सारे बिहारियों को पाकिस्तानी घोषित कर पाकिस्तान भेज दिया गया तो। वह अपने छोटे से देश में इतने सारे बिहारियों को कहां रखेगा, कैसे रखेगा। मोदी जी तो सारे बिहारियों को खिला नहीं पा रहे हैं, वह कैसे खिलायेगा। बताते हैं, इसी चिंता में लीन इमरान खान तीन रात तक सो नहीं पाया था। नींद की गोलियां लेने के बावजूद भी इमरान खान को तीन दिन नींद नहीं आई। 

जब बिहार में चुनाव हो रहे थे तो मोदी जी ने, योगी जी ने, नड्डा जी ने, नीतीश जी ने, और बाकी सभी ने बिहार के वोटरों को बहुत ही समझाया कि ये जो 370 है, राम मंदिर है, भारत -पाकिस्तान है, भारत-चीन है, रोटी, रोजी और अस्पताल से अधिक जरूरी है। जहाँ एक ओर भाजपा को वोट देकर देशभक्ति और रामभक्ति जैसी महान भावना को दिखाने की बात थी तो दूसरी ओर पढ़ाई, दवाई और कमाई जैसे देशद्रोही नारे थे। शुरू में, एग्ज़िट पोल के नतीजों से तो लगा कि ये बिहारी निज स्वार्थ में बह निकले हैं और मुफ्त के टीके और मुफ्त में ही अयोध्या के राम मंदिर के दर्शन जैसे निस्वार्थ मुद्दे को छोड़ पढ़ाई, दवाई और कमाई जैसे स्वार्थी मुद्दों पर वोट दे दिया पर बहुत ही खुशी हुई जब देखा कि अंतिम विजय स्वार्थ की नहीं, भक्ति की, रामभक्ति और देशभक्ति की ही हुई।

फाइनल रिजल्ट से ऐसा लगा कि बिहार के लोगों ने सोचा कि यह जो कोरोना है न उसका टीका मुफ्त में मिल जाये और फिर अयोध्या में भी मुफ्त में ही राम मंदिर के दर्शन हो जायें तो जीवन ही सुधर जाएगा। क्योंकि एक का वायदा मोदी जी ने किया है तो दूसरे का योगी जी ने। यह बात नितांत ही अलग है कि न अभी टीका आया है और न ही अभी मंदिर बना है। 

यह भी लगा कि बिहार के वोटर ने यह सोचा कि वह कश्मीर में प्रापर्टी बना सकेगा और शादी रचा सकेगा। बिहारी अभी तक कश्मीर जा कर मजदूरी बेलदारी तो करता है पर एनडीए को वोट देगा तो वहाँ कश्मीर में कोठी और रिजॉर्ट बना सकेगा और कश्मीरी कन्या से विवाह भी रचा कर श्रीनगर या पहलगांव में ही बस सकेगा। दोनों जन्म सुधर जायेंगे, यह भी और अगला भी। बेकार में ही नौकरी के दुनियावी चक्कर में अपना वर्तमान जन्म और अगला जन्म क्यों बेकार करना। हम तो कश्मीर में बेलदारी कर ही अच्छे हैं। 

वैसे भी यह लोकतंत्र-प्रजातंत्र इसी दुनिया की चीजें हैं। वहाँ स्वर्ग में, और या फिर नरक में भी दूसरा ही तंत्र- राजतंत्र चलता है। देश को अगर स्वर्ग बनाना है तो इस लोकतंत्र को छुट्टी देनी ही पड़ेगी। यह बात अलग है कि स्वर्ग बनाते बनाते कहीं नरक ही न बन जाये क्योंकि दोनों ही जगह ही, स्वर्ग में और नरक में राजशाही ही है।

फिर, बाद में, बिहार के वोटरों द्वारा एनडीए को चुनने की असली वजह समझ में आई। बिहार के लोगों के बारे में प्रसिद्ध है कि उन की रग रग में राजनीति बसी है। वहाँ का बच्चा-बच्चा भी राजनीति समझता और करता है। उसे पता है कि मोदी जी, अमित शाह जी देश को इतना अधिक प्यार करते हैं कि देशभक्ति के चक्कर में वे लोकमत, बहुमत सब कुछ भूल जाते हैं। उन्हें बहुमत मिले न मिले, वे विधायकों को देशभक्ति और लक्ष्मी भक्ति का पाठ पढ़ा अपनी सरकार बना ही लेते हैं। ऐसा उन्होंने हरियाणा में किया। मध्य प्रदेश और कर्नाटक में किया। मौका मिला तो और भी राज्यों में कर सकते हैं। तो बिहार के मतदाताओं ने सोचा, समझा और निर्णय लिया इन देशभक्तों को ही जिता दिया जाये नहीं तो ये फिर से बिहार में भी वही सब गंद करेंगे जो इन्होंने कई जगह किया और राजस्थान में भी करते करते रह गए। 

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Bihar Elections 2020
Bihar Election Results
NDA Govt
mahagathbandhan
Narendra modi
Tejashwi Yadav
Nitish Kumar

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

बना रहे रस: वे बनारस से उसकी आत्मा छीनना चाहते हैं

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

तिरछी नज़र: ...चुनाव आला रे

चुनावी चक्रम: लाइट-कैमरा-एक्शन और पूजा शुरू

कटाक्ष: इंडिया वालो शर्म करो, मोदी जी का सम्मान करो!


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License