NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
वसंत, वैलेंटाइन, दिल्ली चुनाव और तुम प्रिये!
तिरछी नज़र : प्रिये, वसंत में सब कुछ मदमस्त हो जाता है। पेड़ों पर तरह तरह के रंग बिरंगे फूल लहलहाने लगते हैं। इस मामले में सरकार की नहीं चलती है इसलिए हर रंग के फूल खिलते हैं।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
16 Feb 2020
Delhi Election

वसंत ऋतु आई हुई है प्रिये। वसंत पंचमी को बीते एक पखवाड़े से अधिक बीत चुका है और वैलेंटाइन डे भी अभी हाल में ही गया है। अब वैलेंटाइन डे वसंत पंचमी से बडा़ त्योहार बन गया है। और इस बार तो वैलेंटाइन वीक लोकतंत्र का भी बहुत बडा़ त्योहार बन कर आया है।

logo tirchhi nazar_18.PNG

प्रिये, वसंत में सब कुछ मदमस्त हो जाता है। पेड़ों पर तरह तरह के रंग बिरंगे फूल लहलहाने लगते हैं। इस मामले में सरकार की नहीं चलती है इसलिए हर रंग के फूल खिलते हैं। सरकार की चलती होती तो एक ही रंग के, एक ही जैसे फूल खिलते। इधर फूलों पर भंवरे मंडरा रहे होते हैं उधर मानव मन भी चंचल होने लगता है। मानव मन का चंचल होना हिन्दू संस्कृति के आलमदारों को रास नहीं आता है। इसलिए चंचल मन को कंट्रोल करने के लिए वसंत ऋतु में बजरंग दल और श्री राम सेना भी अधिक सक्रिय हो जाते हैं। 

वैलेंटाइन डे भी वसंत ऋतु में ही मनाया जाता है। वैलेंटाइन डे से हफ्ते भर पहले ही वैलेंटाइन वीक रोज डे से शुरू हो जाता है। इस बार वसंत ऋतु में ही दिल्ली में चुनाव थे और रोज डे पर चुनाव का शोर शराबा भी बंद हो चुका था। लाउडस्पीकर बंद हो चुके थे। जो भी नफ़रत फैलाने वाले, गोली मारने वाले बयान आने थे, आ चुके थे। रोज डे (सात फरवरी) वाले दिन सिर्फ आपस में मिलने जुलने का दिन था, फूल देने का दिन था।

कमल का नहीं, गुलाब का फूल देने का दिन था। प्यार फैलाने का दिन था। चुनाव आयोग के कानून के हिसाब से भी, चुनाव प्रचार बंद हो गया था इसलिए नफ़रत फैलाना मना हो गया था। अब जब नफ़रत नहीं फैला सकते थे तो भाजपाइयों के पास करने के लिए कुछ भी नहीं था। इसलिए सात फरवरी को वे बस आराम फरमा रहे थे।

अगला दिन आठ फरवरी था वोट देने का दिन। प्रपोज डे यानी प्रपोज करने का दिन। जनता को, वोटरों को अपना प्रपोजल (वोट) ईवीएम में डालना था। प्रिये, तुमने बिना डरे अपना प्रपोजल ईवीएम में डाल दिया और बिना शर्माये वीवीपैट में देख भी लिया। तुम बहादुर हो प्रिये, तुम्हें बजरंग दल और श्री राम सेना से जरा भी डर नहीं लगा। 

बीच में दो दिन इंतजार में बीत गये, प्रिये। चाकलेट डे और टैडी डे। ये दोनों दिन सारी निगरानी और उत्सुकता में बीत गये। आखिर तुमने जो प्रपोजल ईवीएम में डाले थे, उनकी रक्षा भी तो करनी थी। सबको इंतजार था प्रोमिस डे यानी ग्यारह फरवरी का। प्रिये, उसी दिन पता चलना था कि तुम्हारे प्रपोजल का क्या अंजाम होना है। पता चलना था कि कौन सा सूरमा प्रपोज डे के दिन सबसे अधिक प्रपोजल पाया है। प्रिये, तुमने बिना डरे, बिना किसी की भी धमकियों में आये, जो निर्भीक प्रपोजल प्रपोज डे को ईवीएम में डाला था, उसका परिणाम प्रोमिस डे को ही पता चला।

प्रिये, जब भी मैं तुम्हारी मधुर यादों में खो जाता हूँ तो मुझे सन पंद्रह का वसंत भी याद आता है। 2015 में भी तब वसंत ही था जब तुमने एक नये नवेले को चुना था। बजरंग दल और श्री राम सेना का आतंक तब भी था पर तुम्हें उस नये नवेले को चुनने में जरा सी भी झिझक नहीं हुई थी। बिना झिझके, बिना डरे तब तुमने उसे प्रपोज किया था।

प्रिये, तुमने उसे पिछली बार 2015 में भी प्रपोज किया था और आज भी किया है। पर इस बार यह अधिक साहस का काम है। इस बार बजरंग दल और श्री राम सेना के साथ साथ और तरह का आतंक भी मौजूद है। इस बार गोली मारने की धमकियां हैं, करंट लगाने की बातें हैं, आतंकवादी और पाकिस्तानी शब्द  हैं, अधिक नफरत फैलाने का काम है। प्रिये, तुम्हारे साहस से मैं अभीभूत हूँ।

महाकवि निराला के शब्दों में:

अभी न होगा मेरा अंत,

अभी–अभी ही तो आया है,
मेरे वन में  मृदुल वसंत,
अभी न होगा मेरा अंत

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Delhi Election 2020
valentines day
religion
politics

Related Stories

सर जोड़ के बैठो कोई तदबीर निकालो

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

तिरछी नज़र: ...चुनाव आला रे

चुनावी चक्रम: लाइट-कैमरा-एक्शन और पूजा शुरू

कटाक्ष: इंडिया वालो शर्म करो, मोदी जी का सम्मान करो!


बाकी खबरें

  • Yeti Narasimhanand
    न्यूज़क्लिक टीम
    यति नरसिंहानंद : सुप्रीम कोर्ट और संविधान को गाली देने वाला 'महंत'
    23 Apr 2022
    यति नरसिंहानंद और अ(संतों) का गैंग हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद गिरी ने दूसरी बार अपने ज़मानत आदेश का उल्लंघन करते हुए ऊना धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती बयान दिए हैं। क्या है यति नरसिंहानंद…
  • विजय विनीत
    BHU : बनारस का शिवकुमार अब नहीं लौट पाएगा, लंका पुलिस ने कबूला कि वह तलाब में डूबकर मर गया
    22 Apr 2022
    आरोप है कि उनके बेटे की मौत तालाब में डूबने से नहीं, बल्कि थाने में बेरहमी से की गई मारपीट और शोषण से हुई थी। हत्या के बाद लंका थाना पुलिस शव ठिकाने लगा दिया। कहानी गढ़ दी कि वह थाने से भाग गया और…
  • कारलिन वान हाउवेलिंगन
    कांच की खिड़कियों से हर साल मरते हैं अरबों पक्षी, वैज्ञानिक इस समस्या से निजात पाने के लिए कर रहे हैं काम
    22 Apr 2022
    पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले लोग, सरकारों और इमारतों के मालिकों को इमारतों में उन बदलावों को करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके ज़रिए पक्षियों को इन इमारतों में टकराने से…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी
    22 Apr 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले वे 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के 15 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर हैं फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है।
  • ईशिता मुखोपाध्याय
    भारत में छात्र और युवा गंभीर राजकीय दमन का सामना कर रहे हैं 
    22 Apr 2022
    राज्य के पास छात्रों और युवाओं के लिए शिक्षा और नौकरियों के संबंध में देने के लिए कुछ भी नहीं हैं। ऊपर से, अगर छात्र इसका विरोध करने के लिए लामबंद होते हैं, तो उन्हें आक्रामक राजनीतिक बदले की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License