NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
"मुझे मास्टरमाइंड बताकर धोखे से घर से उठा लिया"
लखनऊ में स्वतंत्र पत्रकार अलीमुल्लाह ख़ान को 19 दिसंबर के देशव्यापी प्रदर्शन से पहले 18 दिसंबर की रात को पुलिस ने उठा लिया था। बाद में उन्हें ज़मानत पर रिहा किया गया। उन्होंने अपनी आपबीती हमें लिख भेजी है। यहां प्रस्तुत है अलीमुल्लाह की कहानी उन्हीं की ज़ुबानी
अलीमुल्ला ख़ान
23 Dec 2019
 Alimullah Khan

18 दिसबंर की रात आठ बजे का वक्त था। रात के खाने की तैयारी चल रही थी। तभी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया। मैं घर पर नहीं था। मेरे बेटे गज़ाली हसन ख़ान ने दरवाज़ा खोला और देखा कि सामने चार-पांच पुलिस वाले हैं। उन्होंने मेरे बारे में पूछा तो बेटे ने बताया कि अब्बू घर पर नहीं हैं। मैं घर से बाहर अगले दिन लखनऊ में होने वाले प्रोटेस्ट की तैयारी कर रहा था। मेरे साथ मेरे दोस्त तौसीफ काज़ी भी थे।

पुलिस वालों ने बेटे से कहा कि डॉक्टर साहब पत्रकार हैं ज़रा उनसे बात करनी थी। तभी उनका मेरे फोन पर फोन आया कि ज़रा घर आइए...आपसे बात करनी है। मैं फौरन घर पहुंचा तो कहने लगे कि ज़रा थाने चलिए, चाय पियेंगे और दो मिनट बात करेंगे। हमने अपनी गाड़ी उनकी गाड़ी के पीछे लगा ली। हम लोग अलीगंज थाने पहुंचे।

कहने लगे कि भाई आप लोग कल क्या कर रहे हैं? हमने कहा कि कुछ नहीं, एक पीसफुल प्रोटेस्ट के लिए कॉल दिया है। वह कहने लगे कि पीसफुल प्रोटेस्ट नहीं बल्कि दंगा भड़काने की साजिश है और आप लोग इसके मास्टरमाइंड हैं। हमने कहा कि मास्टरमाइंड नहीं ये जनता का पीसफुल एहतिजाज़ है तो उन्होंने कहा कि नहीं यह सब नहीं चलेगा। हमने कहा कि देश कानून से चलता है और देश के कानून ने अधिकार दिया है कि हम आम जनमानस के खिलाफ़ नीतियों को लेकर एहतिजाज़ करें और अपनी आवाज़ बुलंद करें। तो उन्होंने कहा कि धारा 144 लगा दिया है तो मैंने कहा कि धारा 144 लगा देना तो और भी खतरनाक है। खैर ये सब आरग्यूमेंटस होते रहे। फिर बताया कि आपको डिटेन किया गया है। कल शाम तक आप पुलिस हिरासत में रहेंगे।

रात होने लगी। कहर की सर्दी हो रही थी। मैंने कहा कि मुझे भूख लगी है और एक कंबल घर से मंगवाना है। उन लोगों ने इसपर कोई जवाब नहीं दिया। मुझे वायरलेस रूम में रखा गया। टेबल पर चार फोन रखे थे। उसी कमरे में एक चेन स्नेचर और एक शराबी को भी रखा गया था।

शराबी पर आरोप था कि उसने नशे की हालत में अपने पेरेंट्स पर पेट्रोल डालकर उन्हें जलाने की कोशिश की। उसी रूम में मुझे एक बैंच पर सोने के लिए बोला गया। मैं अपराधियों के साथ तो किसी कीमत पर रात नहीं बिता सकता था। सो पूरी रात कुर्सी पर ही बैठा रहा। मिलने के लिए लोग आते रहे।

मैंने सोने से इनकार कर दिया तो एक पुलिस वाले ने कहा कि मैं टेबल पर लगे मार्बल पर सो जाऊं। ऐसी कड़ाके की ठंड में एक चादर बिछाकर एक पतली सी चादर से मैंने पूरी रात बिताई।

अगले दिन शाम चार बजे तक दिनभर प्रोटेस्ट चला। खबरें आती रहीं। मेरा फोन जब्त था। वह मेरा फोन चेक करने लगे। मेरे निजी मैसेज देखने लगे। इसपर मैंने थाने में हंगामा कर दिया। तब कहने लगे कि ठीक है ग्रुप्स के मैसेज चेक कर रहे हैं। अगले दिन शाम हो गई, रात हो गई लेकिन मुझे छोड़ जाने का कोई हाव भाव नहीं दिखाई दे रहा था। देर रात में एसएचओ ने बताया कि आपको गिरफ्तार कर लिया गया है। मैने पूछा कि धाराएं क्या लगाई हैं तो कहने लगे कि कल कोर्ट में देख लेना। एसएचओ ने कहा कि एफआईआर की कॉपी पर साइन किजिए। मैंने पढ़ने के लिए एफआईआर मांगी तो साफ मना कर दिया।

सुबह मुझे कोर्ट ले जाया गया। वहां जाकर मुझे पता लगा कि मेरे खिलाफ 153 और 67 आईटी एक्ट लगाया। लेकिन मेरे लिए वहां वकीलों की कतार लगी थी। लगभग 18 वकील थे। जिन्होंने जिरह कर मुझे ज़मानत पर रिहा करवाया। मुझे ऐसे लगता है कि मैं तो रुपये-पैसे से संपन्न हूं और अपने लिए वकील या दूसरे इंतज़ाम कर सकता हूं लेकिन जिसका कोई नहीं, घर से मज़बूत नहीं, चार वक्त की रोटी नहीं, घर परिवार को कोई देखने वाला नहीं उन लोगों का क्या होता होगा।

(पत्रकार अलीमुल्लाह ख़ान ने इस लेख में अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं। न्यूज़क्लिक उनके आरोपों की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं करता है।)

इसे भी पढ़े: द हिंदू के पत्रकार की आपबीती: 'ख़ामोश बैठे रहो वरना दंगे की साज़िश की धारा तहत कार्रवाई करेंगे'

CAA
Protest against CAA
CAB-NRC Protest
Lucknow
UttarPradesh
Journalist Alimullah Khan
UP police
yogi sarkar
modi sarkar
BJP

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • नीलू व्यास
    यूपी चुनाव : बीजेपी का पतन क्यों हो रहा है?
    03 Mar 2022
    अगर बीजेपी का प्रदर्शन नहीं सुधरा, तो इसकी सारी ज़िम्मेदारी गोरखनाथ मठ के भगवा धारी मुख्यमंत्री की होगी।
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    यूक्रेन-रूस विवाद: यूक्रेन में फंसे छात्रों पर दोष न मढ़े बीजेपी का प्रचार तंत्र!
    02 Mar 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के आज के एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात करेंगे Ukraine के खारकीव में शेलिंग के दौरान हुई एक भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत पर। वह इस विषय पर भी चर्चा करेंगे…
  • manipur
    न्यूज़क्लिक टीम
    मणिपुर चुनाव : मणिपुर की इन दमदार औरतों से बना AFSPA चुनाव एजेंडा
    02 Mar 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बात की Manipur की उन औरतों से जिन्होंने AFSPA के ख़ात्मे पर BJP को छोड़ तमाम राजनीतिक पार्टियों को वादा देने पर मजबूर किया। उनकी संस्था Extra Judicial…
  • manipur
    भाषा सिंह
    मणिपुरः जो पार्टी केंद्र में, वही यहां चलेगी का ख़तरनाक BJP का Narrative
    02 Mar 2022
    बात बोलेगी— क्या आपको पता है कि मणिपुर की पूरी आबादी पूरे भारत की आबादी का 0.4 फ़ीसदी से भी कम है और यहां के लोगों पर सशस्त्र बल विशेषाधिकार क़ानून (AFSPA) सहित बाक़ी ख़ौफ़नाक कानून 32 फीसदी थोपे…
  • anganwadi
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: सीटू के नेतृत्व वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन ने आप सरकार पर बातचीत के लिए दबाव बनाया
    02 Mar 2022
    बुधवार को, दिल्ली आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन (DAWHU) ने दिल्ली सरकार को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और का एक ज्ञापन सौंपा। दिल्ली सरकार पर दबाबा बनाया कि वो यूनियन से बातचीत करे और…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License