NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
त्रासदी : सड़क पर कुचले जा रहे मज़दूर, ट्रेनों में ठूंसे जा रहे मज़दूर
पिछले कुछ घंटों में ही अलग-अलग सड़क हादसों में 16 प्रवासी मज़दूरों की मौत हो चुकी है, तो वहीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में स्लीपर का किराया वसूलने के बाद भी मज़दूरों को भूसे की तरह भरकर वापस भेजा जा रहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 May 2020
covid 19

पिछले कुछ घंटों में ही अलग-अलग सड़क हादसों में 16 प्रवासी मज़दूरों की मौत हो चुकी है। इसमें से एक बड़ा हादसा मध्य प्रदेश में गुना के पास हुआ। बृहस्पतिवार तड़के एक बस और ट्रक की टक्कर से बस में सवार आठ प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गयी और लगभग 50 घायल हो गये।
 

छावनी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक मदन मोहन मालवीय ने बताया कि हादसा बृहस्पतिवार तड़के गुना के पास हुआ जब प्रवासी श्रमिक महाराष्ट्र से एक बस के द्वारा उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे थे।

इसी तरह उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के समीप दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग पर तेज गति से आ रही एक बस से कुचलकर छह प्रवासी मज़दूरों की मौत हो गई और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

एसएसपी अभिषेक यादव ने बृहस्पतिवार को बताया कि आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। ऐसा शक है कि उसने शराब पी रखी थी।

अधिकारी ने बताया कि ये मज़दूर पंजाब से चले थे और बिहार में अपने घर पैदल जा रहे थे जब बुधवार देर रात यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर घलौली जांच चौकी और रोहाना टोल प्लाजा के बीच दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग पर बस की चपेट में आ गए। हादसे में घायल सुशील, नाथू सैनी, पवन सैनी, प्रमोद और रामजी राय को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

दो मृतकों की पहचान बिजेंदर (25) और हर्ष (20) के रूप में की गई है। बाकियों की पहचान अभी नहीं की जा सकी है।

इसी तरह बिहार के समस्तीपुर में प्रवासी मज़दूरों से भरी बस और ट्रक की टक्कर में 2 मज़दूरों की मौत हो गई, 12 जख्मी हो गए।

गौरतलब है कि शहरों में फंसे इन प्रवासी मज़दूरों के सामने रहने और खाने-पीने का संकट है। कोरोना से बच भी जाएं तो कहीं भूख से न मर जाएं, यही सोचकर मज़दूर पैदल ही सैकड़ों-हजारों किलोमीटर के सफर पर अपने घरों के लिए निकलते जा रहे हैं।

आपको बता दें कि प्रवासी मज़दूरों के लिए ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। जब इन ट्रेनों को चलाने का ऐलान हुआ तो प्रवासी मज़दूरों को उम्मीद बंधी थी कि अब वे सुरक्षित अपने घर पहुंच जाएंगे। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलते हुए 2 हफ्ते होने को हैं लेकिन तस्वीर नहीं बदली। अब भी वही मंजर है।

दरअसल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की कहानी भी इससे बहुत अलग नहीं है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और विपक्षी पार्टियों के तमाम दावे के बावजूद प्रवासी मज़दूरों को टिकट खरीदना पड़ रहा है। ऐसे में बहुत सारे मज़दूरों के पास पैसा नहीं होने के चलते पैदल घर वापस लौटने की मजबूरी है।

हालांकि इस दौरान ट्रेनों से वापसी करने वालों की हालत बहुत अच्छी नहीं है। आज गुरुवार, 13 मई की सुबह 11 बजे गुजरात के सूरत से उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना की गई है। इस ट्रेन के सभी मज़दूरों 605 रुपये टिकट का वसूला गया है।

ट्रेन में सफर कर रहे नरेंद्र भाई न्यूज़क्लिक से बताते हैं, 'दो दिन लाइन में लगने के बाद टिकट मिला है। सरकार स्लीपर के करीब का पैसा ले रही है लेकिन जब हम ट्रेन में सवार हुए तो ज्यादातर जनरल बोगी लगी हुई हैं और लोग भूसे की तरह भरे हुए हैं। इसमें सिर्फ बैठने भर की जगह है। करीब 20 घंटे का सफर होगा। उधार पैसे लेकर टिकट लिया है लेकिन इसमें भी सुविधा बिल्कुल नहीं है। मज़दूरों के लिए सिर्फ वादे किए जाते हैं और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जाता है।'

यानी मज़दूर न तो ट्रेनों में सुरक्षित तरीके से वापसी कर पा रहे हैं और न ही सड़क मार्ग से सही तरीके से घर वापस लौट रहे हैं।

 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

COVID19
Coronavirus lockdown
workers die
Workers being crushed on the road

Related Stories

इस संकट की घड़ी में लोगों की मदद करने के लिए सरकार को ख़र्च बढ़ाना चाहिए

लखनऊ में लॉकडाउन की अफ़वाहों से ख़ौफ़ के साये में प्रवासी मज़दूर, कई लोग घर के लिए रवाना

टैंक रोड-करोल बाग़ : बाज़ारों की स्थिति ख़राब, करना होगा लम्बा इंतज़ार

लॉकडाउन त्रासदी; अतीत से समानताएं: क्यों हमें अपना सर शर्म से झुका लेना चाहिए

लॉकडाउन प्रभाव: Swiggy और Zomato में बड़े पैमाने पर छंटनी, कर्मचारियों ने कहा- इस संकट में कहां जाएंगे?

श्रमिक दिवस नहीं, श्रमिक दशक चाहिए


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License