NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
त्रिपुरा निकाय चुनाव: विपक्ष का सत्तारूढ़ भाजपा-आईपीएफटी पर बड़े पैमाने पर मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप
सीपीआई (एम), टीएमसी द्वारा कानून-व्यवस्था के उल्लंघन की शिकायत मिलने के पश्चात सर्वोच्च न्यायालय की ओर से गृह मंत्रालय को केंद्रीय बलों की 2 अतिरिक्त कंपनियां भेजने के निर्देश के बावजूद हिंसा की खबरें हैं।
संदीप चक्रवर्ती, शांतनु सरकार
26 Nov 2021
tripura

कोलकाता/अगरतला: गुरुवार को त्रिपुरा में हुए निकाय चुनावों के बारे में स्थानीय निवासियों का कहना है कि “ऐसा कई दशकों में देखने को नहीं मिला था,” वहीं विपक्षी वाम मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सत्तारूढ़ भाजपा और आईपीएफटी के कार्यकर्ताओं पर मतदाताओं को डराने-धमकाने और हिंसक गतिविधियों को करने का आरोप लगाया है। 

यह सब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को त्रिपुरा नगरपालिका चुनावों के दौरान प्रत्येक मतदान केंद्र की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की दो अतिरिक्त कंपनियों को उपलब्ध कराए जाने का निर्देश देने के बावजूद हो रहा है।

शीर्ष अदालत ने यह निर्देश तब दिया, जब टीएमसी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत एवं विक्रम नाथ की पीठ को बताया कि गुरुवार सुबह मतदान शुरू होने के साथ ही उनके उम्मीदवारों और समर्थकों को कथित तौर पर वोट डालने की अनुमति नहीं दी जा रही है और वहां पर “कानून और व्यवस्था का पूरी तरह से उल्लंघन” हो रहा है। 

स्थानीय निवासियों के मुताबिक कुछ शहरी क्षेत्रों के कुछ मतदान केन्द्रों पर भाजपा के “गुंडों ने अपना कब्जा कर लिया है” और यह आरोप लगाया कि विशेष रूप से महिला मतदाताओं को मतदान से वंचित कर दिया गया है। राज्य चुनाव आयोग के सचिव पल्लब भट्टाचार्य ने दावा किया है कि “सब ठीक है” और दोपहर बाद तक मतदान में अनियमितता की कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई थी, जबकि कई मुहल्लों से चुनाव के दौरान हिंसा और “भीड़ द्वारा कब्जे” की खबरें हैं।

सीपीआई(एम) के राज्य सचिव जितेन्द्र चौधरी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ़ त्रिपुरा अलायन्स पर “लोकतंत्र का मजाक बना देने” के लिए फटकार लगाते हुए कहा, “दिन के उजाले में, राज्य में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं जैसा आज तक कभी भी नगर निकाय चुनावों में देखने को नहीं मिला था।”

उन्होंने कहा “भाजपा के 44 महीनों के शासनकाल में त्रिपुरा का यह हाल हो गया है। यहाँ पर लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो चुका है। माननीय उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद भी संविधान यहाँ पर पूरी तरह से निष्क्रिय है।” 

चौधरी जो भूतपूर्व लोकसभा सांसद भी हैं, ने कहा कि त्रिपुरा को “हिन्दू राष्ट्र के नमूने” के तौर पर तब्दील कर दिया गया है। वे त्रिपुरा को इसकी प्रयोगशाला बनाकर देश में फासीवाद को हवा देने की कोशिश कर रहे हैं।”

माकपा के राज्य सचिव के अनुसार पुलिस का कहना है कि उसकी ओर से शिकायतों का समाधान किया जा रहा है, “लेकिन हमारी पार्टी द्वारा की गई ताबड़तोड़ टेलीफोन कॉल्स का उनकी तरफ से जवाब नहीं दिया जा रहा है।”

कुछ स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों का आरोप है कि इस प्रकार की घटनाएं बुधवार की रात से ही शुरू हो चुकी थीं जब “हथियारबंद भाजपा सदस्यों ने मतदान वाले शहरी क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में लेना शुरू कर दिया था।”

माकपा सूत्रों का आरोप है कि “बुधवार को दोपहर करीब 1.50 बजे, माकपा के रूडीजोला क्षेत्र समिति के सदस्य सौमेंद्रपाल (भीमा) पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने बेरहमी से हमला किया गया था। वे गंभीर रूप से घायल हो गये। अरबिंदापल्ली (वार्ड नंबर 3), जगन्नाथबाड़ी (वार्ड न. 2) पालपारा (वार्ड न. 13) में पूरी रात भर “बमबारी” की सूचना थी, जबकि पुलिस रात भर लुकाछिपी का खेल खेलती रही।”

वाम मोर्चा मेला घर नगरनिगम की कुल 11 सीटों में से आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सोनामुरा में जहाँ माकपा सभी वार्डों से चुनाव लड़ रही है, पार्टी का आरोप था कि उसके एजेंटों को मतदान केंद्रों से “बाहर निकाल दिया गया” था।

बधारघाट नगरपालिका के वार्ड न. 14 में भाजपा विधायक मिमी मजूमदार ने कथित तौर पर डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के नेता, नबाकुमार साहा के घर पर हमले का नेतृत्व किया। वामपंथी सूत्रों ने बताया है कि, यहाँ तक कि एक भाजपा विधायक के रिश्तेदार के घर भी हमला हुआ है, क्योंकि उन्हें “ज्ञात वामपंथी समर्थकों” के तौर गिना जाता है। 

अगरतला नगर निगम में, अधिकांश मतदान केन्द्रों से मतदाताओं के लिए तमाम प्रकार की बाधाएं खड़ी किये जाने की सूचनाएं हैं।

विपक्ष का आरोप है कि धर्मनगर में भी विपक्षी दलों के सभी पोलिंग एजेंटों को बाहर कर दिया गया और यहाँ तक कि उम्मीदवारों तक को मतदान केंद्रों पर जाने से रोक दिया गया।

धर्मनगर और बिलोनिया में कुछ वार्डों से महिलाओं के खिलाफ हिंसा और चुनाव एजेंटों के साथ मार-पीट की घटनाएं सुनने में आई हैं।

गुरूवार को, सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा था कि चूँकि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के समक्ष स्वीकारा था कि मतदान केन्द्रों में सीसीटीवी कैमरों की कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसे में वह निकाय चुनावों के दौरान अख़बार और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की निर्बाध पहुँच की इजाजत दे रही है। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इसका पालन नहीं किया गया।

माकपा निकाय चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगी 

माकपा की त्रिपुरा ईकाई ने उन पांच नगर निकायों में दोबारा से मतदान कराए जाने की मांग की है जहाँ पर चुनाव संपन्न कराए गए हैं, और इसके साथ ही चार और नगर निकायों में आंशिक पुनर्मतदान की भी मांग की है।

अगरतला में एक संवाददाता सम्मेलन में वाम दल ने कहा कि उसने चुनाव प्रकिया को रोकने के लिए एक याचिका के साथ सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है और अवमानना याचिका दाखिल करने जा रही है क्योंकि राज्य सरकार ने शीर्षस्थ अदालत के पूर्व निर्देशों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। पार्टी ने कहा है कि इसी विषय पर चुनाव आयोग में भी याचिका दायर करेगी।

इस बीच, वाम मोर्चे की ओर से उन पांच नगर निकायों में मतों की गणना की प्रकिया का बहिष्कार करने का भी फैसला लिया गया है जहाँ पर उसके द्वारा पुनर्मतदान कराए जाने की मांग की गई है। इनमें अगरतला नगर निगम, बिलोनिया नगरपालिका, धर्मनगर, खोवाई और मेलाघर के वार्ड शामिल हैं। 

देशेर कथा एवं पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार शांतनु सरकार से प्राप्त इनपुट के आधार पर। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Tripura Civic Polls: Big-Time Voter Intimidation by Ruling BJP-IPFT Members, Alleges Opposition

Tripura Civic Polls
BJP-IPFT
Booth Violence
Voter Intimidation
Supreme Court

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    'राम का नाम बदनाम ना करो'
    17 Apr 2022
    यह आराधना करने का नया तरीका है जो भक्तों ने, राम भक्तों ने नहीं, सरकार जी के भक्तों ने, योगी जी के भक्तों ने, बीजेपी के भक्तों ने ईजाद किया है।
  • फ़ाइल फ़ोटो- PTI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?
    17 Apr 2022
    हर हफ़्ते की कुछ ज़रूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन..
  • hate
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज
    16 Apr 2022
    देश भर में राम नवमी के मौक़े पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जगह जगह प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में दिल्ली में जंतर मंतर पर नागरिक समाज के कई लोग इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि सरकार हिंसा और…
  • hafte ki baaat
    न्यूज़क्लिक टीम
    अखिलेश भाजपा से क्यों नहीं लड़ सकते और उप-चुनाव के नतीजे
    16 Apr 2022
    भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर क्यों इस कदर आश्वस्त है? क्या अखिलेश यादव भी मायावती जी की तरह अब भाजपा से निकट भविष्य में कभी लड़ नहींं सकते? किस बात से वह भाजपा से खुलकर भिडना नहीं चाहते?
  • EVM
    रवि शंकर दुबे
    लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा
    16 Apr 2022
    देश में एक लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के नतीजे नए संकेत दे रहे हैं। चार अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License