NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
तुर्की : महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के विरोध में हज़ारों ने मार्च किया
प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि तुर्की को 2012 इस्तांबुल कन्वेंशन ने अपना नाम नहीं हटाना चाहिये जो हस्ताक्षरकर्ताओं से महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के लिए क़ानून लागू करने को कहता है।
पीपल्स डिस्पैच
07 Aug 2020
महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के विरोध में हज़ारों ने मार्च किया

5 अगस्त को हज़ारों महिलाओं ने तुर्की के अलग-अलग शहरों में मार्च किया और सरकार से मांग की कि महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा को रोकने के लिये कड़े क़दम उठाने की मांग की और यह भी मांग की कि तुर्की इस्तांबुल कन्वेंशन से अपना नाम वापस न ले।

बुधवार का विरोध प्रदर्शन पिछले महीने 27 वर्षीय महिला, पिनार गुल्टीन की निर्मम हत्या के बाद शुरू हुए विरोध का हिस्सा था। विरोध प्रदर्शन तुर्की के कई शहरों में किया गया, जिसमें इस्तांबुल, इज़मिर, अंकारा, अदाना और अंताल्या शामिल हैं। इज़मिर में, पुलिस द्वारा बल प्रयोग करने के बाद मार्च करने वाली महिलाएं बैठ गईं और उनमें से कई को हिरासत में ले लिया।

विरोध प्रदर्शनों का आयोजन महिला अधिकार समूहों द्वारा किया जाता है, जैसे कि हम तुर्की में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए दूसरों के बीच महिलाओं की हत्या को रोकने के लिए फेमिसाइड प्लेटफॉर्म, अंकारा महिला मंच, प्लेटफॉर्म को रोकेंगे। प्लेटफार्म के अनुसार इस वर्ष 135 महिलाएं पहले ही मार दी गई हैं, ज्यादातर उनके परिवार के सदस्यों या भागीदारों द्वारा। पिछले साल कम से कम 474 महिलाओं की हत्या उनके परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों या उनके सहयोगियों द्वारा की गई थी।

प्रदर्शनकारियों ने रेसेप तईप एर्दोगन सरकार पर 2011 में हस्ताक्षर किए गए इस्तांबुल सम्मेलन के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है जिसके अनुसार तुर्की में क़ानून संख्या 6284 लागू किया गया है। यह क़ानून महिलाओं के ख़िलाफ़ सभी प्रकार की हिंसा पर प्रतिबंध लगाता है।

मीडिया और तुर्की की सरकार में रूढ़िवादी वर्गों, न्याय और विकास पार्टी (AKP) द्वारा सत्ता पर काबिज होने, परिवार के मूल्यों पर कथित नकारात्मक प्रभाव का हवाला देते हुए सरकार से सम्मेलन को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। एर्दोगन के बेटे के साथ एक संगठन, तुर्की यूथ फाउंडेशन, ने सम्मेलन से वापस लेने का आह्वान किया है। एर्दोगन पर खुद समय-समय पर गलत या महिला विरोधी बयान देने के आरोप लगते रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सरकार को सम्मेलन से पीछे नहीं हटना चाहिए और इस तरह के किसी भी क़दम का विरोध किया। उन्होंने मांग की कि सरकार अधिवेशन के तहत अपने दायित्वों को लागू करे।

Turkey
Turkey Protest
crimes against women
violence against women
Attack on women
gender discrimination

Related Stories

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत

‘बुल्ली बाई’: महिलाओं ने ‘ट्रोल’ करने के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा

तुर्की में पुलिस ने महिला प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दागे आंसू गैस के गोले

दिल्ली: सिविल डिफेंस वालंटियर की निर्मम हत्या शासन-प्रशासन के दावों की पोल खोलती है!

'इस्तांबुल कन्वेंशन ऑन विमेंस राइट्स' से तुर्की के हटने के फ़ैसले से विरोध प्रदर्शन तेज़

निर्भया कांड के आठ साल : कितनी बदली देश में महिला सुरक्षा की तस्वीर?

बाल यौन शोषण प्रकरण: महिलाएं हों या बच्चे यूपी में कोई सुरक्षित नहीं!

स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली छात्रा के अपने ही बयान से पलटने के क्या मायने हैं?


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License