NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इथियोपिया में संघर्ष तत्काल रोकने की अपील की
परिषद ने इथियोपिया में तेज होते संघर्ष के प्रसार को रोकने और युद्ध प्रभावित टिगरे क्षेत्र में भुखमरी से निपटने के लिए निर्बाध मानवीय सहायता की अपील की।
एपी
06 Nov 2021
UN Security Council

संयुक्त राष्ट्र:  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इथियोपिया में तेज होते संघर्ष के प्रसार को रोकने और युद्ध प्रभावित टिगरे क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी भुखमरी से निपटने के लिए निर्बाध मानवीय सहायता की अपील की।

संयुक्त राष्ट्र की इस सबसे शक्तिशाली इकाई ने ‘‘देश तथा व्यापक क्षेत्र की स्थिरता’’ पर संघर्ष के प्रभाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की, साथ ही सभी पक्षों से ‘‘नफरत फैलाने वाले भाषणों और हिंसा भड़काने वाली गतिविधियों’’ से दूरी बनाने की अपील की।

परिषद के 15 सदस्यों ने उत्तरी टिगरे क्षेत्र में युद्ध की पहली बरसी के अगले दिन एक प्रेस वक्तव्य जारी किया। संघर्ष पर यह परिषद का दूसरा और संघर्ष से बिगड़ती स्थिति को संभालने के लिए पहला बयान था। इस युद्ध में हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र के लिए आयरलैंड के राजदूत गेराल्डिन बायने नैसन ने कहा, ‘‘आज सुरक्षा परिषद ने छह महीने की खामोशी तोड़ते हुए एकस्वर में इथियोपिया में गंभीर स्थिति पर बात की है।’’

उन्होंने कहा,‘‘पहली बार, परिषद स्पष्ट रूप से शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान करती है। हमारा मानना है कि यह तत्काल होना चाहिए और सभी नागरिकों की रक्षा की जानी चाहिए।’’

इस बयान का मसौदा आयरलैंड, केन्या, नाइजर, ट्यूनीशिया, सेंट विंसेंट और द ग्रेनाडिनेस ने तैयार किया है। इन देशों और अमेरिका ने इथियोपिया के मुद्दे पर शुक्रवार को सुरक्षा परिषद की बैठक की मांग की थी, लेकिन इसे अगले सप्ताह की शुरुआत तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राजनयिकों ने कहा कि अफ्रीकी संघ के प्रतिनिधि भाग लेने के लिए मौजूद नहीं थे। इसलिए बैठक में देरी हुई।

गौरतलब है कि इथियोपिया के प्रधानमंत्री एबी अहमद की सरकार और टिगरे नेताओं के बीच महीनों का राजनीतिक तनाव पिछले नवंबर में युद्ध में बदल गया। टिगरे नेताओं का इथियोपिया की सरकार में कभी दबदबा था।

UN Security Council
Ethiopia

Related Stories

भारत-रूस संबंधों पर छाया कश्मीर का साया

हफ़्ते की बात :कश्मीर मुद्दे पर UN की मीटिंग, पहलू खान केस और अन्य खबरें 

जम्मू-कश्मीर : भारत, पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका

अज़हर को 'वैश्विक आतंकी' घोषित करवाने वाले कूट-नीतिज्ञ मुस्लिम हैं

मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए क्या इतनी बड़ी क़ीमत चुकाना जायज़ है?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    किसान-योद्धा ग़ुलाम मोहम्मद जौला के निधन पर शोक
    16 May 2022
    गुलाम मोहम्मद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ भारतीय किसान यूनियन की बुनियाद डालने वाले जुझारू किसान नेता थे। अपने जीवन के अंतिम दिनों तक वे किसान आंदोलन में सक्रिय रहे।
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    भाजपा से मुकाबला कर पाएगी कांग्रेस ?
    16 May 2022
    आज न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं कांग्रेस के चिंतन शिविर की। वे सवाल उठा रहे हैं कि क्या आने वाले चुनावों में कांग्रेस भाजपा को चुनौती दे पाएगी?
  • रवि शंकर दुबे
    विश्लेषण: कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ से क्या निकला?
    16 May 2022
    राजस्थान के उदयपुर में आयोजित हुए कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में कई बड़े फ़ैसले लिए गए।
  • मुकुंद झा
    मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?
    16 May 2022
    नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) इस घटना के लिए दिल्ली सरकार को ज़िम्मेदार बता रही है, जबकि दिल्ली सरकार में सत्तधारी आम आदमी पार्टी (आप) इसके लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार बता रही है।…
  • एम.ओबैद
    बिहार : सरकारी प्राइमरी स्कूलों के 1.10 करोड़ बच्चों के पास किताबें नहीं
    16 May 2022
    पहली से आठवीं तक के क़रीब 1 करोड़ 67 लाख बच्चों में से 1 करोड़ 10 लाख बच्चों के पास आज भी किताबें उपलब्ध नहीं हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License