NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
फिलिस्तीन
यूएन विशेषज्ञों ने इज़रायल की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में एनेक्सेशन योजना की निंदा की
विशेषज्ञों ने इस योजना को अवैध और फ़िलिस्तीनी मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है।
पीपल्स डिस्पैच
17 Jun 2020
फ़िलिस्तीन

50 से अधिक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने मंगलवार 16 जून को एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें इज़रायल के एनेक्सेशन योजना की निंदा की गई थी। इस योजना के तहत फिलिस्तीनी वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से को मिलाया जाएगा। वेस्ट बैंक के विचाराधीन इस हिस्से में क़ब्ज़े वाले फिलिस्तीनी भूमि पर निर्मित अवैध इज़रायली बस्तियां शामिल है जिसे इज़रायल और जॉर्डन घाटी का हिस्सा बनाने के लिए इज़रायल संप्रभुता के लिए आवेदन करना चाहता है।

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा है कि इज़रायल द्वारा किया गया ये फैसला अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत ग़ैरक़ानूनी होगा। ये क़ानून क़ब्ज़ा करने वाली शक्ति द्वारा एकतरफा और सैनिकों द्वारा क़ब्ज़ा किए गए क्षेत्र को मिलाने पर प्रतिबंध लगाता है।


अपने संयुक्त बयान में विशेषज्ञों ने कहा, "क़ब्ज़े वाले क्षेत्र का एनेक्सेशन संयुक्त राष्ट्र और जेनेवा कन्वेंशन के चार्टर का घोर उल्लंघन है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासभा द्वारा कई बार स्वीकार किए गए मौलिक नियम के विपरीत है कि युद्ध या सैनिक द्वारा क्षेत्र का अधिग्रहण अस्वीकार्य है।"


अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह करते हुए कहा है कि वे इस एनेक्सेशन योजना का विरोध करें और इज़़रायल को ऐसा करने से रोकें। विशेषज्ञों ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने एनेक्सेशन को बिल्कुल प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि यह युद्ध, आर्थिक तबाही, राजनीतिक अस्थिरता, सुनियोजित मानवाधिकारों का उत्पीड़न और व्यापक मानवीय पीड़ा को उकसाता है।"


विशेषज्ञों ने इस तथ्य की भी निंदा की कि यदि इस एनेक्सेशन योजना को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है जिसका मतलब होगा कि इज़रायल वर्तमान क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक का लगभग 30 प्रतिशत मिला लेगा तो फिलिस्तीनियों के लिए 'बंतुस्तान' से ज्यादा कुछ नहीं बचेगा। साथ ही फिलिस्तीनियों के लिए एक स्वतंत्र, व्यवहार्य, सन्निहित फिलिस्तीनी राज्य की सभी उम्मीदें समाप्त हो जाएगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस एनेक्सेशन योजना का सबसे संभावित परिणाम 21वीं सदी के रंगभेद की अन्यायपूर्ण वास्तविकता का अहसास होगा जो उनके शब्दों में, " दो लोग एक ही स्थान पर रह रहे हैं जो एक ही सरकार द्वारा शासित हैं लेकिन पूरी तरह असमान अधिकारों के साथ।”

फिलिस्तीनी क्षेत्रों के इज़रायली क़ब्ज़े को "फिलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ घोर मानवाधिकारों के उल्लंघन का स्रोत" बताते हुए विशेषज्ञों ने अपने बयान में इज़रायल के निरंतर अतीत के उल्लंघन का उल्लेख किया है जिसमें भूमि क़ब्ज़ा करने, बसने वालों की हिंसा, घरों का विध्वंस, सैनिकों का अत्यधिक उपयोग और उत्पीड़न, मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और "फिलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ "नस्लीय और राष्ट्रीयता पर आधारित राजनीतिक, क़ानूनी, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक अधिकारों का द्विस्तरीय प्रणाली" शामिल जो गंभीर चिंताओं को व्यक्त करते हैं कि एनेक्सेशन के बाद इज़रायली मानवाधिकारों का उल्लंघन तीव्र होगा।

Israel
israel annexation plan
Palestine
Netanyahu
UN
United nations
UN on Israel

Related Stories

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस को शीर्ष मानवाधिकार संस्था से निलंबित किया

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License