NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
यूपी: शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला, छुट्टी के लिए टीचर्स से वसूली जाती है रिश्वत!
बेसिक शिक्षा विभाग के अंदर चल रहे इस भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ खुद विभाग के ही एक फीडबैक सर्वे में हुआ है। सर्वे के मुताबिक शिक्षकों की छुट्टी का रेट 500 से लेकर 2000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से फिक्स है।
सोनिया यादव
09 Dec 2020
यूपी
प्रतीकात्मक तस्वीर I फोटो साभार: The Logical Indian

भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में एक के बाद एक कई घोटालों का खुलासा हो रहा है। भर्ती और लिखित परीक्षा के बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग में छुट्टी के लिए शिक्षकों के रिश्वत देने का नया मामला सामने आया है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक खुद बेसिक शिक्षा विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर अवकाश के लिए शिक्षकों का शोषण होने की बात कही है।

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य के कई जिलों में तैनात 12,733 शिक्षकों से आईवीआरएस कॉल के जरिए फीडबैक लेने का कोशिश की। इस कॉल में टीचर्स से छुट्टी मिलने में होने वाली देरी और शोषण के संबंध में सवाल पूछे गए।

सर्वे किये गए कुल 12,733 शिक्षकों में से 1548 टीचर्स ने स्पष्ट रूप छुट्टी को लेकर शोषण की बात स्वीकारी। इनके मुताबिक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाले इन लोगों को बिना घूस दिए अवकाश नहीं मिलता। फिर चाहे वो मेडिकल लीव हो या फिर बच्चों की देखभाल के लिए ली जाने वाली छुट्टी। हर चीज के लिए घूस देनी पड़ती है।

हर छुट्टी का रेट तय है!

रिपोर्ट के अनुसार छुट्टी का रेट इस चीज से तय होता है कि छुट्टी की कितनी जरूरत है और छुट्टी कितनी लंबी है। हर तरह की छुट्टी का अलग रेट फिक्स है। नॉर्मल छुट्टी के लिए 500 से लेकर 1000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से फिक्स है। शादी या दूसरे समारोह की छुट्टियों के लिए दोगुना यानी कि 2000 रुपये तक देना पड़ता है। अगर किसी नए-नए भर्ती हुए टीचर को शादी के लिए छुट्टी चाहिए तो फिर उसे डबल पैसा देना पड़ता है। जो टीचर छुट्टी के लिए पैसे नहीं देते हैं उनके प्रार्थना पत्र यानी एप्लीकेशन को अनावश्यक लटका दिया जाता है। ब्लाकों के खंड शिक्षा अधिकारी घूस के बिना अवकाश के प्रार्थना पत्र को देखते तक नहीं हैं।

लाइव हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक आईवीआरएस कॉल के जरिए यह भी पता चला की बड़ी संख्या में शिक्षक मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन ही नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट में लगभग 1118 शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन नहीं करने की बात सामने आई है। जिसके पीछे बड़ा कारण घूस के डर को बताया जा रहा है। दरअसल, ऑनलाइन आवेदन करते ही खंड शिक्षा अधिकारियों को पता चल जाता है कि किस शिक्षक ने कितने दिन का अवकाश मांगा है, और यहीं से रिश्वत का खेल शरू हो जाता है।

सरकार क्या कह रही है?

प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने मीडिया से बातचीत में छुट्टियां देने के मामले में भ्रष्टाचार की बात को स्वीकार किया है।

सतीश द्विवेदी ने इंडिया टुडे से कहा, “विभाग में घूसखोरी का ये मामला हमारे संज्ञान में आया है। हमने कार्रवाई का आदेश दे दिया है। इसमें शामिल कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये रिपोर्ट विभाग द्वारा किए गए आईवीआर सिस्टम पर आधारित फीडबैक सर्वे में सामने आई है। विभाग द्वारा निरंतर इसी तरह निगरानी की जाएगी और ये इस खेल में शामिल लोगों के लिए चेतावनी है।”

वहीं स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने भी इस मामले के सामने आने के बाद नाराज़गी जाहिर की है। 2 दिसंबर को उन्होंने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले में चेतावनी दी है।

पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि आईवीआरएस में शिक्षकों के अवकाश स्वीकृत करने में अनावश्यक विलंब व शोषण की पुष्टि हुई है। ऐसी स्थिति की पुनरावृति दोबारा नहीं होनी चाहिए। अन्यथा की स्थिति में उत्तरदायित्व निर्धारित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षक संघ का क्या कहना है?

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि प्रदेश में शिक्षकों से हर मामले में घूस ली जाती है। फिर चाहे अवकाश स्वीकृत करने के नाम पर हो या भुगतान के लिए। प्राइमरी शिक्षकों से अंधाधुंध रिश्वत ली जाती है।

संघ ने कहा कि लखनऊ के ही कई ब्लाकों में बिना घूस के शिक्षकों के अवकाश नहीं स्वीकृत होते। प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति तो और भी खराब है। चयन वेतनमान, प्रोन्नति वेतनमान तथा एरियर भुगतान के लिए बीएसए व लेखाधिकारी कार्यालय में भी घूस ली जाती है।

गौरतलब है कि बीते दिनों प्रशासन के समक्ष छुट्टियों के नाम पर घूसखोरी की कई शिकायतें आई थी। जिसके बाद विभाग द्वारा ये फीडबैक सर्वे करवाया गया था। अब सर्वे में शोषण की बात स्पष्ट तौर पर सामने आने के बाद प्रशासन द्वारा कड़े आदेश जारी किए हैं और लगातार चार दिनों का आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति का अधिकार प्रधानाध्यापकों को ही दे दिया है।

इसके अलावा अन्य छुट्टियों के लिए समयबद्धता पर जोर दिया गया है। साफ किया है कि शिक्षकों के छुट्टियों को अनावश्यक निरस्त किया गया या देर से संज्ञान लिया गया तो कार्रवाई होगी। फिलहाल फोन से हुए पूछताछ में घूसखोरी से पुष्टि से विभाग में खलबली मची है। यह बात तय हो गई है कि प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को अवकाश के लिए घूस देनी पड़ती है।

UttarPradesh
education scam
UP Education System
Big scam in education
Yogi Adityanath
Corruption
BJP
UP Feedback survey
Basic education department

Related Stories

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा

अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !

कर्नाटक: स्कूली किताबों में जोड़ा गया हेडगेवार का भाषण, भाजपा पर लगा शिक्षा के भगवाकरण का आरोप

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

उत्तराखंड : ज़रूरी सुविधाओं के अभाव में बंद होते सरकारी स्कूल, RTE क़ानून की आड़ में निजी स्कूलों का बढ़ता कारोबार 

NEP भारत में सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करने के लिए भाजपा का बुलडोजर: वृंदा करात

ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टीट्यूट (AII) के 13 अध्येताओं ने मोदी सरकार पर हस्तक्षेप का इल्ज़ाम लगाते हुए इस्तीफा दिया

नई शिक्षा नीति ‘वर्ण व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करती है' 

EXCLUSIVE: ‘भूत-विद्या’ के बाद अब ‘हिंदू-स्टडीज़’ कोर्स, फिर सवालों के घेरे में आया बीएचयू


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    महाशय, आपके पास क्या मेरे लिए कोई काम है?
    05 May 2022
    वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता, साम्यवाद के सिद्धांतकार कार्ल मार्क्स की आज जयंती है। उन्होंने हमें सिर्फ़ कम्युनिस्ट घोषणापत्र और दास कैपिटल जैसी किताब ही नहीं दी बल्कि कुछ ऐसी कविताएं भी दी हैं, जो…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की संख्या 20 हज़ार के क़रीब पहुंची 
    05 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,275 नए मामले सामने आए हैं | देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 19 हज़ार 719 हो गयी है।
  • Bharat Ek Mauj
    न्यूज़क्लिक टीम
    भारत एक मौज: बॉलीवुड जनता की हिंदी पार्टी
    05 May 2022
    भारत एक मौज के इस एपिसोड में आज संजय सवाल उठा रहे हैं कि देश में जनता के मुद्दों को उठाने के बजाए हमेशा ध्यान भटकाने वाले मुद्दे ही क्यों उठाए जाते हैं।
  • VOILENCE
    रवि शंकर दुबे
    चुनावी राज्यों में क्रमवार दंगे... संयोग या प्रयोग!
    05 May 2022
    ईद वाले दिन राजस्थान में हुई हिंसा ये बताने के लिए काफी है कि आगे आने वाले चुनावों में मुद्दे क्या होंगे। इतना तो तय है कि विकास की बात भूल जाइए।
  • urmilesh
    न्यूज़क्लिक टीम
    प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत 150वे स्थान पर क्यों पहुंचा
    04 May 2022
    रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स के वैश्विक प्रेस फ्रीडम सूचकांक में इस बार भारत पिछले साल के मुकाबले आठ अंक और नीचे गिरा और 180 देशो की सूची में 150 वे पर आ गया. पिछले दिनो भारत डेमोक्रेसी के वैश्विक…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License