NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
चुनाव 2022
विधानसभा चुनाव
भारत
राजनीति
यूपी चुनाव: प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की वापसी
भाजपा ने लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव जीत लिया है, हालांकि सीटों के लिहाज़ से पिछली बार की अपेक्षा सीटें कम मिली हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Mar 2022
यूपी चुनाव: प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की वापसी

सियासत का सबसे बड़ा सूबा... उत्तर प्रदेश एक बार फिर भगवामय होता दिख रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में शानदार वापसी की है। जबकि प्रचंड जीत का दंभ भरने वाली समाजवादी पार्टी को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। हालांकि पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव को करहल विधानसभा से जीत हासिल हुई है तो योगी आदित्यनाथ ने भी अपने गृह क्षेत्र गोरखपुर शहर विधानसभा से रिकॉर्ड जीत हासिल की है।

ये कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा की एकतरफा जीत कई सवाल खड़े करती है? कि

  • क्या उत्तर प्रदेश की जनता पर ज़मीनी हकीकत से ज्यादा राष्ट्रवाद का मुद्दा हावी रहा?
  • क्या प्रदर्शन करने वाले पश्चिमी किसान बिल वापसी के बाद फिर से भाजपा की ओर चले गए?
  • क्या किसानों को आवारा पशुओं ने सताना बंद कर दिया है?
  • क्या अखिलेश यादव का जिन्ना वाला बयान पूर्वांचल में सपा पर भारी पड़ गया?
  • क्या अयोध्या में उजाड़े गए गावों में बेघर हुए लोगों को नया घर मिल गया?
  • क्या कोरोना में हुई मौतों की आह अब खत्म हो गई है?

ऐसे ही तमाम सवाल हैं जिनपर चिंतन करने की बहुत ज्यादा ज़रूरत है, क्योंकि जिन मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी जनता के बीच गई थी, वो फिलहाल वोटों में तब्दील नहीं हो पाए।

चुनावी घोषणा के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र समेत उत्तर प्रदेश के अपने सभी दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार दिया था। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश हर ज़िले में रैलियां की। इतना ही नहीं चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे समेत तमाम सौगातें भी दी गईं जिसका असर भी इन चुनावों में खूब देखने को मिला। वहीं योगी आदित्यनाथ ने भी अपना हिन्दुत्व वाला एजेंडा नहीं छोड़ा, और लगातार 82-20 के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ने की बात करते रहे। कहने का मतलब ये है कि भाजपा की ओर से हर रैली और प्रचार में एजेंडा साफ रहा और राष्ट्रवादी, हिन्दुत्व के मुद्दे को बढ़ाना देकर चुनाव लड़ा गया।

वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी की ओर से अखिलेश यादव अकेले कमान संभाले नज़र आए। हालांकि भाजपा से सपा में आए स्वामी प्रसाद ने खुद को मौसम वैज्ञानिक बताकर भाजपा को नेस्तानाबूत करने की बात कही लेकिन वो खुद ही अपनी फाजिलनगर विधानसभा सीट नहीं बचा पाए। जबकि भाजपा का ही साथ छोड़कर सपा की ओर से ओमप्रकाश ऱाजभर ने भी भाजपा को प्रदेश से पूरी तरह से साफ करने की बात कही, लेकिन वो कामयाब नहीं हो सके।

वहीं साइलेंट वोट के साथ इन चुनावों में उतरी मायावती ने बार-बार 2007 का नतीजा दोहराने का दंभ भरा लेकिन उन्हें इतिहास की सबसे बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि मायावती ने चुनावी घोषणा के बाद से लगातार ब्राह्मणों को साथ लाने के लिए कई सम्मेलन किए लेकिन उसका ये प्लान भी काम नहीं आया।

वहीं दूसरी ओर प्रदेश में अपना अस्तित्व बचाने के लिए प्रियंका गांधी के सहारे चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस को पिछली बार से भी कम सीटें मिली। प्रियंका गांधी ने चुनाव जीतने के लिए महिलाओं का सहारा लिया और 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए... साथ ही नारा दिया ‘’ लड़की हूं लड़ सकती हूं’’। इस नारे के साथ प्रियंका गांधी पूरे प्रदेश में खूब घूमीं और जगह-जगह जीत का दावा भी किया हालांकि कांग्रेस की हालत जस की तस ही रही।

ख़ैर... मोदी-योगी की जोड़ी ने पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक ताबड़तोड़ रैलियां की और जनता की नब्ज़ को बखूबी टटोला, जिसका कारण ये रहा है भारतीय जनता पार्टी को भारी जीत मिली।

UP ELections 2022
BJP
Yogi Adityanath

Related Stories

यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

सियासत: अखिलेश ने क्यों तय किया सांसद की जगह विधायक रहना!

यूपी चुनाव नतीजे: कई सीटों पर 500 वोटों से भी कम रहा जीत-हार का अंतर

यूपीः किसान आंदोलन और गठबंधन के गढ़ में भी भाजपा को महज़ 18 सीटों का हुआ नुक़सान

यूपी के नए राजनीतिक परिदृश्य में बसपा की बहुजन राजनीति का हाशिये पर चले जाना

जनादेश-2022: रोटी बनाम स्वाधीनता या रोटी और स्वाधीनता

पंजाब : कांग्रेस की हार और ‘आप’ की जीत के मायने

यूपी चुनाव : पूर्वांचल में हर दांव रहा नाकाम, न गठबंधन-न गोलबंदी आया काम !

यूपी चुनाव: कई दिग्गजों को देखना पड़ा हार का मुंह, डिप्टी सीएम तक नहीं बचा सके अपनी सीट


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License