NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
उत्पीड़न
भारत
राजनीति
यूपी: कानपुर में नाबालिग की मिली अधजली लाश, ‘रामराज्य’ के दावे पर फिर उठे सवाल!
प्रदेश में नाबालिग बच्चियों और महिलाओं के साथ लगातार आपराधिक मामलों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। कानून व्यवस्था के नाम पर यूपी पुलिस के साथ-साथ योगी सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Jul 2021
Image Courtesy:  Arpita Biswas/Feminism in India
Image Courtesy: Arpita Biswas/Feminism in India

कानपुर देहात में एक 12 साल की बच्ची की अधजली लाश मिली है। परिवार ने बच्ची से रेप और फिर जिंदा जलाने का आरोप लगाया है। इससे एक दिन पहले ही जौनपुर में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या की खबर सामने आई थी। ये महज़ एक-दो घटनाएं नहीं हैं बल्कि ‘रामराज्य’ वाले उत्तर प्रदेश की आए दिन की सुर्खियां हैं।

महिलाओं की सुरक्षा को अपनी वरीयता बताने वाले सीएम योगी एक ओर न्यूज़ चैनलों को इंटरव्यू देते समय सूबे में 'न्यूनतम अपराध' की बातें करते हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में रेप और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की तमाम खबरें उनके ‘रामराज्य’ के दावे से उलट एक अलग ही तस्वीर पेश करती है।

क्या है पूरा मामला?

दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक घटना बुधवार, 30 जून देर रात मंगलपुर के जैतापुर गांव की बताई जा रही है। गांव में रहने वाले एक किसान की 12 साल की बेटी बुधवार की रात घर के बाहर चारपाई पर सो रही थी। बगल में ही दूसरी चारपाई पर बच्ची की दादी भी सो रहीं थी। परिजनों का कहना है कि सुबह जब सभी उठे तो बच्ची नहीं दिखाई दी।

आस-पास तलाशी शुरू हुई तो घर से 200 मीटर दूर अमरूद के बगीचे में बच्ची की अधजली लाश मिली। बच्ची के शरीर पर कपड़े भी नहीं थे। बगल में एक चारपाई भी मिली। परिवार को आशंका है कि अपराधियों ने चारपाई पर रेप किया और खुद बचने के लिए बच्ची को वहीं जला दिया। इसके बाद आला अफसरों ने गांव पहुंचकर छानबीन की और फील्ड स्टाफ ने घटनास्थल से साक्ष्य संकलित किए। पिता ने अज्ञात के खिलाफ रेप व हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।

पुलिस का क्या कहना है?

इस संबंध में पुलिस को गांव के खड़ंजा मार्ग पर एक खाट मिली जो थोड़ी सी जली हुई है। माना जा रहा है कि हत्यारों ने बच्ची को अगवा कर इसी खाट पर जलाने की कोशिश की और शव को बाग में फेंक दिया। पुलिस के प्राथमिक छानबीन में बच्ची को रात में अगवाकर दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने से मौत का खुलासा हुआ है जबकि दुष्कर्म की पुष्टि के लिए स्लाइड बनाई गई है।

एएसपी घनश्याम चौरसिया ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से काफी कुछ स्पष्ट होगा। किसी ज्वलनशील केमिकल या पेट्रोल को डालकर बच्ची को जलाया गया है। क्राइम सीन देखकर वारदात में किसी नजदीकी का हाथ लग रहा है। पहचान छिपाने के लिए बच्ची की हत्या की गई है। जल्द ही हत्याकांड का खुलासा होगा।

आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि बच्ची का अधजला शव उसके घर से कुछ दूर बाग में मिला है। परिजनों ने रेप के बाद हत्या की आशंका जताई है। हत्याकांड का खुलासा करने के लिए कई टीमों को लगाया गया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि जून 2019 में सूबे में अपराध के मामले बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने राज्य की पुलिस को एंटी रोमियो दस्ता को दोबारा सक्रिय करने के आदेश दिए। लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स और आँकड़ों की मानें तो इसका कोई बड़ा असर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ़ बढ़ रहे अपराध को कम करने में नज़र नहीं आता।

''इस देश में रामराज्य ही चाहिए, समाजवाद नहीं चाहिए”

आपको बता दें कि महिलाओं के खिलाफ़ बढ़ते अपराध के बावजूद राज्य में वीमेन हेल्पलाइन बंद कर दी गई। अखिलेश यादव ने आठ मार्च 2016 को इस महत्वकांक्षी प्रोजक्ट वीमेन हेल्पलाइन 181 की शुरुआत की थी। इसे पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 11 ज़िलों में लॉन्च किया गया था। इसके बाद मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और एनसीआरबी के मुताबिक साल 2017 के महिलाओं के खिलाफ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश 56011 केस के साथ नंबर एक पर पहुंच गया। इसे देखते हुए जून 2018 में योगी सरकार ने इस योजना को 11 ज़िलों बढ़ा कर 75 ज़िलों तक पहुंचाया। लेकिन बीते साल बीते फ़रवरी से राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग ने फंड रोक दिया।

बीते साल फ़रवरी में ही विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ''इस देश में रामराज्य ही चाहिए, समाजवाद नहीं चाहिए। हमारी सरकार रामराज्य की अवधारणा को ज़मीन पर उतारने को प्रतिबद्ध है।'' हालांकि इस 'रामराज्य' के आगाज़ में क्या महिलाएं सुरक्षित हैं? इस सवाल पर दावे कई किए जाते रहे हैं, लेकिन आँकड़ें इन दावों से उलटी तस्वीर पेश कर रहे हैं।

यूपी पुलिस और योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश टॉप राज्यों की सूची में शामिल है। देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ 2018 में कुल 378,277 मामले हुए और अकेले यूपी में 59,445 मामले दर्ज किए गए। यानी देश के कुल महिलाओं के साथ किए गए अपराध का लगभग 15.8%।

इसके अलावा प्रदेश में कुल रेप  के 4,322 केस हुए। यानी हर दिन 11 से 12 रेप केस दर्ज हुए। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये उन अपराधों पर तैयार की गई रिपोर्ट है जो थानों में दर्ज होते हैं। इन रिपोर्ट से कई ऐसे केस रह जाते हैं जिनकी थाने में कभी शिकायत ही दर्ज नहीं हो सकी। एनसीआरबी देश के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा को लेकर बीते दिनों मिशन शक्ति अभियान लॉन्च किया था। जिसे लेकर दावा किया गया था कि आने वाले दिनों में मिशन शक्ति मिशन सख्ती  में बदल जाएगा, महिलाओं के खिलाफ हिंसा में कमी आएगी लेकिन राज्य सरकार की ये पहल भी कुछ काम करती नहीं नज़र आ रही है। प्रदेश में नाबालिग बच्चियों और महिलाओं के साथ लगातार आपराधिक मामलों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। कानून व्यवस्था के नाम पर यूपी पुलिस के साथ-साथ योगी सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।

UttarPradesh
Yogi Adityanath
crime against women
minor girl raped
BJP government

Related Stories

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

यूपी: अयोध्या में चरमराई क़ानून व्यवस्था, कहीं मासूम से बलात्कार तो कहीं युवक की पीट-पीट कर हत्या

कौन हैं ओवैसी पर गोली चलाने वाले दोनों युवक?, भाजपा के कई नेताओं संग तस्वीर वायरल


बाकी खबरें

  • mamta banerjee
    भाषा
    तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में चारों नगर निगमों में भारी जीत हासिल की
    15 Feb 2022
    तृणमूल कांग्रेस ने बिधाननगर, चंदरनगर और आसनसोल नगरनिगमों पर अपना कब्जा बरकरार रखा है तथा सिलीगुड़ी में माकपा से सत्ता छीन ली।
  • hijab
    अरुण कुमार त्रिपाठी
    हिजाब विवादः समाज सुधार बनाम सांप्रदायिकता
    15 Feb 2022
    ब्रिटेन में सिखों को पगड़ी पहनने की आज़ादी दी गई है और अब औरतें भी उसी तरह हिजाब पहनने की आज़ादी मांग रही हैं। फ्रांस में बुरके पर जो पाबंदी लगाई गई उसके बाद वहां महिलाएं (मुस्लिम) मुख्यधारा से गायब…
  • water shortage
    शिरीष खरे
    जलसंकट की ओर बढ़ते पंजाब में, पानी क्यों नहीं है चुनावी मुद्दा?
    15 Feb 2022
    इन दिनों पंजाब में विधानसभा चुनाव प्रचार चल रहा है, वहीं, तीन करोड़ आबादी वाला पंजाब जल संकट में है, जिसे सुरक्षित और पीने योग्य पेयजल पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है। इसके बावजूद, पंजाब चुनाव में…
  • education budget
    डॉ. राजू पाण्डेय
    शिक्षा बजट पर खर्च की ज़मीनी हक़ीक़त क्या है? 
    15 Feb 2022
    एक ही सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे बजट एक श्रृंखला का हिस्सा होते हैं इनके माध्यम से उस सरकार के विजन और विकास की प्राथमिकताओं का ज्ञान होता है। किसी बजट को आइसोलेशन में देखना उचित नहीं है। 
  • milk
    न्यूज़क्लिक टीम
    राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ खिलवाड़ क्यों ?
    14 Feb 2022
    इस ख़ास पेशकश में परंजॉय गुहा ठाकुरता बात कर रहे हैं मनु कौशिक से राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से सम्बंधित कानूनों में होने वाले बदलावों के बारे में
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License