NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी: अवैध धर्मांतरण क़ानून क्या मुस्लिम युवकों को निशाना बना रहा है?
बरेली मामले के बाद अब बिजनौर में अपनी दोस्त के साथ जा रहे मुस्लिम लड़के को ‘लव जिहाद’ के आरोप में जेल भेजा गया है। पुलिस के मुताबिक दलित नाबालिग लड़की के पिता के कहने पर एफ़आईआर दर्ज की गई है, जबकि पिता ने खुद इस बात से इनकार किया है।
सोनिया यादव
26 Dec 2020
love jihad
Image courtesy: Arre

योगी सरकार का अवैध धर्मांतरण कानून एक बार फिर एक ‘विवादित गिरफ्तारी’ को लेकर सुर्खियों में है। खबरों के मुताबिक बिजनौर जिले में अपनी एक नाबालिग दोस्त के साथ जन्मदिन पार्टी से लौट रहे मुस्लिम लड़के के खिलाफ इस नए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है और वह लगभग एक हफ्ते से जेल में है।

हालांकि ये राज्य में कोई पहला नहीं है जब इस कानून के तहत किसी की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठे हैं, इससे पहले भी कई मामलों में कट्टर हिंदूवादी संगठनों की भूमिका और पुलिस-प्रशासन का दोहरा रवैया ख़बरों में रहा है।

क्या है पूरा मामला?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बिजनौर में 14 दिसंबर की रात 10:30 बजे एक नाबालिग दलित लड़की अपने पूर्व मुस्लिम क्लासमेट के साथ एक दोस्त के जन्मदिन से पैदल लौट रही थी। इस दौरान कुछ लोगों ने कथित तौर पर इन दोनों का पीछा किया, पूछताछ की। और जब यह साफ़ हो गया कि लड़का और लड़की अलग धर्म के हैं तो स्थानीय लोगों ने लड़के की पिटाई की और पुलिस स्टेशन भेज दिया।

इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि इस लड़के को भीड़ ने मारा-पीटा क्योंकि उसके चोर होने का शक था। और बाद में इस लड़के को विवादित धर्मांतरण विरोधी नियम के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया। वीडियो में हिंसा होने के कारण हम उसे यहां नहीं दिखा रहे। आप चाहें तो यहां क्लिक करके देख सकते हैं।

लड़की का क्या कहना है?

इस मामले की अहम कड़ी 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का कहना है कि इस मामले को बेवजह लव जिहाद का रूप दिया जा रहा है।

नाबालिग ने कहा, “मैंने यह मजिस्ट्रेट के समक्ष भी कहा है और दोबारा कहूंगी। कुछ लोगों को यह दिक्कत थी कि मैं अपने दोस्त के साथ जा रही थी। उन्होंने मेरा वीडियो बनाया और अब वे इसे लव जिहाद का नाम दे रहे हैं। मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैं अपनी मर्जी से उसके साथ गई थी।”

लड़की के पिता के क्या आरोप हैं?

लड़की के पिता द्वारा कथित तौर पर दर्ज करवाए गए एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी लड़के का इरादा लड़की से शादी करने और उसका धर्म परिवर्तन करने का था। हालांकि अब लड़की के पिता ने पुलिस से शिकायत करने की बात को खारिज़ करते हुए कहा है कि पुलिस ने उनसे ऐसा बयान लिखवाया है।

पिता का कहना है, “मुझे अपनी बेटी पर पूरा विश्वास है। उसने क्या गलत किया है? उसे राजनीति का हिस्सा क्यों बनाया जाना चाहिए? क्या एक लड़की और एक लड़के का एक साथ चलना गैरकानूनी है?”

राजनीतिक रंग देने की कोशिश

लड़की के पिता ने घटना को राजनीतिक रंग देने के लिए स्थानीय प्रधान को दोषी बताया है। उन्होंने कहा है कि यह सब राजनीति है। उन लोगों ने मेरी बेटी के वीडियो बनाए और झूठा दावा किया कि यह लव जिहाद का मामला है। मैं पहले प्रधान रहा हूं और अबकी फिर से चुनाव लड़ने की योजना बना रहा था। लेकिन उन लोगों ने मेरी बेटी का अपमान करके गांव का ध्रुवीकरण कर दिया है।

लड़की के पिता के आरोपों को गलत कहते हुए गांव के मौजूदा प्रधान ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जब यह मामला मेरी नज़र में आया तब मैं लड़की के पिता के साथ था। मैंने उसे एफआईआर दर्ज करवाने में मदद की। वह प्रधानी के चुनाव में हार गया था।

पुलिस क्या कह रही है?

बिजनौर पुलिस ने इस मामले को लेकर वीडियो ट्वीट किया है। जिसके मुताबिक  15 दिसंबर को धामपुर थाने में एक अभियोग पंजीकृत किया गया जो कि दो समुदायों के बीच का मामला था। आईपीसी की धारा 363 और 366, एससीएसटी एक्ट 325 और 351 उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन अध्यादेश के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

सबूतों के आधार पर एक अभियुक्त जेल भेजा गया है। यह ज्ञात हुआ है कि नसीरपुर में उस अभियुक्त को कुछ लोगों ने मारा-पीटा था, जिसका वीडियो वायरल है। इसको लेकर परिवार के लोगों से तहरीर लेकर अभियोग पंजीकृत किया जा रहा है। एसपी के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है और अभियुक्तों की जल्द गिरफ़्तारी की जाएगी।

आरोपी लड़के के परिजन क्या कह रहे हैं?

जेल में बंद लड़के के परिवार की बात करें, तो उसके घर में उसके चार भाई-बहन और मां है। पिता की हृदय संबंधी बीमारियों से एक साल पहले मौत हो गई थी। लड़के का घर लड़की के घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है।

लड़के की मां कहती हैं, “मैं बस अपने बेटे को दोबारा देखना चाहती हूं। पुलिस ने उसके खिलाफ गलत मामला दर्ज किया है।”

परिवार और पुलिस के बयान में अंतर

बता दें कि आरोपी लड़के को कई धाराओं के तहत जेल भेजा गया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मुताबिक़ इसमें से एक धारा पॉक्सो भी है। पुलिस के मुताबिक लड़के की उम्र 18 साल है वहीं लड़के के परिवार वालों का कहना है कि वह 17 साल का है।

परिवार वालों के मुताबिक उनका बेटा नाबालिग है, लेकिन इसे साबित करने के लिए उनके पास कोई कागजात नहीं है क्योंकि उनके बेटे ने तीसरी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया था।

उनकी मां का कहना है, “14 दिसंबर की शाम को मेरा बेटा यह कहकर निकला था कि वह एक जन्मदिन पार्टी में जा रहा है और खाना वहीं खाएगा। अब वे उस पर एक लड़की का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा रहे हैं। यह पूरी तरह झूठ है।”

गौरतलब है कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के अवैध धर्मांतरण कानून के लागू होने के बाद से ही इसके तहत हो रही धड़ाधड़ एफ़आईआर, गिरफ्तारियां और इस संबंध में पुलिस की अतिसक्रियता पर एक के बाद एक कई सवाल उठ रहे हैं। कई मामले संदेह के घेरे में हैं तो वहीं कुछ में पुलिस पर दोहरा रवैया अपनाने जैसे आरोप भी लग रहे हैं। हालांकि महिलावादी संगठन, नागरिक समाज के लोग और कुछ जानकर पहले ही इस पूरे अध्यादेश को लाने के पीछे सरकार की असली मंशा पर सवाल उठा चुके हैं।

UttarPradesh
love jihad
Love Jihad Law
Muslims
Anti Muslim
Proselytism
UP police
Yogi Adityanath
Religion Politics
BJP
RSS

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • ganguli and kohli
    लेस्ली ज़ेवियर
    कोहली बनाम गांगुली: दक्षिण अफ्रीका के जोख़िम भरे दौरे के पहले बीसीसीआई के लिए अनुकूल भटकाव
    19 Dec 2021
    दक्षिण अफ्रीका जाने के ठीक पहले सौरव गांगुली बनाम विराट कोहली की टसल हमारी टीवी पर तैर रही है। यह टसल जितनी वास्तविक है, यह इस तथ्य पर पर्दा डालने के लिए भी मुफ़ीद है कि भारतीय टीम ऐसे देश का दौरा कर…
  • modi
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    चुनावी चक्रम: लाइट-कैमरा-एक्शन और पूजा शुरू
    19 Dec 2021
    सरकार जी उतनी गंभीरता, उतना दिमाग सरकार चलाने में नहीं लगाते हैं जितना पूजा-पाठ करने में लगाते हैं। यह पूजा-पाठ चुनाव से पहले तो और भी अधिक बढ़ जाता है। बिल्कुल ठीक उसी तरह, जिस तरह से किसी ऐसे छात्र…
  • teni
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे : जयपुर में मौका चूके राहुल, टेनी को कब तक बचाएगी भाजपा और अन्य ख़बरें
    19 Dec 2021
    सवाल है कि अजय मिश्र को कैसे बचाया जाएगा? क्या एसआईटी की रिपोर्ट के बाद भी उनका इस्तीफा नहीं होगा और उन पर मुकदमा नहीं चलेगा?
  • amit shah
    अजय कुमार
    अमित शाह का एक और जुमला: पिछले 7 सालों में नहीं हुआ कोई भ्रष्टाचार!
    19 Dec 2021
    यह भ्रष्टाचार ही भारत के नसों में इतनी गहराई से समा चुका है जिसकी वजह से देश का गृह मंत्री मीडिया के सामने खुल्लम-खुल्ला कह सकता है कि पिछले 7 सालों में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ।
  • A Critique of Capitalism’s Obscene Wealth
    रिचर्ड डी. वोल्फ़
    पूंजीवाद की अश्लील-अमीरी : एक आलोचना
    19 Dec 2021
    पूंजीवादी दुनिया में लगभग हर जगह ग़ैर-अमीर ही सबसे ज़्यादा कर चुकाते हैं और अश्लील-अमीरों की कर चोरी के कारण सार्वजनिक सेवाओं में होने वाली कटौतियों की मार बर्दाश्त करते रहते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License