NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मैक्सिकन टिनेजर की बॉर्डर पैट्रोल द्वारा हत्या के मामले को किया खारिज
मामला खारिज होना सर्जियो हर्नांडेज़ के माता-पिता की एक दशक लंबी लड़ाई के लिए एक बड़ा झटका है। सर्जियो को 2010 में बॉर्डर पैट्रोल द्वारा सीमा पार से गोली मार दी गई थी।
पीपल्स डिस्पैच
26 Feb 2020
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मैक्सिकन टिनेजर की बॉर्डर पैट्रोल द्वारा हत्या के मामले को किया खारिज
Image courtesy: NPR

संयुक्त राज्य अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने सर्जियो हर्नांडेज़ गुएरेका के माता-पिता द्वारा किए नागरिक अधिकारों के मुकदमे को खारिज कर दिया है। सर्जियो एक 15 वर्षीय मैक्सिकन लड़का था, जिसे 2010 में अमेरिकी सीमा गश्ती दल द्वारा क्रॉस बॉर्डर शूटिंग में मार गिराया गया था। अपने फैसले में 5-4 की बहुमत से उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत के उस फैसले को बरकार रखा है, जिसमें अमेरिका-मैक्सिको सीमा पार से लड़के को गोली मारने के लिए जिम्मेदार ठहराए गए बॉर्डर पैट्रोल अधिकारी, यीशु मेसा जूनियर के खिलाफ मुकदमा खारिज के पक्ष में फैसला सुनाया था। सर्जियो की मौत मैक्सिकन क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा के बहुत करीब हुई थी, ये सीमा टेक्सास में एल पासो को मेक्सिको में स्यूदाद जुआरेज से अलग करती है।

बहुमत के फैसले ने तर्क दिया कि चूंकि पीड़ित मैक्सिकन क्षेत्र में मारा गया था, भले ही शूटिंग अमेरिका से हुई हो, यह अमेरिकी अदालतों के दायरे से परे है। साथ ही कोर्ट ने इसे यूएस कांग्रेस पर छोड़ दिया। अल्पसंख्यक फैसले ने तर्क दिया कि चूंकि घटना सीमा के बहुत करीब से हुई थी, दोनों देशों द्वारा संयुक्त रूप से बनाए गए सीमा क्षेत्र के भीतर, मामला निश्चित रूप से अमेरिकी अदालतों के दायरे में है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 2018 में विवादास्पद न्यायाधीश ब्रेट कवानुआघ की नवीनतम नियुक्ति के बाद अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के पास एक रूढ़िवादी बहुमत है क्योंकि विभाजन का निर्णय वैचारिक तर्ज पर है। बहुमत का फैसला मुख्य रूप से रूढ़िवादी गुट से आया था, डोनाल्ड ट्रम्प के कथित विचारों से मिलता-झूलता, जो यह भी मानते थे कि मामला अदालतों के दायरे से बाहर होना चाहिए। मैक्सिकन पक्ष ने लंबे समय तक तर्क रखा है कि मेसा जूनियर को अपराध के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए। जैसा ही अमेरिकी अधिकारियों ने मेसा जूनियर के खिलाफ मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया था, मुकदमे को खड़ा करने के लिए उसे मेक्सिको प्रत्यर्पित करने का प्रयास किया गया था। लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन ने इसे अस्वीकार कर दिया था, यह नीति ट्रम्प प्रशासन के अधीन जारी थी।

America
american supreme court
Border Patrol
Hernández

Related Stories

अमेरिका: एस्ट्रोवर्ल्ड संगीत समारोह में मची भगदड़ ने तोड़ दिए कई सपने

फ्लोरिडा इमारत हादसा : मृतक संख्या बढ़कर 12 हुई, लापता लोगों की तलाश जारी

कोबी ब्रायंट हादसा: खिलाड़ी के बलात्कार आरोपों का ज़िक्र करने की वजह से महिला कार्यकर्ताओं को मिली धमकी-गालियां


बाकी खबरें

  • bharat ek mauj
    न्यूज़क्लिक टीम
    भारत एक मौज: क्यों नहीं हैं भारत के लोग Happy?
    28 Mar 2022
    'भारत एक मौज' के आज के एपिसोड में संजय Happiness Report पर चर्चा करेंगे के आखिर क्यों भारत का नंबर खुश रहने वाले देशों में आखिरी 10 देशों में आता है। उसके साथ ही वह फिल्म 'The Kashmir Files ' पर भी…
  • विजय विनीत
    पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर
    28 Mar 2022
    मोदी सरकार लगातार मेहनतकश तबके पर हमला कर रही है। ईपीएफ की ब्याज दरों में कटौती इसका ताजा उदाहरण है। इस कटौती से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सर्वाधिक नुकसान होगा। इससे पहले सरकार ने 44 श्रम कानूनों…
  • एपी
    रूस-यूक्रेन अपडेट:जेलेंस्की के तेवर नरम, बातचीत में ‘विलंब किए बिना’ शांति की बात
    28 Mar 2022
    रूस लंबे समय से मांग कर रहा है कि यूक्रेन पश्चिम के नाटो गठबंधन में शामिल होने की उम्मीद छोड़ दे क्योंकि मॉस्को इसे अपने लिए खतरा मानता है।
  • मुकुंद झा
    देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर
    28 Mar 2022
    सुबह से ही मज़दूर नेताओं और यूनियनों ने औद्योगिक क्षेत्र में जाकर मज़दूरों से काम का बहिष्कार करने की अपील की और उसके बाद मज़दूरों ने एकत्रित होकर औद्योगिक क्षेत्रों में रैली भी की। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    माले का 11वां राज्य सम्मेलन संपन्न, महिलाओं-नौजवानों और अल्पसंख्यकों को तरजीह
    28 Mar 2022
    "इस सम्मेलन में महिला प्रतिनिधियों ने जिस बेबाक तरीक़े से अपनी बातें रखीं, वह सम्मेलन के लिए अच्छा संकेत है।"
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License