NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
अमेरिकी संसद से जुड़ी संस्था ने कहा, NRC के साथ CAA मुसलमानों के दर्जे को कर सकता है प्रभावित
सीआरएस की रिपोर्ट के अनुसार, ‘संघीय सरकार की एनआरसी की योजना को सीएए के साथ लाने से भारत के लगभग 20 करोड़ मुस्लिम अल्पसंख्यकों का दर्जा प्रभावित हो सकता है।’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
27 Dec 2019
NRC-CAA

वाशिंगटन: कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के साथ लाने से भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों का दर्जा प्रभावित हो सकता है।

यह रिपोर्ट 18 दिसंबर को आई। इसमें कहा गया कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार देश की नागरिकता संबंधी प्रक्रिया में धार्मिक पैमाने को जोड़ा गया है।

सीआरएस अमेरिकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र शोध इकाई है जो घरेलू और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर समय-समय पर रिपोर्ट तैयार करती है ताकि सांसद उनसे जुड़े फैसले ले सकें। लेकिन इन्हें अमेरिकी कांग्रेस की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं माना जाता है।

संशोधित नागरिकता कानून पर सीएसआर की यह पहली रिपोर्ट है। इसमें कहा गया, ‘संघीय सरकार की एनआरसी की योजना को सीएए के साथ लाने से भारत के लगभग 20 करोड़ मुस्लिम अल्पसंख्यकों का दर्जा प्रभावित हो सकता है।’

संशोधित नागरिकता कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से बच कर 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।

सीआरएस ने दो पन्नों की अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘भारत का नागरिकता कानून 1955 अवैध प्रवासियों के नागरिक बनने को प्रतिबंधित करता है। तब से इस कानून में कई संशोधन किए गए लेकिन उनमें से किसी में भी धार्मिक पहलू नहीं था।’

सीआरएस का दावा है कि संशोधन के मुख्य प्रावधान जैसे कि तीन देशों के मुस्लिमों को छोड़कर छह धर्मों के प्रवासियों को नागरिकता की अनुमति देना भारत के संविधान के कुछ अनुच्छेद खासकर अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन कर सकता है।

इसमें कहा गया, ‘कानून के समर्थकों का तर्क है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में मुस्लिमों को उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ता और सीएए संवैधानिक है क्योंकि यह भारतीय नागरिकों नहीं प्रवासियों से संबंधित है। हालांकि यह साफ नहीं है कि अन्य पड़ोसी देशों के प्रवासियों को इससे बाहर क्यों रखा गया है। इसके अलावा पाकिस्तान के अहमदिया और शिया जैसे मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों को सीएए के तहत कोई संरक्षण प्राप्त नहीं है।’

संयुक्त राष्ट्र ने भी जताई थी चिंता

आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने भी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चिंता जताई थी। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग का कहना है कि यह कानून बुनियादी रूप से भेदभाव करने वाला है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में हुई हिंसा और सुरक्षा कर्मियों के कथित तौर पर अत्यधिक बल का इस्तेमाल करने पर चिंता जाहिर करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करने की अपील की थी।

गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा था, ‘हम संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शनों में हो रही हिंसा और सुरक्षा बलों के कथित तौर पर अत्यधिक बल के इस्तेमाल को लेकर चिंतित हैं। हम संयम बरतने और अभिव्यक्ति एवं राय रखने की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण रूप से एकत्र होने के अधिकारों के पूर्ण सम्मान का आग्रह करते हैं।’

प्रवक्ता ने कहा था, ‘संशोधित कानून भारत के संविधान में निहित समानता के कानून और नागरिक एवं राजनीतिक अधिकार पर अंतरराष्ट्रीय अनुबंध तथा नस्लीय भेदभाव ‍उन्मूलन के लिए हुई संधि के तहत भारत के दायित्व के प्रति प्रतिबद्धता को कमतर करता है। भारत इस अनुबंध एवं संधि का हिस्सा है जो नस्लीय, जातीय या धार्मिक आधार पर भेदभाव को निषिद्ध करता है।’

CAA
NRC
Congressional Research Service
Washington
modi sarkar
hindu-muslim
Citizenship Amendment Act
National Register of Citizens
NPR
American Parliament
UNO

Related Stories

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है

मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानून को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी

दिल्ली पुलिस की 2020 दंगों की जांच: बद से बदतर होती भ्रांतियां

युवाओं ने दिल्ली सरकार पर बोला हल्ला, पूछा- 'कहां है हमारा रोज़गार?'

दुनिया में हर जगह महिलाएँ हाशिए पर हैं!

सीएए : एक और केंद्रीय अधिसूचना द्वारा संविधान का फिर से उल्लंघन

समान नागरिकता की मांग पर देवांगना कलिता, नताशा नरवाल को गिरफ्तार किया गया: पिंजरा तोड़

ग़ैर मुस्लिम शरणार्थियों को पांच राज्यों में नागरिकता


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    'राम का नाम बदनाम ना करो'
    17 Apr 2022
    यह आराधना करने का नया तरीका है जो भक्तों ने, राम भक्तों ने नहीं, सरकार जी के भक्तों ने, योगी जी के भक्तों ने, बीजेपी के भक्तों ने ईजाद किया है।
  • फ़ाइल फ़ोटो- PTI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?
    17 Apr 2022
    हर हफ़्ते की कुछ ज़रूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन..
  • hate
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज
    16 Apr 2022
    देश भर में राम नवमी के मौक़े पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जगह जगह प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में दिल्ली में जंतर मंतर पर नागरिक समाज के कई लोग इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि सरकार हिंसा और…
  • hafte ki baaat
    न्यूज़क्लिक टीम
    अखिलेश भाजपा से क्यों नहीं लड़ सकते और उप-चुनाव के नतीजे
    16 Apr 2022
    भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर क्यों इस कदर आश्वस्त है? क्या अखिलेश यादव भी मायावती जी की तरह अब भाजपा से निकट भविष्य में कभी लड़ नहींं सकते? किस बात से वह भाजपा से खुलकर भिडना नहीं चाहते?
  • EVM
    रवि शंकर दुबे
    लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा
    16 Apr 2022
    देश में एक लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के नतीजे नए संकेत दे रहे हैं। चार अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License