NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
अमेरिका ने यूएनएससी को ईरान के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को लेकर लिखे पत्र को वापस लिया
डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने पिछले साल सितंबर में दावा किया था कि अंंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध एक बार फिर प्रभावी हो गए हैं। अमेरिका के इस प्रस्ताव को यूएनएससी ने खारिज कर दिया था। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को साल 2015 के प्रस्ताव 2231 के तहत वापस ले लिया गया था।
पीपल्स डिस्पैच
19 Feb 2021
अमेरिका ने यूएनएससी को ईरान के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को लेकर लिखे पत्र को वापस लिया

पिछले महीने ट्रम्प प्रशासन द्वारा ईरान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध को फिर से लागू करने के लिए यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल को लिए गए तीन पत्रों को अमेरिका ने गुरुवार 18 फरवरी को वापस ले लिया है जिससे ज्वाइंट कम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) या ईरान परमाणु समझौता में फिर से शामिल होने का रास्ता साफ हो सकता है।

राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत रिचार्ड मिल्स ने यूएनएससी को पत्र भेजकर पिछले साल सितंबर में भेजे गए पत्रों को वापस लेने की घोषणा की। इस पत्र में कहा गया है कि ईरान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को यूएनएससी प्रस्ताव 2231 द्वारा परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद 2015 में समाप्त कर दिया गया था जो अब समाप्त रहेगा।

साल 2018 में एकतरफा तरीके से समझौते से हटने और कई एकतरफा प्रतिबंध लगाने के बाद ट्रम्प प्रशासन ने ईरान के कई उल्लंघनों का दावा करते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लगाने की कोशिश की। हालांकि, यूएनएससी में 15 में से 13 सदस्यों ने यह कहते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया कि मई 2018 में समझौते से हटने के बाद से अमेरिका इस समझौते का सदस्य नहीं रहा। जेसीपीओए के प्रावधानों के अनुसार इस समझौते में केवल भागीदार फिर से लागू करने के लिए कह सकता है।

ईरान ने पिछले सप्ताह यह भी घोषणा की है कि वह इस समझौते के तहत ईरान की परमाणु गतिविधियों की निगरानी के लिए तैनात आईएईए निरीक्षकों के साथ अपने सहयोग को रोकेगा। हालांकि, इसने यह फिर कहा है कि इस समझौते में अमेरिका के फिर से शामिल होने और ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के हटाने के कुछ घंटों के भीतर ये सभी निर्णय वापस लिए जा सकते हैं।

राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार के दौरान जो बाइडन ने इस समझौते में फिर से शामिल होने का इरादा जाहिर किया था। हालांकि, पद ग्रहण करने के बाद से सेक्रेट्री ऑफ स्टेट एंथनी ब्लिंकन ने कहा है कि इस समझौते में अमेरिका के फिर शामिल होने की प्रक्रिया लंबी है। उन्होंने ईरान से इस समझौते के लिए अपनी सभी प्रतिबद्धताओं पर पुनः लौटने की भी मांग की है। ज्ञात हो कि बाइडन जब उप राष्ट्रपति थें तो इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस के उस बयान के बाद जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका गतिरोध को समाप्त करने की प्रक्रिया पर बातचीत करने के लिए ईरानी अधिकारियों और अन्य विश्व शक्तियों से बैठक करने को तैयार है ऐसे में गुरुवार को लिए गए फैसले को एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

America
Donand Trump
unsc
Joe Biden

Related Stories

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति

गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?


बाकी खबरें

  • brooklyn
    एपी
    ब्रुकलिन में हुई गोलीबारी से जुड़ी वैन मिली : सूत्र
    13 Apr 2022
    गौरतलब है कि गैस मास्क पहने एक बंदूकधारी ने मंगलवार को ब्रुकलिन में एक सबवे ट्रेन में धुआं छोड़ने के बाद कम से कम 10 लोगों को गोली मार दी थी। पुलिस हमलावर और किराये की एक वैन की तलाश में शहर का चप्पा…
  • non veg
    अजय कुमार
    क्या सच में हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ है मांसाहार?
    13 Apr 2022
    इतिहास कहता है कि इंसानों के भोजन की शुरुआत मांसाहार से हुई। किसी भी दौर का कोई भी ऐसा होमो सेपियंस नही है, जिसने बिना मांस के खुद को जीवित रखा हो। जब इंसानों ने अनाज, सब्जी और फलों को अपने खाने में…
  • चमन लाल
    'द इम्मोर्टल': भगत सिंह के जीवन और रूढ़ियों से परे उनके विचारों को सामने लाती कला
    13 Apr 2022
    कई कलाकृतियों में भगत सिंह को एक घिसे-पिटे रूप में पेश किया जाता रहा है। लेकिन, एक नयी पेंटिंग इस मशहूर क्रांतिकारी के कई दुर्लभ पहलुओं पर अनूठी रोशनी डालती है।
  • एम.के. भद्रकुमार
    रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं
    13 Apr 2022
    यह दोष रेखाएं, कज़ाकिस्तान से म्यांमार तक, सोलोमन द्वीप से कुरील द्वीप समूह तक, उत्तर कोरिया से कंबोडिया तक, चीन से भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान तक नज़र आ रही हैं।
  • ज़ाहिद खान
    बलराज साहनी: 'एक अपरिभाषित किस्म के कम्युनिस्ट'
    13 Apr 2022
    ‘‘अगर भारत में कोई ऐसा कलाकार हुआ है, जो ‘जन कलाकार’ का ख़िताब का हक़दार है, तो वह बलराज साहनी ही हैं। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेहतरीन साल, भारतीय रंगमंच तथा सिनेमा को घनघोर व्यापारिकता के दमघोंटू…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License