NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
विज्ञान
राजनीति
कनाडा और अमेरिका में भीषण गर्मी, मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन का परिणाम
इस क्षेत्र का अधिकतम तापमान 29 जून को लिटन गांव में 49.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। आग लगने की घटना से पहले यहां से ग्रामीणों को निकाला गया था जो लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गया।
संदीपन तालुकदार
13 Jul 2021
कनाडा और अमेरिका में भीषण गर्मी, मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन का परिणाम

25 जून और 1 जुलाई के बीच कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्सों में काफी तेज गर्मी महसूस की गई। इसने अमेरिका में पोर्टलैंड, ओरेगन, सिएटल और वाशिंगटन तो कनाडा के वैंकूवर जैसे शहरों को प्रभावित किया जहां शायद ही कभी ऐसी गर्मी महसूस की जाती है। पश्चिमी कनाडाई प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ जहां कथित तौर पर अत्यधिक गर्मी के परिणामस्वरूप 500 से अधिक मौतें हुईं और जंगल में करीब 180 से अधिक आग लगने की घटनाएं हुईं।

इस क्षेत्र का अधिकतम तापमान 29 जून को लिटन गांव में 49.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जहां आग लगने से पहले ग्रामीणों को निकाला गया था, जो गांव लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गया था।

यह पता लगाने के लिए कि क्या मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन मुख्य रूप से इस तेज गर्मी के लिए जिम्मेदार था, वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन (डब्ल्यूडब्ल्यूए) परियोजना के 27 वैज्ञानिकों का एक समूह घटनास्थल पर पहुंचा।

उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि उत्तर-पश्चिम प्रशांत क्षेत्र में तापमान के 49.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना उन्नीसवीं शताब्दी के अंत से 150 गुना बढ़ गई है। उनका विश्लेषण यहां सार्वजनिक किया गया है।

रॉयल नीदरलैंड मेट्रोलॉजिकल इंस्टिच्यूट (केएनएमआई) के एक जलवायु वैज्ञानिक और इस रिपोर्ट के सह-लेखक सजुक्जे फिलिप के हवाले से लिखा गया कि: "मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बिना गर्मी में ये तेजी लगभग असंभव होता। यह शायद अभी भी एक दुर्लभ घटना थी, लेकिन अगर ग्लोबल वार्मिंग दो डिग्री से अधिक हो सकती है, तो यह घटना भविष्य में हर पांच से दस साल में हो सकती है।"

डब्ल्यूडब्ल्यूए  कई विश्वविद्यालयों और संस्थानों के जलवायु वैज्ञानिकों का एक संगठन है। इसमें दुनिया भर के विश्वविद्यालयों जैसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, यूके; केएनएमआई, नीदरलैंड्स; आईपीएसएल/एलएससीई, फ्रांस; प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और एनसीएआर, यूएस; आईआईटी दिल्ली, भारत; ईटीएच ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड; रेड क्रॉस/रेड क्रिसेंट क्लाइमेट सेंटर के जलवायु विशेषज्ञ शामिल हैं। इस संगठन का उद्देश्य इस बात का एक ठोस मूल्यांकन करना है कि क्या दुनिया में कहीं भी चरम जलवायु घटना जलवायु परिवर्तन का परिणाम थी।

अमेरिका और कनाडा में तेज गर्मी को लेकर डब्ल्यूडब्ल्यूए के नवीनतम आकलन से मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन का पता चलता है। अपने विश्लेषण में, इस टीम ने तापमान के दैनिक रिकॉर्ड की तुलना जलवायु मॉडल द्वारा अनुमानित अधिकतम दैनिक तापमान से की। इसमें एक ऐसे वातावरण में तापमान का अनुरुपता शामिल था जो वातावरण में ग्रीनहाउस गैस की सघनता में आश्चर्यजनक वृद्धि से अपरिवर्तित है। उनके आकलन ने उन्हें यह अनुमान लगाने के लिए प्रेरित किया कि पूर्व-औद्योगिक काल से वैश्विक तापमान में औसतन 1.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है जिसने अत्यधिक गर्मी की स्थिति को कम से कम 150 गुना बढ़ा दिया।

केएनएमआई में एक क्लाइमेट मॉडलर और इस अध्ययन के एक अन्य सह-लेखक गीर्ट जान वान ओल्डनबोर्ग ने कहा: "ये विश्लेषण इसी तरह के अध्ययनों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण था, जिसमें पश्चिमी यूरोप और रूस में पिछले कुछ वर्षों में गर्मी की लहर शामिल था।"

ओल्डबॉर्ग ने कहा, “देखा गया चरम तापमान इस क्षेत्र में पिछले रिकॉर्ड की तुलना में 5 डिग्री सेल्सियस अधिक था। इन चरम सीमाओं ने सटीक रूप से यह निर्धारित करना कठिन बना दिया कि अतीत की ठंडी अवधि में ऐसी तेज गर्मी कितनी दुर्लभ हो सकती थी और वर्तमान जलवायु में कितनी बार होने की उम्मीद की जा सकती है।"

यह भी संभव है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी बार-बार और तीव्र हो रही हो जो ठंडी जलवायु में नहीं होती। यदि यह सच है तो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जलवायु शोधकर्ता और डब्ल्यूडब्ल्यूए के सह-प्रमुख डॉ. फ्रेडेरिक ओटो के अनुसार, इस जलवायु मॉडल की भविष्यवाणी की तुलना में इन क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी का अनुभव होने की अधिक संभावना है।

ओटो ने आगे कहा, "यहां एक सख्त चेतावनी है कि हमें गर्मी की लहरों का और अधिक अध्ययन करना होगा। जलवायु परिवर्तन चरम घटनाओं के लिए एक पूर्ण गेम चेंजर है और मॉडल एक अच्छा संकेतक नहीं हो सकता है जो अभी भी गर्म दुनिया में आ सकता है।"

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

Unprecedented Heat in Canada, US, a Consequence of Man-Made Climate Change

Heatwaves in Canada
Heatwaves in British Columbia
Extreme weather
Extreme Heat in US
climate change
Greenhouse Gas Emission
World Weather Attribution
WWA

Related Stories

गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा

मज़दूर वर्ग को सनस्ट्रोक से बचाएं

लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

लगातार गर्म होते ग्रह में, हथियारों पर पैसा ख़र्च किया जा रहा है: 18वाँ न्यूज़लेटर  (2022)

‘जलवायु परिवर्तन’ के चलते दुनियाभर में बढ़ रही प्रचंड गर्मी, भारत में भी बढ़ेगा तापमान

दुनिया भर की: गर्मी व सूखे से मचेगा हाहाकार

जलविद्युत बांध जलवायु संकट का हल नहीं होने के 10 कारण 

संयुक्त राष्ट्र के IPCC ने जलवायु परिवर्तन आपदा को टालने के लिए, अब तक के सबसे कड़े कदमों को उठाने का किया आह्वान 

आईपीसीसी: 2030 तक दुनिया को उत्सर्जन को कम करना होगा


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License