NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
यूपी : संभल के बाद उन्नाव रेप पीड़िता को ज़िंदा जलाने की कोशिश, कहां है अच्छी क़ानून व्यवस्था?
एक ओर देश के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री क़ानून व्यवस्था अच्छी होने का दावा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर एक के बाद एक बलात्कार और हत्या की ख़बरें सामने आ रही हैं। जो निश्चित ही 'बेहतर क़ानून व्यवस्था' का पर्दाफ़ाश कर रही हैं।
सोनिया यादव
05 Dec 2019
stop rape
प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश में महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। बेहतर क़ानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के तमाम दावे करने वाली बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के वायदे खोखले साबित हो रहे हैं। एक के बाद एक महिलाओं पर हो रहे अपराधों ने लोगों का सरकार और प्रशासन से विश्वास उठा दिया है। जन सैलाब आक्रोष में सड़कों पर है, इसके बावजूद अपराधी बेखौफ़ घूम रहे हैं।

5 दिसंबर, गुरुवार सुबह जब आंख खुली तो उन्नाव ख़बरों में था। ये वही उन्नाव है जहां बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर एक महिला के साथ पहले बलात्कार और फिर उन्हें मारने की कोशिश के आरोप लगे हैं। उसी उन्नाव में एक बार फिर एक बलात्कार पीड़िता को ज़िंदा जलाने की कोशिश मामला सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक़ महिला उन्नाव के गांव भाटन खेड़ा की रहने वाली हैं। जिनके साथ इसी साल मार्च महीने में रायबरेली में बलात्कार हुआ था। महिला ने मामला दर्ज करवाते हुए आरोप लगाया था कि उनका वीडियो भी बनाया गया था। स्थानीय कोर्ट के दख़ल के बाद मामला रायबरेली ज़िले में दर्ज किया गया था। अभी वहीं पर केस चल रहा है।

इसी मुक़दमे के संबंध में गुरुवार सुबह जब पीड़िता पैरवी के लिए बैसवारा रेलवे स्‍टेशन ट्रेन पकड़ने जा रही थीं तभी गौरा मोड़ बिहार मौरांवा मार्ग पर आरोपियों ने उनके ऊपर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी।

उन्नाव के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने न्यूज़क्लिक को बताया, "घटना की सूचना हमें आज सुबह मिली थी। पीड़िता को लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने कहा कि उनका शरीर 90 फ़ीसदी तक जल गया है और उसकी हालत बहुत गंभीर है। पीड़िता के बयान के आधार पर सभी आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। घटना की गहन तफ़्तीश की जा रही है। इस घटना से जुड़े कुछ और तथ्य भी मिले हैं, जिनकी पुलिस जांच कर रही है।"

इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों में से एक ने न्यूज़क्लिक से कहा, "यह घटना गाैरा माेड़ के पास की है। आरोपियों ने पहले लड़की पर लाठी, डंडे, चाकू से वार किया। उसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। चीख़ें सुनकर इकट्ठा हुए राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। मौक़े पर आई पुलिस उसे लेकर सबसे पहले सुमेरपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीएचसी पहुंची। नाज़ुक हालत में उसे उन्नाव ज़िला अस्पताल भेज दिया गया। जिसके बाद पीड़िता की हालत लगातार बिगड़ने के बाद लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफ़र कर दिया गया।

इस मामले में उन्नाव एसपी विक्रांत वीर ने मीडिया को बताया कि मार्च में रायबरेली के लालगंज थाना क्षेत्र में एक केस दर्ज हुआ था। इसमें लड़की की तरफ़ से आरोप था कि शादी का झांसा देकर दो लोगों द्वारा गैंगरेप किया गया। इस मामले में एक आरोपी को पुलिस ने अभी तक गिरफ़्तार नहीं किया था। जबकि दूसरा कुछ दिनों पहले ही जेल से ज़मानत पर छूटकर आया है। इन दोनों आरोपियों का नाम पेट्रोल डालकर जलाने की घटना में भी शामिल है। इधर, पीड़िता के परिवार का कहना है कि जेल से छूटकर आए आरोपी पिछले दो दिनों से उन्हें धमकी दे रहे थे।

स्थानिय पत्रकार सुशील सिंह ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, "सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में पीड़िता ने बताया है कि वह गुरुवार सुबह 4 बजे रायबरेली जाने के लिए बैसवारा स्टेशन जा रही थीं। गौर गांव के मोड़ के पास पहले से मौजूद हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश वाजपेई के साथ रेप के आरोपी शिवम और शुभम त्रिवेदी ने कथित तौर लाठी-डंडों से उन्हें पीटने के बाद चाकू से कई वार किए। इस बीच वह चक्कर आने से गिरीं तो आरोपियों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी।"

सुशील सिंह के अनुसार पीड़िता का कहना है कि आरोपी पक्ष की ओर से मुक़दमा वापस लेने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने मुक़दमा वापस नहीं लिया तो हमलावरों ने जान से मारने की कोशिश की। पूरे इलाक़े में फ़िलहाल तनावपूर्ण माहौल है। हालांकि डीजीपी ओपी सिंह ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पीड़िता को बचाने के लिए हर संभव कोशिश का आश्वासन दिया है। लेकिन गांव वाले इससे संतुष्ट नहीं नज़र आ रहे हैं।

उन्नाव पीड़िता के स्वास्थ्य समाचार से मन आहत है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पीड़िता जल्द स्वस्थ हो।

कल भाजपा सरकार का बयान था यूपी में सब ठीक है। आज एक बयान और आया। लेकिन क़ानून व्यवस्था के बारे में झूठी बयानबाज़ी व झूठा प्रचार करने की ज़िम्मेदारी CM और उप्र सरकार की ही है।#Unnao

— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 5, 2019

उधर इस मामले में विपक्ष ने भी प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। इस घटना पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी रोष व्यक्त किया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, "कल देश के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफ़-साफ़ झूठ बोला कि यूपी की क़ानून व्यवस्था अच्छी हो चुकी है। हर रोज़ ऐसी घटनाओं को देखकर मन में रोष होता है। भाजपा नेताओं को भी अब फ़र्ज़ी प्रचार से बाहर निकलना चाहिए।

उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाये जाने के दुस्साहस की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार का सामूहिक इस्तीफ़ा होना चाहिए.

माननीय न्यायालय से गुहार है कि वो इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता के समुचित उपचार व सुरक्षा की तत्काल व्यवस्था के निर्देश दे.

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 5, 2019

वहीं समाजवादी पार्टी ने कहा, “बलात्कार पीड़िता को जलाने का प्रयास उत्तर प्रदेश में चल रहे जंगलराज का नतीजा है। मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए और पुलिस महानिदेशक को इस्तीफ़ा देना चाहिए। पीड़िता को अच्छे से अच्छा इलाज मिलना चाहिए और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पीड़िता को सुरक्षा भी मुहैया कराई जानी चाहिए।”

राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करते हुए जल्द से जल्द मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है। साथ ही पीड़िता और उनके परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की है।

खबरों के अनुसार पीड़िता को लखनऊ से एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जा रहा है।

ग़ौरतलब है कि इससे पहले बीते 21 नवंबर को उत्तर प्रदेश के ही संभल के नखासा थाना क्षेत्र में एक लड़की को उनके पड़ोसी युवक ने बलात्कार के बाद ज़िंदा जला दिया था। जिसके बाद 30 नवंबर को दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

बता दें कि हाल ही में 15 नवंबर को ही नोएडा में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार की ख़बर सामने आई थी। इसके बाद से लगातार उत्तर प्रदेश बलात्कार की ख़बरों से सुर्खियों में है। प्रदेश में बीजेपी की योगी सरकार 2017 से सत्ता में है लेकिन क़ानून-व्यवस्था के अन्य मोर्चों के साथ ही सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी नाकाम ही रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध पूरे देश में सबसे ज़्यादा हैं। वर्ष 2017 में यूपी में महिलाओं के प्रति कुल 56,011 अपराध दर्ज हुए जबकि पूरे देश में उस वर्ष ऐसे कुल 3.60 लाख अपराध दर्ज किए गए थे।

ग़ौरतलब है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा पर भारत सरकार ने 2017 के बाद से कोई आंकड़े जारी नहीं किए हैं।

वर्ष 2015 में अकेले उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति कुल 35,908 और 2016 में 49,262 अपराध दर्ज किए गए थे। इनमें से 2524 मामले दहेज हत्या, 12,600 घरेलू हिंसा और 15,000 अपहरण के मामले थे। 2017 में प्रदेश में बलात्कार के कुल 4246 मामले दर्ज हुए थे।

इसे भी पढ़े: तेलंगाना से यूपी तक : कहां है बेहतर कानून व्यवस्था, कहां है महिला सुरक्षा?

Unnao Rape Case
Yogi Adityanath
BJP
Ballia
rape case
crimes against women
violence against women
sexual crimes
sexual violence
patriarchal society
male dominant society
UttarPradesh
Hyderabad

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 


बाकी खबरें

  • Sustainable Development
    सोनिया यादव
    सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में भारत काफी पीछे: रिपोर्ट
    03 Mar 2022
    एनुअल स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट के मुताबिक सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में भारत फिलहाल काफी पीछे है। ऐसे कम से कम 17 प्रमुख सरकारी लक्ष्य हैं, जिनकी समय-सीमा 2022 है और धीमी गति…
  • up elections
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वांचल की जंग: 10 जिलों की 57 सीटों पर सामान्य मतदान, योगी के गोरखपुर में भी नहीं दिखा उत्साह
    03 Mar 2022
    इस छठे चरण में शाम पांच बजे तक कुल औसतन 53.31 फ़ीसद मतदान दर्ज किया गया। अंतिम आंकड़ों का इंतज़ार है। आज के बाद यूपी का फ़ैसला बस एक क़दम दूर रह गया है। अब सात मार्च को सातवें और आख़िरी चरण के लिए…
  • election
    न्यूज़क्लिक टीम
    यूपी चुनाव: बस्ती के इस गांव में लोगों ने किया चुनाव का बहिष्कार
    03 Mar 2022
    बस्ती जिले के हर्रैया विधानसभा में आधा दर्ज़न गांव के ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार करने का एलान किया है। ग्रामीणों ने बाकायदा गांव के बाहर इसका बैनर लगा दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी…
  • gehariyaa
    एजाज़ अशरफ़
    गहराइयां में एक किरदार का मुस्लिम नाम क्यों?
    03 Mar 2022
    हो सकता है कि इस फ़िल्म का मुख्य पुरुष किरदार का अरबी नाम नये चलन के हिसाब से दिया गया हो। लेकिन, उस किरदार की नकारात्मक भूमिका इस नाम, नामकरण और अलग नाम की सियासत की याद दिला देती है।
  • Haryana
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हरियाणा: आंगनबाड़ी कर्मियों का विधानसभा मार्च, पुलिस ने किया बलप्रयोग, कई जगह पुलिस और कार्यकर्ता हुए आमने-सामने
    03 Mar 2022
    यूनियन नेताओं ने गुरुवार को कहा पंचकुला-यमुनानगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बरवाला टोल प्लाजा पर हड़ताली कार्यकर्ताओं और सहायकों पर  हरियाणा पुलिस ने लाठीचार्ज  किया।  
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License