NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
यूपी में जन स्वास्थ्य अधिकार की बात करना भी हुआ गुनाह, लखनऊ में तीन एक्टिविस्ट से मारपीट, पुलिस ने भी उन्हीं पर की कार्रवाई!
भारत नौजवान सभा और स्त्री मुक्ति लीग,“जन स्वास्थ्य अधिकार” नाम से एक मुहिम चला रही है। जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य के अधिकार को मूलभूत अधिकार, घोषित करने की माँग सरकार से की जा रही है। इसके अलवा लॉकडाउन के दौरान ग़रीबों को मुफ़्त राशन आपूर्ति की माँग की जा रही है।
असद रिज़वी
17 May 2021
यूपी में जन स्वास्थ्य अधिकार की बात करना भी हुआ गुनाह, लखनऊ में तीन एक्टिविस्ट से मारपीट, पुलिस ने भी उन्हीं पर की कार्रवाई!

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज पुलिस ने तीन एक्टिविस्ट को “स्वास्थ्य अधिकार” के लिए पोस्टर लगते समय हिरासत में ले लिया। एक्टिविस्ट का आरोप है कि इस बीच दक्षिणपंथियों ने उनके साथ मार-पीट की है।

भारत नौजवान सभा और स्त्री मुक्ति लीग,“जन स्वास्थ्य अधिकार” नाम से एक मुहिम चला रही है। जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य के अधिकार को मूलभूत अधिकार, घोषित करने की माँग सरकार से की जा रही है। इसके अलवा लॉकडाउन के दौरान ग़रीबों को मुफ़्त राशन आपूर्ति की माँग की जा रही है।

इसी के अंतर्गत सोमवार की सुबह, सभा और लीग के तीन एक्टिविस्ट जिसमें एक महिला भी शामिल थीं, शहर के विभिन इलाक़ो में पोस्टर लगाने निकले थे। सुबह क़रीब 9:30 बजे, यह लोग, पन्ना लाल रोड, हसनगंज में पोस्टर लगा रहे थे, और प्रचार पुस्तिका (पैम्फ्लट) बांट रहे थे। ऐसे में कुछ लोगों ने इनका विरोध करना शुरू कर दिया।

धीरे-धीरे वहाँ एक बड़ी भीड़ जमा हो गई और तीनों कार्यकर्ताओं अनुपम, अविनाश और रूपा को चारों ओर से घेर लिया। भीड़ का आरोप था की तीनों एक्टिविस्ट, वहाँ लोगों को मोदी-योगी सरकार के ख़िलाफ़ भड़का रहे हैं और मंदिर के निकट मुस्लिम समुदाय के पोस्टर लगा रहे हैं।

जब इन एक्टिविस्ट ने अपना परिचय समाज सेवक ने रूप में दिया और दिखाया कि उनके पोस्टर धार्मिक नहीं, बल्कि जन-मानस के स्वास्थ्य सेवाओं की माँग को लेकर है, तो भीड़ ने इसके साथ मार-पीट शुरू कर दी।

कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जमा भीड़ ने उनको गालियाँ दी और कहा की यह अर्बन नक्सल हैं। जो शहर का का मौहल ख़राब कर रहे हैं। महिला एक्टिविस्ट का आरोप है कि वहाँ मौजूद एक पुरुष ने उनका हाथ मोड़ दिया और उनके साथियों के मोबाइल भी भीड़ ने छीन लिया।

सभा और लीग के एक्टिविस्ट का कहना है कि उन लोगों के साथ मार-पीट करने वाले सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सम्बद्ध संगठनों के लोग थे। जो वहाँ मौजूद एक महिला सभासद के उकसाने पर मार-पीट कर रहे थे। जिनको सरकार से सवाल करने पर आपत्ति थी।

मौक़े पर हसनगंज थाने की पुलिस भी पहुँच गई। जिसने मार-पीट करने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन तीनों एक्टिविस्ट को हिरासत में ले लिया। पुलिस तीनों को अपने साथ थाने ले गई, और वहाँ भी भीड़ जमा हो गई।

पुलिस ने तीनों एक्टिविस्ट को घंटों थाने में बैठाए रखा। लेकिन जब इसकी सूचना सभा के दूसरे सदस्यों को मिली तो उन्होंने इसका विरोध शुरू किया। जिसके बाद सभा के अधिवक्ताओं की मध्यस्था और लिखा-पढ़ी के बाद एक्टिविस्ट को छुड़ाया जा सका। हसनगंज पुलिस का कहना है यह लॉकडाउन का मामला है।

हसनगंज एसएचओ ने न्यूज़क्लिक को बताया कि तीन एक्टिविस्ट को हिरासत में लिया गया था, जिनको बाद में छोड़ दिया गया। एसएचओ के अनुसार यह एक्टिविस्ट लॉकडाउन के दौरान ग़ैरक़ानूनी ढंग से पोस्टर लगा रहे थे।

हिरासत से निकल कर अनुपम और अविनाश ने न्यूज़क्लिक से फ़ोन पर बात की और दोनों ने एक मत से कहा कि जनता की मदद करने वालों पर एक तरफ़ सरकारी तंत्र की ओर से फ़र्ज़ी मुक़दमे जा रहे हैं। और भाजपा सरकार के समर्थक सामाजिक कार्य करने वाले एक्टिविस्ट पर खुलेआम हमला कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नौजवान भारत सभा और स्त्री मुक्ति लीग की माँग है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान सभी स्वास्थ्य व्य़वस्था का राष्ट्रीयकरण किया जाए। इसके अलवा ऑक्सीजन और दवाओं की कालाबाज़ारी करने वालों पर फ़ास्ट ट्रैक अदालतों में मुक़दमे चलाये जाये के और दोषी पाये जाने पर सख़्त सज़ा दी जाये।

स्त्री मुक्ति लीग की रूपा का कहना है कि बिना तैयारी के लगाए गए लॉकडाउन ने लाखों परिवारों के सामने रोटी का संकट पैदा हो गया है। इस भयंकर स्थिति के ख़िलाफ़ जनता के पक्ष में खड़े होने वाले, कोरोना महामारी और भुखमरी के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहे, सामाजिक कार्यकर्ताओं को, मोदी-योगी के समर्थक निशाना बना रहे हैं।

आपको बता दें सरकार से असहमति रखने वालों के ख़िलाफ़ राज्य का प्रशासन भी सख़्ती कर रहा है। नदी में मिली लाशों पर प्रश्न करने वाले पूर्व आईएएस पर एक सप्ताह में दो मुक़दमे लिखे गये। सोशल मीडिया पर कोरोना मामलों पर लिखने वाले पूर्व आईएएस सूर्या प्रताप सिंह पर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और उन्नाव में कठोर धराओ में मुक़दमे दर्ज हुए हैं।

वहीं एक निजी पोर्टल पर ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाने वाले लखनऊ के समाचार पत्र के संपादक संजय शर्मा और ग्रामीण इलाक़ों में सरकारी दावों के उलट ज़मीनी हक़ीक़त पर रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले एक अख़बार में पत्रकार आदित्य तिवारी का कहना है कि उनको मुख्यमंत्री के वाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया है। इस ग्रुप पर सूचना विभाग के अधिकारी,पत्रकारों को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम, निर्देश और सरकारी काम-काज की ख़बरें (जन-सम्पर्क) प्रेस नोट के मध्यम से बताते हैं।

कुल मिलाकर चाहे जन स्वास्थ्य की बात की जाए या सरकारी अव्यवस्था पर सवाल उठाया जाए, यूपी में सरकार को यह सब नागवार गुजर रहा है। और मुकदमों और गिरफ़्तारी के माध्यम से हर आलोचना को दबाने की कोशिश की जा रही है।

UttarPradesh
Lucknow
health care facilities
Health Rights
UP police
Yogi Adityanath
yogi government
COVID-19
Corona in UP

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License