NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
कुंभ, कोरोना और राजनीति के बीच हरिद्वार में हुए कोविड टेस्ट की जांच शुरू
उत्तराखंड में 4 अप्रैल से 12 जून, 2021 के दौरान पॉजिटिविटी रेट 10.10% रहा। जबकि इसी दौरान हरिद्वार में पॉजिटिविटी रेट मात्र 3.99 % प्रतिशत दर्ज किया गया।
वर्षा सिंह
15 Jun 2021
हरिद्वार कुंभ के दौरान कोविड टेस्ट में फ़र्ज़ी रिपोर्ट बनाने के मामले की जांच शुरू
हरिद्वार कुंभ के दौरान कोविड टेस्ट में फ़र्ज़ी रिपोर्ट बनाने के मामले की जांच शुरू

उत्तराखंड अपने चुनावी वर्ष में प्रवेश कर चुका है। सबकुछ सामान्य रहा तो दिसंबर में राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी। ये सबको मालूम है कि इस बार कुंभ 11वें वर्ष में आयोजित किया गया। जो आमतौर पर 12 वर्षों के अंतराल पर होता है। बताया गया कि खगोलीय स्थिति के चलते इस बार कुंभ 11वें वर्ष में पड़ा। इससे पहले 1939 में ऐसा हुआ था। चुनावी स्थिति के लिहाज से भी कुंभ के आयोजन के लिए यही सही साल था। लेकिन कोरोना के लिहाज से बिलकुल नहीं।

मार्च 2020 से गलत-सही फ़ैसलों के साथ कोरोना प्रबंधन का अनुभव ले चुके त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ के सांकेतिक आयोजन का फ़ैसला लिया था। इसके लिए लगातार साधु-संतों को मनाया जा रहा था। कुंभ गंगा स्नान के साथ ही साधु-संतों और उनके अखाड़ों के दिव्य-भव्य शक्ति प्रदर्शन का ज़रिया भी होता है। कुंभ का आयोजन सांकेतिक रखने के फ़ैसले पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हाथ धोकर खामियाजा भुगतना पड़ा। उनकी जगह तीरथ सिंह रावत को चुनावी वर्ष में सत्ता मिली। मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत हरिद्वार में कुंभ के महा-आयोजन से की।

ये महा-आयोजन अपने साथ कोरोना का महा-संकट लेकर आया। कुंभ आधिकारिक तौर पर 1 से 30 अप्रैल के बीच मनाया गया। ये वही समय था जब उत्तराखंड समेत देशभर में कोरोना के आंकड़े नई ऊंचाइयां छूने लगे। अस्पतालों-श्मशान घाटों की ह्रदय-विदारक तस्वीरों से टेलीविज़न स्क्रीनें चीखने लगीं।

कुंभ के दौरान फ़र्ज़ी कोविड टेस्ट?

लेकिन हरिद्वार में सबकुछ शांत दिखाया जा रहा था। पूरे उत्तराखंड में कोविड के आंकड़े नए रिकॉर्ड बना रहे थे। अल्मोड़ा, पौड़ी जैसे ज़िलों में स्थिति बिगड़ रही थी। हरिद्वार से सटे देहरादून में कोरोना बम फूट रहा था। लेकिन हरिद्वार, जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आए और हज़ारों की संख्या में टेस्ट दिखाए गए, पॉज़िटिव केस बेहद कम थे।

कुंभ के दौरान पंजाब में मौजूद शख्स के पास हरिद्वार के निजी पैथॉलजी लैब से कोविड-19 टेस्ट का एसएमएस आया। जिसमें लिखा था कि कोविड-19 टेस्ट के लिए आपका सैंपल लिया गया है। इस व्यक्ति ने ई-मेल के ज़रिये आईसीएमआर को सूचना दी। आरोप लगाया कि फ़र्ज़ी टेस्ट के लिए उनके मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया है।

हरिद्वार प्रशासन की शुरुआती जांच में इस निजी लैब में इस तरह के एक-दो नहीं हज़ारों फ़र्ज़ी टेस्ट और उनकी रिपोर्ट की बात आयी। यही नहीं ज़िले की अलग-अलग निजी लैब से ऐसे तकरीबन एक लाख फ़र्ज़ी कोविड टेस्ट का आंकलन है। शुरुआती जांच में पाया गया कि अलग-अलग फ़ोन नंबर और उनके आधार नंबर के आधार पर फ़र्ज़ी कोविड टेस्ट रिपोर्ट तैयार की गई। मामले की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। जो 15 दिनों के भीतर इस फर्जीवाड़े पर अपनी रिपोर्ट देगी।

दरअसल नैनीताल हाईकोर्ट ने कुंभ के दौरान आने वाली लाखों की भीड़ को देखते हुए हरिद्वार में रोज़ाना 50 हज़ार कोविड टेस्ट के निर्देश दिए थे। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने अदालत में यह तक कहा था कि इतने टेस्ट कराना राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है। 22 निजी लैब को भी कोविड टेस्ट की अनुमति दी गई। इसके लिए उन्हें भुगतान किया गया।

चौंकाने वाले रहे हरिद्वार के आंकड़े

कोविड डाटा का विश्लेषण कर रही देहरादून की एसडीसी फाउंडेशन ने बीते 4 अप्रैल से 12 जून 2021 के बीच यानी 10 सप्ताह के दौरान उत्तराखंड में किये गये कुल कोविड टेस्ट का विश्लेषण किया। इस दौरान राज्य में किए गए कुल टेस्ट का 38 प्रतिशत सिर्फ हरिद्वार जिले में किया गया। लेकिन आश्चर्यजनक तौर पर इस दौरान हरिद्वार जिले में पॉजिटिविटी रेट उत्तराखंड से 60 प्रतिशत कम रहा।

उत्तराखंड में 4 अप्रैल से 12 जून, 2021 के दौरान पॉजिटिविटी रेट 10.10 % रहा। जबकि इसी दौरान हरिद्वार में पॉजिटिविटी रेट 3.99 % प्रतिशत दर्ज किया गया।

4 अप्रैल से 12 जून, 2021 के 10 सप्ताह (70 दिन) की अवधि के दौरान पूरे उत्तराखंड में कुल 23,25,968 टेस्ट किए गए और 2,34,902 मामले सामने आए।

4 अप्रैल से 12 जून, 2021 के 10 सप्ताह (70 दिन) की अवधि के दौरान हरिद्वार जिले में कुल 8,82,382 टेस्ट किए गए और 35,168 मामले सामने आए।

1-30 अप्रैल के बीच हरिद्वार में 70 लाख श्रद्धालु आए। उत्तराखंड समेत देशभर में महामारी चरम पर थी। लेकिन कुंभ नगरी में पॉजिटिविटी रेट बहुत कम थ।

ये विश्लेषण स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोजाना जारी होने वाले हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों के आधार पर किया गया है। मेला अधिकारी का ज़िम्मा संभाल रहे दीपक रावत ने न्यूज़क्लिक को बताया था कि हेल्थ बुलेटिन में कुंभ क्षेत्र में किए जा रहे टेस्ट को शामिल नहीं किया गया है। 

निष्पक्ष जांच ज़रूरी

एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल कहते हैं कि यदि वास्तव में हरिद्वार में कोविड टेस्ट में अनियमितता बरती गई है तो इसका बड़े पैमाने पर प्रभाव पड़ सकता है। इससे राज्य पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आंकड़ों को फिर से जांचने और जरूरत और इसमें सुधार करने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि जांच का दायरा और बढ़ाया जाए।

वह कहते हैं कि झूठे आंकड़े (यदि कोई हैं तो) राज्य में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ चल रही लड़ाई को जीतने में बाधक होंगे। इसके साथ ही संभावित तीसरी वेव की तैयारियों के संदर्भ में लिये जाने वाले निर्णयों पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। ऐसी स्थिति में गलतियां स्वीकार करने और उनमें बदलाव करने में किसी तरह का कोई संकोच नहीं किया जाना चाहिए।

(देहरादून स्थित वर्षा सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

UTTARAKHAND
KUMBH
COVID-19
Coronavirus
Corona test
haridwar

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License