NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
अमेरिका
अमेरिका में नस्लवाद-विरोध तेज़ होने के साथ प्रदर्शनकारियों पर हिंसा बढ़ी
प्रदर्शनकारियों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से उनके बीच कार घुसाने की कम से कम दो घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई जारी है।
पीपल्स डिस्पैच
27 Jul 2020
अमेरिका में नस्लवाद-विरोध तेज़

जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के दो महीने बाद पुलिस और क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों की हिंसा ने पूरे अमेरिका में विरोध प्रदर्शन को तेज़ कर दिया है। शनिवार 25 जुलाई को अमेरिका में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन हुआ। ऑस्टिन शहर में निकाले गए ब्लैक लाइव मैटर मार्च में शामिल एक प्रदर्शनकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि शूटर ने अपनी कार को इस रैली में घुसा दिया और फिर प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई। इसी तरह का एक हमला औरोरा में प्रदर्शन पर हुआ था जहां एक कार को रैली में घुसा दिया गया था।

दूसरी ओर सिएटल शहर में एक प्रदर्शन पर पुलिस ने बर्बर कार्रवाई करते हुए 45 प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया। प्रदर्शनकारियों पर इसी तरह की कार्रवाई ओमाहा शहर में हुई जहां 75 प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया और लॉस एंजिल्स में जहां पुलिस ने "रिफ्यूज फासिज्म" के बैनर तले एक रैली के खिलाफ "सुनियोजित चेतावनी" घोषित की और चार प्रदर्शनकारी को गिरफ़्तार किया।

प्रदर्शनकारियों पर ये हिंसा पोर्टलैंड में प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के दिन हुई जो शहर में संघीय क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों की हिंसा के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं।

सिएटल में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव तेज़ था क्योंकि पुलिस ने दंगा घोषित कर दिया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए स्टन-ग्रेनेड और काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया। ये प्रदर्शन काफी शांतिपूर्ण थे लेकिन प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा किशोरों के लिए एक निर्माणाधीन हिरासत केंद्र में आग लगा देने और फिर आसपास के अदालत परिसर में तोड़फोड़ करने के बाद स्थिति बदल गई।

जून के बाद से व्यक्तिगत हमलावरों द्वारा नस्लवाद-विरोधी प्रदर्शनकारियों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास बहुत बढ़ गए हैं। इसके चलते कई लोगों के घायल होने और यहां तक कि कुछ मौत के मामले सामने आए हैं। इस बीच, डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा तैनात संघीय क़ानून प्रवर्तन द्वारा ओरेगन के पोर्टलैंड में प्रदर्शनकारियों की हिंसा और धरना ने राष्ट्रव्यापी आक्रोश को बढ़ावा दिया है।

USA
America
Racism
Anti-racism
Protest

Related Stories

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

युवा श्रमिक स्टारबक्स को कैसे लामबंद कर रहे हैं

बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू

नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 

स्कीम वर्कर्स संसद मार्च: लड़ाई मूलभूत अधिकारों के लिए है


बाकी खबरें

  • Lenin
    अनीश अंकुर
    लेनिन: ‘‘कल बहुत जल्दी होता... और कल बहुत देर हो चुकी होगी... समय है आज’’
    22 Apr 2022
    लेनिन के जन्म की 152वीं सालगिरह पर पुनर्प्रकाशित: कहा जाता है कि सत्रहवी शताब्दी की अंग्रेज़ क्रांति क्रामवेल के बगैर, अठारहवीं सदी की फ्रांसीसी क्रांति रॉब्सपीयर के बगैर भी संपन्न होती लेकिन बीसवीं…
  • न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,451 नए मामले, 54 मरीज़ों की मौत 
    22 Apr 2022
    दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को बूस्टर डोज मुफ्त देने का ऐलान किया है। 
  • पीपल्स डिस्पैच
    नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर
    22 Apr 2022
    जर्मनी, कनाडा, यूके, नीदरलैंड और रोमानिया उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने यूक्रेन को और ज़्यादा हथियारों की आपूर्ति का वादा किया है। अमेरिका पहले ही एक हफ़्ते में एक अरब डॉलर क़ीमत के हथियारों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    सामूहिक विनाश के प्रवासी पक्षी
    22 Apr 2022
    रूसियों ने चौंकाने वाला दावा किया है कि, पेंटागन की जैव-प्रयोगशालाओं में तैयार किए गए डिजिटलीकृत प्रवासी पक्षी वास्तव में उनके क़ब्ज़े में आ गए हैं।
  • रश्मि सहगल
    उत्तराखंड समान नागरिक संहिता चाहता है, इसका क्या मतलब है?
    21 Apr 2022
    भाजपा के नेता समय-समय पर, मतदाताओं का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण करने के लिए, यूसीसी का मुद्दा उछालते रहते हैं। फिर, यह केवल एक संहिता का मामला नहीं है, जो मुसलमानों को फिक्रमंद करता है। यह हिंदुओं पर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License