NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
पश्चिम बंगाल: ईंट-भट्ठा उद्योग के बंद होने से संकट का सामना कर रहे एक लाख से ज़्यादा श्रमिक
बशीरहाट के ईंट-भट्ठों को फिर से खोलने की अपनी मांग को लेकर बड़ी संख्या में भट्ठा मज़दूर मंगलवार को उत्तर 24 परगना ज़िला प्रशासन कार्यालय पहुंचे।
संदीप चक्रवर्ती
06 Nov 2021
brick workers
ईंट-भट्ठा मज़दूरों की रैली

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बशीरहाट इलाक़े के ईट-भट्ठा मालिकों ने त्योहारों के इस मौसम के दौरान सरकार की ओर से निर्धारित मानदंडों को दरकिनार करते हुए अपनी इकाइयों को बंद करने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद से एक लाख से ज़्यादा ईंट-भट्ठे मज़दूर और उनके  आश्रित भारी मुसीबत में आ गये हैं।

इस ज़िले में इच्छामती नदी के किनारे 150 से ज़्यादा ईंट-भट्ठे हैं, जिनमें से हर एक में 350 से 400 से ज़्यादा लोग काम करते हैं। इन्हें बंद किये जाने के अचानक लिये गये इन फ़ैसलों के चलते सभी श्रमिकों और उनके परिवारों को इस समय भारी वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य के ईंट-भट्ठा मज़दूरों के आंदोलन में बहुत नज़दीक से भागीदारी कर रहीं सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) की ज़िला सचिव, गार्गी चटर्जी ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि इस इलाक़े के श्रमिकों का बहुत शोषण किया गया है।

चटर्जी ने कहा, “श्रमिकों को मासिक वेतन के तौर पर 5,000 रुपये से लेकर 6,000 रुपये (यानी प्रति दिन 150 रुपये) मिल रहे थे, जो इस उद्योग से जुड़े राज्य सरकार की घोषित न्यूनतम मज़दूरी से काफ़ी कम है। उन्हें भविष्य निधि या कोई वैधानिक लाभ भी नहीं मिलता और ईंट-भट्ठा मालिक उन्हें बिना किसी संकोच के काम से बाहर भी कर देते हैं। ईंटों के मालिकों ने अब त्योहारों से पहले इस उद्योग के बंद होने के पीछे का बड़ा कारण उत्पाद के अतिरिक्त स्टॉक और ईंटों की बिक्री में आयी कमी को बताया है।”

चटर्जी आगे कहती हैं, "जबकि हक़ीक़त यह है कि कोरोना प्रकोप के चलते निर्माण उद्योग एक मुश्किल दौर में है, हालांकि, यह आरोप कि ईंटें नहीं बिक रही हैं, दरअस्ल मालिकों की ओर से उत्पाद का कृत्रिम संकट पैदा करके अपने फ़ायदे को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया एक झूठा अभियान है।"

पहले राज्य सरकार राज्य में सड़कों के निर्माण के लिए ईंटों और पत्थरों के टुकड़े की ख़रीद करती थी। ये ख़रीद अब रुक गयी है, जिससे इस उद्योग के लिए और परेशानी हो रही है।

श्रमिकों के लिए भविष्य निधि सहित 8 दूसरे मांगों के साथ-साथ बशीरहाट अनुमंडल के ईंट-भट्ठों को फिर से खोले जाने की अपनी मांग को लेकर बड़ी संख्या में ईंट-भट्ठा श्रमिकों का प्रतिनिधिमंडल 2 नवंबर को उत्तर 24 परगना ज़िला प्रशासन कार्यालय पहुंचा।

ज़िले के ईंट-टाली-भाटा मज़दूर संघों की ओर से आयोजित उस रैली की शुरुआत कोलकाता के प्रमोद दासगुप्ता भवन से हुई। ईंट भट्ठों के एकतरफ़ा बंदी पर मज़दूरों ने रोष जताया और नारेबाज़ी की और इस बंदी को मज़दूर विरोधी बताया। यह रैली बशीरहाट घाट पर जाकर ख़त्म हुई, जहां यूनियनों की मांगों को सामने रखा गया।

यूनियनों ने यह मांग भी रखी कि ईंट-भट्ठा उद्योग में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये तय किये जायें, राज्य के सभी ईंट-भट्ठा श्रमिकों का टीकाकरण किया जाये और राज्य प्रशासन क़ानून का पालन करने वाले ठेकेदारों को ही टेंडर दे।

चटर्जी ने इस रैली को सीटू के शंकर घोष और मिरकाशिम मुल्ला के साथ कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। चटर्जी ने बारासात के अनुविभागीय अधिकारी से राज्य में भाईफोंटा उत्सव के पूरा हो जाने के बाद इन ईंट-भट्टों को शुरू करने की ज़िम्मेदारी लेने का आह्वान किया। रैली के दौरान पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल इस क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने गया और ज़िला प्रशासन के डिप्टी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन भी सौंपा।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

WB: Over One Lakh Brickfield Workers and Their Dependents Face Crisis as Industry Closes

North 24 Paraganas
CITU
Brickfield workers
Exploitation
COVID-19
minimum wage
West Bengal

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

दिल्ली: कोविड वॉरियर्स कर्मचारियों को लेडी हार्डिंग अस्पताल ने निकाला, विरोध किया तो पुलिस ने किया गिरफ़्तार

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी


बाकी खबरें

  • padtal dunia ki
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोलंबिया में लाल को बढ़त, यूक्रेन-रूस युद्ध में कौन डाल रहा बारूद
    31 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की' में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने लातिन अमेरिका के देश कोलंबिया में चुनावों में वाम दल के नेता गुस्तावो पेत्रो को मिली बढ़त के असर के बारे में न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर…
  • मुकुंद झा
    छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"
    31 May 2022
    एनईपी 2020 के विरोध में आज दिल्ली में छात्र संसद हुई जिसमें 15 राज्यों के विभिन्न 25 विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हुए। इस संसद को छात्र नेताओं के अलावा शिक्षकों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?
    31 May 2022
    आज अभिसार शर्मा बता रहे हैं के सरकारी एजेंसियों ,मसलन प्रवर्तन निदेशालय , इनकम टैक्स और सीबीआई सिर्फ विपक्ष से जुड़े राजनेताओं और व्यापारियों पर ही कार्रवाही क्यों करते हैं या गिरफ्तार करते हैं। और ये…
  • रवि शंकर दुबे
    भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़
    31 May 2022
    अटल से लेकर मोदी सरकार तक... सदन के भीतर मुसलमानों की संख्या बताती है कि भाजपा ने इस समुदाय का सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया है।   
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो लीक होने से पेचीदा हुआ मामला, अदालत ने हिन्दू पक्ष को सौंपी गई सीडी वापस लेने से किया इनकार
    31 May 2022
    अदालत ने 30 मई की शाम सभी महिला वादकारियों को सर्वे की रिपोर्ट के साथ वीडियो की सीडी सील लिफाफे में सौंप दी थी। महिलाओं ने अदालत में यह अंडरटेकिंग दी थी कि वो सर्वे से संबंधित फोटो-वीडियो कहीं…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License