NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पश्चिम बंगाल चुनावः “बंगाल की बेटी” ही नहीं बल्कि असम और उत्तर प्रदेश की जनता को भी पानी चाहिए
असम में भी 7.09 प्रतिशत घरों तक ही नल से जल पहुंच रहा है। तो उत्तर प्रदेश में मात्र 9.73 प्रतिशत घरों तक ही नल से जल पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री को शायद ये भी बताना चाहिए था कि उत्तर प्रदेश और असम में स्थिति इतनी ख़राब क्यों है?
राज कुमार
25 Feb 2021
नल

भाजपा, पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, दुर्गा पूजा, रेलवे के विस्तार और पीने के पानी का मुद्दा चुनाव प्रचार में उठा रही है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुगली, पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए, हर घर नल से जल पहुंचाने के मुद्दे को उठाया और अपने चिर-परिचित अंदाज़ में कहा: 

“जो पानी के लिए तरस रही है वो बंगाल की बेटी है कि नहीं है? बंगाल की बेटी को पानी मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए?” 

अब सवाल ये उठता है कि नेताओं को पानी जैसी बुनियादी ज़रूरत की याद चुनाव के दौरान ही क्यों आती है? क्या चुनाव के बाद भी वो अपने वादों को याद रखते हैं? क्या पीने के पानी का मसला सिर्फ उन्हीं प्रदेशों में है जहां ग़ैर-भाजपा सरकारें हैं? जिन प्रदेशों में भाजपा की सरकार है, वहां पीने के पानी की क्या स्थिति है? भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शायद ये सब भी बताना ही चाहिए। ख़ैर! इन सब सवालों पर हम कुछ प्रकाश डालते हैं।

नल से जल और बिहार चुनाव का उदाहरण।

पीने के पानी और चुनाव के संबंध को समझने के लिये हम नवंबर 2020 के बिहार चुनाव को देखते हैं। बिहार चुनाव! जो कोरोना की महामारी और लॉकडाउन की लुका-छिपी के बीच संपन्न हुआ था। नवंबर में बिहार में चुनाव थे और 28 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने आश्वासन दिया था कि वर्ष 2020 के अंत तक समस्त बिहार में नल से पानी पहुंच जाएगा। यानि महज़ तीन महीने में। जबकि अगर सरकारी आंकड़ों पर ही नज़र डालें तो पाएंगे अक्टूबर 2020 तक बिहार के 47 प्रतिशत घर नल के पानी से वंचित थे। हालांकि सरकार द्वारा दिये गये आंकड़ें भी संदेहास्पद थे। ज्यादा जानकारी के लिये ये रिपोर्ट पढ़ें।

वर्ष 2020 बीत चुका है। अब सवाल ये उठता है कि क्या बिहार में सभी घरों में नल से पीने का पानी पहुंच गया? अक्टूबर 2020 तक नल से पानी का जो आंकड़ा 53 प्रतिशत था क्या वो अब 100 प्रतिशत हो गया? जल-जीवन मिशन की वेबसाइट के अनुसार अभी बिहार के मात्र 66 प्रतिशत घरों तक ही पानी पहुंच पाया है। तो क्या दिसंबर 2020 तक बिहार के हर घर तक नल से जल पहुंचाने का आश्वासन सिर्फ एक चुनावी जुमला था। क्या हुगली में प्रधानमंत्री मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए ये बात बताई।

भाजपा और नल से जल।

मोदी जी पश्चिम बंगाल में पीने के पानी को लेकर चिंतित हैं और “बंगाल की बेटी” जैसी भावुक छवि का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या वो बताएंगे कि उन राज्यों में पीने के पानी की स्थिति क्या है जहां भाजपा की सरकार है। आइए, एक बार उन राज्यों पर नज़र डालते हैं जहां नल से जल की उपलब्धता का आंकड़ा 10 प्रतिशत से भी कम है। जो राज्य नल से जल की सूचि में सबसे नीचे हैं। जल-जीवन मिशन की वेबसाइट के अनुसार तीन राज्यों में नल से पानी की उपलब्धता 10 प्रतिशत से भी कम है। इनमें तीन राज्यों में से दो राज्यों में भाजपा की सरकार है। ये राज्य हैं उत्तर प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल।

जल-जीवन मिशन की वेबसाइट के अनुसार पश्चिम बंगाल में मात्र 7.09 प्रतिशत घरों तक ही नल से जल की सुविधा उपलब्ध है। असम में भी 7.09 प्रतिशत घरों तक ही नल से जल पहुंच रहा है। तो उत्तर प्रदेश में मात्र 9.73 प्रतिशत घरों तक ही नल से जल पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री को शायद ये भी बताना चाहिए था कि उत्तर प्रदेश और असम में स्थिति इतनी ख़राब क्यों है?

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

West Bengal
West Bengal Elections
Narendra modi
BJP
mamta banerjee
TMC
Water Shortage
Water Supply

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी प्रकरणः 14 मई की सुबह आठ बजे से शुरू होगा मस्जिद का सर्वे, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष
    13 May 2022
    वाराणसी के कलेक्टर कौशल राज शर्मा के मुताबिक शनिवार की सुबह 8 से 12 बजे के बीच ज्ञानवापी के सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। पुलिस कमिश्‍नर ए.सतीश गणेश ने दोनों पक्षों से शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल…
  • एम. के. भद्रकुमार
    रूसी तेल की चिकनाहट पर लड़खड़ाता यूरोपीय संघ 
    13 May 2022
    तेल निर्यात करने वाले अंतराष्ट्रीय संगठन ओपेक ने यूरोपीय संघ को इस बात की चेतावनी दी है कि प्रतिबंधों के कारण संभावित रूप से हाथ से निकल चुके 7 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से ज़्यादा रूसी तेल और…
  • डी राजा
    समीक्षा की कोई गुंजाइश नहीं, राजद्रोह क़ानून को विधान से हटाया जाना चाहिए
    13 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मोदी सरकार प्रक्रिया में देरी न करे। पढ़िए सीपीआई महासचिव डी राजा के विचार
  • बी. सिवरामन
    राष्ट्रीय युवा नीति या युवाओं से धोखा: मसौदे में एक भी जगह बेरोज़गारी का ज़िक्र नहीं
    13 May 2022
    एशियाई विकास बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में 15-24 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोज़गार होने की संभावना वृद्ध वयस्कों की अपेक्षा लगभग पांच गुना अधिक है। ऐसे समय में राष्ट्रीय युवा नीति 2021 आई है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 
    13 May 2022
    देश में आज लगातार तीसरे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा यानी 2,841 नए मामले सामने आए हैं | जबकि इस बीच देश भर में कोरोना से पीड़ित 3,295 मरीज़ों को ठीक किया गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License