NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
क्या है कोरोना वायरस? और क्यों हैं इतना घातक ?
चीन ही नहीं बल्कि पूरा दक्षिण एशिया वायरस फैलने की सबसे अनुकूल जगह है। आने वाली पीढ़ियों को हर दस- बीस साल में ऐसे वायरस के संक्रमण के लिए तैयार होना पड़ेगा जो नए किस्म के है, जिसकी प्रकृति की जानकारी पब्लिक डोमेन में नहीं होगी।
अजय कुमार
07 Feb 2020
coronavirus

पिछले साल के 21 दिसंबर से लेकर अब तक कोरोना वायरस से चीन में 563 लोगों की मौत हो चुकी है और पूरी दुनिया में तक़रीबन 28 हजार लोग इस वायरस से प्रभावित बताये जा रहे हैं। भारत में भी तीन लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इस तरह से दुनिया के स्वास्थ्य क्षेत्र में कोरोना वायरस ने खलबली मचा रखी है। बहुत सारे देश इसे रोकने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। 30 और 31 जनवरी की रात विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर ग्लोबल हेल्थ इमेरजेंसी घोषित कर दी। चीन से आ रहे लोगों की एयरपोर्ट पर जांच की जा रही है। जाँच की जा रही है कि कहीं वे कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं है। ताकि संक्रमण को देश में घुसने से रोक दिया जाए।

कोरोना वायरस को 2019 नॉवेल वायरस नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई। वुहान से शुरू होते हुए पूरे चीन में फ़ैल गया। दक्षिण कोरिया, जापान और थाईलैंड से होते हुए यह इस समय पूरी दुनिया में फैलने की तरफ बढ़ रहा है। चीन के वुहान में कोरोना वायरस के फैलने की वजह से इस विषय पर बहस छिड़ गई है कि हाल के सालों में कई नए घातक वायरस चीन में ही क्यों फ़ैल रहे हैं? इसके जवाब में न्यूज़क्लिक के एडिटर इन चीफ़ प्रबीर पुरकायस्थ कहते हैं कि केवल चीन ही नहीं बल्कि पूरा दक्षिण एशिया वायरस फैलने की सबसे अनुकूल जगह है। कारण यह कि यहां घनी आबादी रहती है और यह इलाका पृथ्वी के ऐसा हिस्सा है जिसकी जलवायु गर्म है। इसलिए केवल चीन ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों को हर दस- बीस साल में ऐसे वायरस के संक्रमण के लिए तैयार होना पड़ेगा जो नए किस्म के है, जिसकी प्रकृति की जानकारी पब्लिक डोमेन में नहीं होगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यह ज़ूनोटिक किस्म का वायरस है। यानी इसका फैलाव जानवरों से इंसानों की तरफ होता है। अभी तक बहुत सारे अटकलें लगाई गयी कि इसका फैलाव चमगादड़ से हुआ है। साँपों से हुआ है। लेकिन ऐसे किसी भी अटकल के बारे में पुख्ता सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस का सोर्स क्या है?

31 दिसंबर साल 2019 को चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में निमोनिया के कई मामले सामने आये। यह खबर WHO तक पहुंची। जाँच के दौरान इस वायरस का किसी भी मौजूदा वायरस से मेल नहीं हुआ। इसने एक गंभीर परेशानी को जन्म दिया क्योंकि जब कोई वायरस नया होता है तो उसके बारे में यह जानकारी नहीं होती कि यह लोगों को कैसे प्रभावित करेगा। तकरीबन एक हफ्ते बाद 7 जनवरी को चीनी अधिकारियों ने पूरी दुनिया को बताया कि उन्होंने एक नए वायरस की पहचान की है। इस नए वायरस को कोरोना वायरस नाम दिया गया।

कोरोना वायरस एक विशेष वायरस फैमिली से जुड़ा है। इस वायरस फैमिली से कुछ सामान्य रोग फैलते हैं। जैसे सर्दी, जुकाम और साँस और आंत से जुड़ी कुछ गंभीर बीमारियां। कोरोना वायरस की सतह पर क्राउन (Crown) जैसे कई उभार होते हैं। माइक्रोस्कोप में देखने पर ये सौर कोरोना जैसे दिखते हैं। इसलिये इसका नाम ‘कोरोना वायरस’ है।

ऐसे जगह जहाँ इंसानों और जानवरों में अनियमित रक्त और अन्य शारीरिक संपर्क जैसा संबंध स्थापित होता है, वहाँ पर इस वायरस का अधिक फैलाव होता है। चीन के पशु बाज़ार ऐसे ही स्थलों के उदाहरण हैं, जहाँ जानवरों से इंसानों में वायरस के संचरण की अधिक संभावना है। चीन के बाज़ारों में कई जानवरों का माँस बिकने के कारण ये बाज़ार मानव में वायरस की संभावना को बढ़ा देते हैं। जब एक बड़ा मानव समुदाय इस वायरस के संचरण श्रृंखला में शामिल हो जाता है तो इंसानों की कोशिकाओं में ऐसे बदलाव शुरू हो जाते हैं, जो उन्हें मौत के मुंह तक ले जाते हैं।

अभी फिलहाल चीन से आने वाले लोगों पर निगरानी रखी जा रही है। एयरपोर्ट पर ही ऐसे इंतज़ाम किया जा रहे हैं ताकि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को एयरपोर्ट पर ही रोक लिया जाए। जबकि कोरोना वायरस की ढंग से टेस्टिंग एयरपोर्ट पर ही हो सकती है। एयरपोर्ट पर छंटनी करने की ऐसी प्रक्रिया से आप समझ सकते हैं कि बहुत सारे लोगो की संदेह के आधार पर पकड़ लिया जाता होगा। जिसमें कोरोना वायरस से संक्रिमत लोग हो भी सकते है और नहीं भी हो सकते है। या ऐसा भी हो सकता है कोरोना वायरस से संक्रमित लोग देश में आ जाए और जिन्हें संक्रमण न हो उन्हें देश से बाहर रखा जाए।

यह कैसे सम्भव है? इसे समझने के लिए एक बार समझते है कि वायरस क्या होता है? आम जुबान में हम सबने कभी न कभी तो सुना ही होगा कि वायरस फ़ैल गया है। यह बात सही है क्योंकि वायरस फैलता ही है। हमारे आस-पास अनंत किस्म के कीटाणु होते हैं। यह हमारी आँखों से दिखाई नहीं देते।लेकिन इनका जीवन हमारे ऊपर ही निर्भर करता है। हम जिन कोशिकाओं से मिलकर बने होते है। वायरस इन कोशिकाओं से ही अपना भोजन लेते हैं। एक से बढ़ते हुए अनंत हो जाते हैं। और अगर नुकसानदायक किस्म के वायरस हुए तो हम बीमारी के चपेट में आ जाते हैं। ठंड में होने वाले सर्दी- जुकाम भी ऐसी ही बीमारी है। जो हम ठंड में छींकते हैं इसका मतलब होता है, हमारे अंदर की रोग प्रतिरोधी क्षमता हमारे अंदर के वायरस को बाहर निकला रही है। चूँकि कोरोना वायरस भी एक तरह का वायरस है तो कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए इन्हीं सब लक्षणों की तरफ देखा जा रहा है।

एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिस किसी का तपमान नार्मल से ज्यादा है उसे बाहर कर दिया जा रहा है। इसके साथ इसके बुखार, सर्दी, जुकाम, छींक ये सारे ऐसे लक्षण है जिनसे कोरोना वायरस की पहचान की जा रही है। जबकि हकीकत यह है कि इन सारे लक्षणों का कारण वायरस के अलावा दूसरी तरह की चीजें भी हो सकती है। कोरोना वायरस के अलावा कुछ और भी हो सकता है।

कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के भीतर कोरोना वायरस के लक्षण पैदा होने में तकरीबन 2 से 14 दिन लगते हैं। इसका मतलब यह है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति पहले दिन की जाँच में पहचान में नहीं आएगा। इसलिए अगर पहले दिन के अंदर ही वह एयरपोर्ट से बाहर निकल गया तो उसकी पहचान नहीं हो पायेगी।

अब सवाल उठता है कि कोरोना वायरस की पहचान कैसे होगी ? तो जवाब है लैब में। चीन की सरकार ने इस वायरस के जेनेटिक सीक्वेंस को जारी कर दिया है। सरल शब्दों में समझा जाए तो इस वायरस की रचना कैसी है, इसे पूरी दुनिया में बता दिया गया है। ताकि इसकी पहचान की जा सके लेकिन हर व्यक्ति को लैब में ले जाकर कोरोना वायरस की पहचान करना मुश्किल है। इसलिए जानकरों कहना है कि थर्मल स्कैनर वाला तरीका ही बेहतर है, भले ही इसमें कुछ गलतियां होने की सम्भावना क्यों न हो।

अभी तक इसका कोई इलाज सामने नहीं आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जा चुका है। हमेशा से ऐसी बीमारियां भी फैलती आई हैं जिनका इलाज उस समय मेडिकल साइंस में नहीं होता है। इसलिए इनका सामना करने के लिए पूरी दुनिया को एक साथ मिलकर काम करना पड़ता है। कोरोना वायरस के साथ भी ऐसा ही है। अभी तक का इसका इलाज सामने नहीं आया है इसलिए सारे देशों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके। इस लिहाज से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पब्लिक हेल्थ इमेरजेंसी घोषित करने में बहुत अधिक मदद मिलती है। 

इसके साथ यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि दुनिया के बहुत सारे देशों के बाद ऐसी बीमारियों से लड़ने के लिए मुक़्क़मल ढांचा नहीं है। इसलिए WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम ने बताया कि 'इमरजेंसी घोषित करने का प्रमुख कारण यह नहीं है कि चीन में क्या हो रहा है, बल्कि बाकी देशों में जो हो रहा है, यह उसका कारण है। हमारी चिंता उन देशों के लिए है, जिन देशों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं कमजोर हैं और जो कोरोना वायरस से निपटने में सक्षम नहीं हैं।'

(जारी...)

इसे भी पढ़े : क्या नवीनतम कोरोना वायरस अपने इन्क्यूबेशन काल में तेज़ी से फैल सकता है?

Coronavirus
China
South Asia
novel coronavirus
2019-nCoV
Wuhan
Hubei Province
Asymptomatic Transmission
WHO
HEALTH

Related Stories

गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

विज्ञान: समुद्री मूंगे में वैज्ञानिकों की 'एंटी-कैंसर' कम्पाउंड की तलाश पूरी हुई

छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब स्ट्रेन BA.4 और BA.5 का एक-एक मामला सामने आया

कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 

कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई


बाकी खबरें

  • असद रिज़वी
    CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा
    06 May 2022
    न्यूज़क्लिक ने यूपी सरकार का नोटिस पाने वाले आंदोलनकारियों में से सदफ़ जाफ़र और दीपक मिश्रा उर्फ़ दीपक कबीर से बात की है।
  • नीलाम्बरन ए
    तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है
    06 May 2022
    रबर के गिरते दामों, केंद्र सरकार की श्रम एवं निर्यात नीतियों के चलते छोटे रबर बागानों में श्रमिक सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं।
  • दमयन्ती धर
    गुजरात: मेहसाणा कोर्ट ने विधायक जिग्नेश मेवानी और 11 अन्य लोगों को 2017 में ग़ैर-क़ानूनी सभा करने का दोषी ठहराया
    06 May 2022
    इस मामले में वह रैली शामिल है, जिसे ऊना में सरवैया परिवार के दलितों की सरेआम पिटाई की घटना के एक साल पूरा होने के मौक़े पर 2017 में बुलायी गयी थी।
  • लाल बहादुर सिंह
    यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती
    06 May 2022
    नज़रिया: ऐसा लगता है इस दौर की रणनीति के अनुरूप काम का नया बंटवारा है- नॉन-स्टेट एक्टर्स अपने नफ़रती अभियान में लगे रहेंगे, दूसरी ओर प्रशासन उन्हें एक सीमा से आगे नहीं जाने देगा ताकि योगी जी के '…
  • भाषा
    दिल्ली: केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद : न्यायालय ने मामला पांच सदस्यीय पीठ को सौंपा
    06 May 2022
    केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License