NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उत्तर प्रदेश के मथुरा के एक मंदिर में नमाज़ पढ़ने का क्या मामला है?
उत्तर प्रदेश के मथुरा के नंदबाबा मंदिर में नमाज़ पढ़ने को लेकर चार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है और एक आरोपी फ़ैसल ख़ान को हिरासत में लिया गया है। आरोप है कि इनमें से दो लोगों ने 29 अक्टूबर को मंदिर परिसर में नमाज़ पढ़ी थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
03 Nov 2020
उत्तर प्रदेश के मथुरा के एक मंदिर में नमाज़ पढ़ने का क्या मामला है?

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित नंदबाबा मंदिर में नमाज़ पढ़ने का मामला गर्माया हुआ है। इसे लेकर चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि इनमें से दो लोगों ने 29 अक्टूबर को मंदिर परिसर में नमाज़ पढ़ी थी। पुलिस इस मामले में दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले और ख़ुदाई ख़िदमतगार संस्था के राष्ट्रीय संयोजक फ़ैसल ख़ान को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

क्या है मामला?

बीते दिनों ब्रज चौरासी कोस की यात्रा कर रहे दिल्ली निवासी फ़ैसल ख़ान और उनके एक मित्र ने नन्दगांव के नन्द भवन मंदिर परिसर में नमाज़ पढ़कर उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दीं। मंदिर के एक सेवायत की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने आरोपी फ़ैसल ख़ान, उसके मुस्लिम मित्र चांद मोहम्मद तथा दो हिंदू साथियों नीलेश गुप्ता और आलोक रतन के खिलाफ धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाने, धार्मिक सम्प्रदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने, समाज में ऐसा भय पैदा करने जिससे माहौल खराब होने का अंदेशा हो तथा उपासना स्थल को अपवित्र करने जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

बरसाना के थाना प्रभारी आजाद पाल सिंह ने बताया, ‘नन्दभवन के सेवायतों ने यह जानकारी दी कि गुरुवार यानी 29 अक्टूबर की दोपहर तीन युवक नन्द भवन पहुंचे थे जिनमें से एक ने अपना परिचय दिल्ली निवासी फ़ैसल ख़ान के रूप में दिया था। उसने सभी को बताया था कि वह भी प्रसिद्ध कवि रसखान के समान भगवान कृष्ण में अगाध श्रद्धा रखता है और उसी के वशीभूत होकर ब्रज चौरासी कोस की यात्रा कर रहा है। यात्रा में पड़ने वाले सभी धर्मस्थलों के दर्शन भी कर रहा है।’

थाना प्रभारी ने बताया कि उसने नन्द भवन में नन्दलाला और नन्द बाबा के भी दर्शन किए, इसके बाद जब गोस्वामीजन ठाकुरजी को शयन कराकर मंदिर के पट बंद करने के लिए अंदर चले गए, तब उन लोगों ने नमाज़ पढ़कर फोटो लिए और सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिए, इससे पूर्व उसने धर्म चर्चा के बीच रामचरित मानस की चौपाईयां भी पढ़कर सुनाईं।

आजाद पाल सिंह ने बताया कि रविवार को मंदिर के सेवायतों की जानकारी में यह वाकया आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैलने लगा। इस पर मंदिर के सेवायत कान्हा गोस्वामी ने मंदिर में नमाज़ पढ़ने वाले फ़ैसल ख़ान और मोहम्मद चांद तथा उन्हें अपने साथ मंदिर लाने वाले नीलेश व आलोक के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। थाना प्रभारी आजाद पाल सिंह के मुताबिक चारों व्यक्तियों के खिलाफ भादवि की धारा 153(ए), 295 तथा 505 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

आरोपियों से पूछताछ कर रही है पुलिस

एफआईआर के बाद कार्रवाई करते हुए यूपी पुलिस सोमवार को फ़ैसल ख़ान को दिल्ली के जामिया नगर में हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

मथुरा के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीश चंद्र ने बताया, ‘आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें अलग-अलग ठिकानों पर भेजी गई थीं। इनमें से एक टीम ने फ़ैसल ख़ान को दिल्ली स्थित जामिया नगर से हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए जाने के बाद से उससे पूछताछ की जा रही है कि आखिर ऐसा करने के पीछे उसका इरादा क्या था? उसने ऐसा किसके कहने पर किया?’

एक सवाल के जवाब में पुलिस अधीक्षक चंद्र ने बताया कि पूछताछ का दौर खत्म हो जाने के बाद ही तय किया जाएगा कि आरोपी को कब मथुरा लाना है।

मंशा पर उठ रहे सवाल

गौरतलब है कि चार दिन पूर्व घटी इस घटना के बाद शनिवार को देर रात ‘कौमी एकता मंच’ से जुड़े मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने 'प्रेम की मिसाल' के तौर पर मंदिर में नमाज़ पढ़े जाने के चार फोटो पोस्ट किए तो रविवार को विवाद शुरू हो गया। कुछ लोगों ने संदेह जताया कि मंदिर में नमाज़ पढ़ने के पीछे इन लोगों की मंशा कुछ और ही रही होगी।

मंदिर के सेवायतों व ब्राह्मण समाज के लोगों ने मिलकर मंदिर प्रांगण को गंगा-यमुना के जल से शुद्ध किया और बाकायदा हवन-यज्ञ कर शुद्धिकरण किया।

मंदिर के सेवायतों में वरिष्ठ आचार्य हरिमोहन गोस्वामी ने कहा, 'फैजल की नन्दलाला के प्रति श्रद्धा-भक्ति तो हमें समझ आती है, परंतु नमाज़ अदा करते हुए फोटो डालना पाखण्ड जान पड़ता है। गोस्वामी समाज इस कृत्य की घोर निन्दा करता है। इससे भी जरूरी बात यह है कि इस सबके पीछे इन लोगों का कोई छिपा मकसद भी हो सकता है।’

क्या है दूसरा पक्ष?

फ़ैसल ख़ान समेत सभी आरोपी 'ख़ुदाई ख़िदमतगार' नाम की सामाजिक संस्था के साथ जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। ख़ुदाई ख़िदमतगार दिल्ली की एक गैर-सरकारी संस्था है जो शांति, भाईचारा और सद्भावना के लिए काम करने का दावा करती है।

बीबीसी के मुताबिक इन आरोपों पर फैजल का कहना है कि वो किसी भी जाँच के लिए तैयार हैं, उनका इरादा किसी की भावनाएं आहत करना नहीं था। वे ज़ोर देकर कहते हैं, "हमने मंदिर के पुजारी के आग्रह पर ही नमाज़ पढ़ी थी। हमारी वहां उनसे सौहार्दपूर्ण वार्ता हुई थी।"

इस पूरे मामले पर ख़ुदाई ख़िदमतगार ने अपना बयान जारी किया है। ख़ुदाई ख़िदमतगार ने अपने बयान में कहा है कि गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता और ख़ुदाई ख़िदमतगार (खान अब्दुल गफ़्फ़ार खान द्वारा स्थापित किया गया गांधीवादी संगठन) के राष्ट्रीय संयोजक फ़ैसल ख़ान 24 से 29 अक्टूबर तक कृष्ण की पवित्र भूमि ब्रज पर अपनी पांच दिवसीय तीर्थयात्रा (यात्रा) पर थे। वह गोवर्धन की प्राचीन चौरासी कोसी यात्रा में भाग ले रहे थे।

अपनी यात्रा में उन्होंने कई लोगों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के पुजारियों से मुलाकात की। कोई भी व्यक्ति उनकी यात्रा के वीडियो, चित्र देख सकता है जो उनके फेसबुक प्रोफाइल पर उपलब्ध हैं। इस दौरान हिंदू धर्म के दर्शन, तुलसीदास जी के छंद, रसखान जी और रहीमदास के बारे में बड़ी चर्चा हुई।

बयान में कहा गया है कि अपनी यात्रा के अंतिम दिन फ़ैसल ख़ान ने 'नंद बाबा' के पवित्र मंदिर का दौरा किया। उन्होंने वहां अपनी श्रद्धा का पालन किया। वह उनकी दोपहर की प्रार्थना का समय था, इसलिए उन्होंने उपयुक्त जगह मांगी। मंदिर में वहां मौजूद लोगों ने उन्हें यह कहकर मंदिर परिसर में ही प्रार्थना करने की अनुमति दी कि आप पहले से ही भगवान के घर में हैं इसलिए आपको कहीं और जाने की क्या आवश्यकता है।

यह सुनकर फ़ैसल ख़ान ने अपनी प्रार्थना पूरी की। इसके बाद वह और अन्य सदस्य कुछ और समय मंदिर में रहे और उन्होंने उसी मंदिर में अपना दोपहर का भोजन किया। सब कुछ ठीक था। 29 अक्टूबर को यात्रा पूरी हुई और वह सभी के साथ दिल्ली लौट आए। 3 दिनों के बाद उन्हें कुछ स्थानीय मीडिया के लोगों से जानकारी मिली कि कुछ लोग हैं जो 29 अक्टूबर को हुई घटनाओं से खुश नहीं हैं और वे पुलिस से शिकायत करने जा रहे हैं।

अपने बयान में संस्था ने आगे कहा है कि ख़ुदाई ख़िदमतगार शांति, प्रेम और सांप्रदायिक सद्भाव में विश्वास करती है, फ़ैसल ख़ान एक व्यक्ति के रूप में इन मुद्दों पर पिछले तीन दशकों से काम कर रहे हैं और ख़ुदाई ख़िदमतगार का उद्देश्य भी यही है।

गौरतलब है कि इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में कवि, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता फ़ैसल ख़ान के हिरासत में लिए जाने की निंदा कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ 

UttarPradesh
mathura
Namaz in Temple
religion
Namaz at Nandbaba Temple
Religion Politics
hindu-muslim
yogi sarkar
Yogi Adityanath

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़


बाकी खबरें

  • starbucks
    सोनाली कोल्हटकर
    युवा श्रमिक स्टारबक्स को कैसे लामबंद कर रहे हैं
    03 May 2022
    स्टारबक्स वर्कर्स यूनाइटेड अमेरिकी की प्रतिष्ठित कॉफी श्रृंखला हैं, जिसकी एक के बाद दूसरी शाखा में यूनियन बन रही है। कैलिफ़ोर्निया स्थित एक युवा कार्यकर्ता-संगठनकर्ता बताते हैं कि यह विजय अभियान सबसे…
  • प्रबीर पुरकायस्थ, टी के अंजलि
    कोयले की किल्लत और बिजली कटौती : संकट की असल वजह क्या है?
    03 May 2022
    मौजूदा संकट, बिजली क्षेत्र में सुधारों की बुनियादी विचारधारा का ही नतीजा है, जहां 400 गीगावाट की स्थापित बिजली क्षमता के होते हुए भी, इससे आधी शीर्ष मांग पूरी करना भी संभव नहीं हो रहा है।
  • आज का कार्टून
    मंज़र ऐसा ही ख़ुश नज़र आए...पसमंज़र की आग बुझ जाए: ईद मुबारक!
    03 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान के साथ हम सब इस ईद पर यही चाहते हैं कि मंज़र ऐसा ही ख़ुश नज़र आए...पसमंज़र की आग बुझ जाए।
  • विजय विनीत
    बनारस में हाहाकारः पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में पीने के पानी के लिए सब बेहाल
    03 May 2022
    ग्राउंड रिपोर्टः  बनारस में पानी की आफत को देखते हुए एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने मांग की है कि शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए बनारस शहर में आपातकाल घोषित किया जाए और पानी की विलासिता पर रोक लगाई जाए।…
  • अखिलेश अखिल
    ढहता लोकतंत्र : राजनीति का अपराधीकरण, लोकतंत्र में दाग़ियों को आरक्षण!
    03 May 2022
    आजादी के अमृतकाल की दुदुम्भी और शंखनाद से इतर जब राजनीति के अपराधीकरण पर हम नजर डालते हैं तो शर्म से सिर झुक जाता है। जो सदन कभी जनता के सवालों पर गूंजता था,एक से बढ़कर एक वक्ताओं के ऐतिहासिक भाषणों…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License