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राजनीति
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कौन हैं यूरोपीय संसद की नई अध्यक्ष रॉबर्टा मेट्सोला? उनके बारे में क्या सोचते हैं यूरोपीय नेता? 
रोबर्टा मेट्सोला यूरोपीय संसद के अध्यक्ष पद के लिए चुनी जाने वाली तीसरी महिला हैं।
मरीना स्ट्रॉस
20 Jan 2022
Roberta Metsola

माल्टा की रूढ़िवादी राजनीतिज्ञ रॉबर्टा मेट्सोला यूरोपीय संसद की नए अध्यक्ष चुनी गई हैं। कई लोग 43 वर्षीया मेट्सोला की खाई पाटने वाली महिला नेता के रूप में प्रशंसा करते हैं तो अन्य लोग उनके गर्भपात विरोधी रुख को लेकर उनकी आलोचना भी करते हैं।

रोबर्टा मेट्सोला यूरोपीय संसद के अध्यक्ष पद के लिए चुनी जाने वाली तीसरी महिला हैं। रोबर्टा मेट्सोला ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि उनके लिए, यूरोपीय संघ एक जटिल नौकरशाही संस्था नहीं है, बल्कि एक वास्तविक जुनून है। यह संकट से जूझने वाली संसद नहीं है, बल्कि यह यूरोपीय मूल्यों और द्वितीय विश्व युद्ध की राख से उभरी रचनात्मक परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए उत्साह को बढ़ावा देने वाली संस्था है।

अब इस परिप्रेक्ष्य में, माल्टा की इस रूढ़िवादी राजनेता को यह साबित करना होगा कि वे अपने शब्दों को अमलीजामा भी पहना सकती हैं।

यह संयोग की बात है कि मंगलवार को, जब रोबर्टा मेट्सोला यूरोपीय संसद का अध्यक्ष चुना गया, उसी दिन उन्होंने अपने जीवन के 43वें वसंत को पूरा कर लिया।

हालांकि मेट्सोला का चुनाव माल्टीज़ सांसद के लिए उनके जन्मदिन का एक स्वागत योग्य उपहार हो सकता है, लेकिन उनका यूरोपीय संसद के अध्यक्ष पद के लिए चुना जाना कोई आश्चर्य नहीं है। 

यूरोपीय संसद के तीन सबसे बड़े समूहों-कंजर्वेटिव यूरोपीय पीपुल्स पार्टी (ईपीपी), सोशलिस्ट्स एंड डेमोक्रेट्स और लिबरल रिन्यू ग्रुप-ने सर्वसम्मति से तय किया था कि इस बार एक रूढ़िवादी प्रतिनिधि अध्यक्ष पद के मध्यावधि चुनाव में हिस्सा लेगा। 

पूर्व यूरोपीय यूनियन अध्यक्ष डेविड ससोली का 11 जनवरी, 2022 को निधन हो गया। मेट्सोला, जिनकी पार्टी नाज्जोनलिस्टा (माल्टा की नेशनलिस्ट पार्टी) मध्य-दक्षिणपंथी ईपीपी समूह का हिस्सा हैं, वह एक स्पष्ट पसंद थीं क्योंकि वे पार्टी लाइनों से इतर भी सम्मानित हैं और उन्हें अंतरों को पाटने वाली नेता के रूप में जाना जाता है।

मेट्सोला के पार्टी सहयोगी और यूरोपीय संसद के साथी सदस्य डेविड कासा उनके बारे में संक्षेप में बताते हैं: "हम सभी विभाजन और संकट के अभ्यस्त हैं और रोबर्टा का उदय और लोकप्रियता यह साबित करती है कि सर्वसम्मति से राजनीति करना अभी भी संभव है।" 

यह माल्टीज़ राजनेता अपनी फ्रांसीसी पूर्ववर्त्तियों सिमोन वील और निकोल फोंटेन के नक्शेकदम पर चलते हुए यूरोपीय संसद की प्रमुख बनने वाली तीसरी महिला हैं। 

यूरोपीय संसद, यूरोपीय संघ के लिए कानून बनाने वाली एक संस्था है, जो इस समूह के 450 मिलियन नागरिकों का प्रतिनिधित्व करती है। इनके प्रतिनिधियों को सीधे यूरोपीय संघ के मतदाताओं द्वारा हर पांच साल में चुनाव किया जाता है। 

स्ट्रासबर्ग (फ्रांस) में यूरोपीय संसद का मुख्यालय 

मेट्सोला दो बार चुनाव हार गईं थीं। चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर ईपीपी समूह द्वारा जारी किए गए चुनाव अभियान के दो वीडियो दिखाते हैं कि मेट्सोला खुद को कैसी दिखाना चाहती हैं, एक व्यक्ति जो मजबूत महिलाओं से प्रेरित है, और दूसरों को मजबूत होने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं। एक ऐसी महिला के रूप में जिन्होंने चार बच्चों की मां होने के बावजूद अपने परिवार और करियर को दांव पर लगा दिया है। एक ऐसी फाइटर जो किसी चीज में एक बार विश्वास कर लेने पर उसे हासिल किए बिना हार नहीं मानतीं।

मेट्सोला असफलता के लिए अजनबी नहीं हैं। दो बार पराजित होने के बाद वे 2013 में यूरोपीय संसद के लिए निर्वाचित होने में सफल रहीं थीं। तब से, उन्होंने तेजी से प्रगति की है। 2020 में, वे यूरोपीय संघ की संसद की पहली उपाध्यक्षों में से एक बनीं थीं। उन्होंने नागरिक स्वतंत्रता, न्याय और गृह मामलों की समिति के सदस्य के रूप में, यूरोपीय संघ में शरण लेने वालों के अधिकारों के संरक्षण की पैरोकारी की है। 

अपनी देश की एक महिला पत्रकार डाफ्ने कारुआना गैलिज़िया की हत्या के बाद, मेट्सोला माल्टीज़ सरकार से मीडिया की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार से लड़ने का आह्वान करती रही हैं।

माल्टीज़ सांसद डेविड कासा मेट्सोला के एक मित्र और पार्टी सहयोगी हैं।

माल्टीज़ के यूरोपीय संसद सदस्य डेविड कासा, जिन्होंने मेट्सोला को अपने सबसे करीबी दोस्तों में से एक बताते हैं, उन्होंने दाइचे वेले को बताया कि वे उन्हें माल्टा में अपने छात्र जीवन से ही जानते हैं। 

कासा ने कहा कि तभी से, यह मेट्सोला का दृढ़ संकल्प और यह महत्त्वाकांक्षा थी, जिसने उन्हें प्रतिबद्ध रखा। मेट्सोला और कासा दोनों ने 2004 में माल्टा के यूरोपीय संघ में शामिल होने के लिए प्रचार किया था।

मेट्सोला ने बार-बार कहा कि यही वह लक्ष्य था जिसने उनकी राजनीतिक सक्रियता को एक धार दी और उन्होंने कानून का अध्ययन करने के लिए कुछ समय पुस्तकालय में भी गुज़ारा था।

यूरोपीय संघ के कई सांसदों ने मंगलवार को मेट्सोला को अपना समर्थन दिया। ग्रीस के साथी रूढ़िवादी सांसद स्टेलियोस किम्पोरोपोलोस ने मेट्सोला को "एक बहिर्मुखी और मजबूत संसद का चेहरा बनने लायक पर्याप्त साहसी" महिला के रूप में वर्णित किया।

जैसा कि यूरोपीय संसद अक्सर यूरोपीय संघ के अन्य संस्थानों, यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग के भीतर एक साझा जमीन खोजने के लिए संघर्ष करती है, ऐसे में मेट्सोला का साहस निश्चित रूप से एक गुण है, जो संसद के हितों के माध्यम से आगे बढ़ने में मदद कर सकता है।

ग्रीक यूरोपीय संघ के सांसद स्टेलियोस किमपुरोपोलोस

ग्रीस के यूरोपीय संघ के सांसद स्टेलियोस किम्पोरोपोलोस ने मेट्सोला को 'बोल्ड' बताया। आलोचकों ने मेट्सोला के गर्भपात-विरोधी रुख का मुद्दा उठाया 

लेकिन भले ही रॉबर्टा मेट्सोला एक आम सहमति की उम्मीदवार हैं, पर कई, जिनमें विशेष रूप से ग्रीन्स और वाम समूह शामिल हैं, उनके एक प्रमुख नेता होने से खास तौर पर खुश नहीं हैं। 

इसकी मुख्य वजह यह है कि माल्टीज़ राजनेता ने हमेशा यूरोपीय संसद में प्रस्तावों के खिलाफ मतदान किया है, जिसमें यूरोपीय संघ के देशों को गर्भपात को वैध बनाने के लिए कहा गया है। 

यह स्थिति मेट्सोला के माल्टा से होने के कारण पूरी तरह से आश्चर्यजनक नहीं है। भूमध्यसागरीय द्वीप राष्ट्र, जो यूरोपीय संघ का सबसे छोटा सदस्य देश है, वहां दुनिया में सबसे सख्त गर्भपात कानून लागू हैं और यह गर्भपात की प्रक्रिया को प्रतिबंधित करने वाला यूरोपीय संघ का एकमात्र देश भी है। फ्रांसीसी सांसद मैनन ऑब्री मेट्सोला के गर्भपात विरोधी रुख को अस्वीकार्य मानती हैं। 

यूरोपीय संसद की फ्रांसीसी वामपंथी सदस्य मैनन ऑब्री के लिए, यह कोई बहाना नहीं है। "मुझे लगता है कि यह यूरोप में हर जगह महिलाओं के अधिकारों के लिए एक भयानक संकेत है," उन्होंने दाइचे वेले को बताया। "उदाहरण के लिए, पोलैंड में महिलाओं के लिए जो लगभग दो वर्षों से अपनी देह पर नियंत्रण के अधिकार के लिए लड़ रही हैं।" 

हालांकि, ऑब्री ने यह भी माना कि मेट्सोला रूढ़िवादी ईपीपी के प्रगतिशील विंग का हिस्सा हैं, जो, उदाहरण के लिए, एलजीबीटीक्यू अधिकारों की वकालत करता है। इसके आलोक में, ऑब्री ने मेट्सोला के गर्भपात विरोधी रुख को "विरोधाभासी" कहा। 

वामपंथी सिरा रेगो 

वामपंथियों ने यूरोपीय संसद के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में सिरा रेगो को खड़ा किया था। ऑब्री की स्पेनिश वामपंथी सहयोगी सिरा रेगो, जो रॉबर्टा मेट्सोला के अध्यक्ष पद के चुनाव में प्रतिद्वंद्वी थीं और उनसे पराजित रही थीं, उन्होंने कहा कि "महिलाओं के लिए दृश्यमान होना महत्त्वपूर्ण है। लेकिन वास्तविक परिवर्तन को प्रभावित करना और भी महत्त्वपूर्ण है।"

रेगो ने कहा "महिलाओं के प्रतीकात्मक और राजनीतिक स्थान पर कब्जा करने के अलावा, यह आवश्यक है कि नारीवादी नीतियों को लागू किया जाए," 

सभी यूरोपीय लोगों के लिए एक नेता

कासा को गर्भपात के मुद्दे को मेट्सोला के कार्यकाल के लिए एक समस्या के रूप में पेश किए जाने का कोई कारण नहीं दिखता। उनका कहना है कि यूरोपीय संसद की अध्यक्ष पद "निश्चित रूप से एक ही मुद्दे के योगफल से कहीं अधिक विशिष्ट है।"

यह स्पष्ट है कि माल्टीज़ राजनेता के रूप में, मेट्सोला को माल्टा में लोगों द्वारा बार-बार व्यक्त किए गए मूल्यों का सम्मान करना पड़ता है। इस संदर्भ में कासा ने सर्वेक्षणों का जिक्र करते हुए कहा कि इस कैथोलिक देश में गर्भपात के खिलाफ जनता की राय दृढ़ता से बनी हुई है। 

मेट्सोला ने खुद फ्रांसीसी अखबार ले फिगारो को बताया कि वे खुद को "हास्यास्पद" नहीं मानतीं जैसे कि कुछ देशों ने उनकी छवि बनाई है। उन्होंने कहा कि वे नारीवादी नीतियों के लिए लड़ रही थीं और उन्हें गर्भपात से कोई व्यक्तिगत समस्या नहीं थी। 

भले ही ऑब्री ने यूरोपीय संसद की अध्यक्ष पद के लिए एक अलग नेता को अपना मत दिया होगा पर उन्होंने कहा कि उसकी परवाह किए बिना, उनका संसदीय समूह मेट्सोला के साथ मिलकर काम करने के तौर-तरीकों पर नजर रखेगा।

ऑब्री ने दाइचे वेले को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि मेट्सोला न केवल माल्टीज़ के हितों का प्रतिनिधित्व करेंगी बल्कि पूरे यूरोपीय संसद की भी रहनुमाई करेंगी। स्ट्रासबर्ग के अधिकांश सांसदों ने यूरोप में गर्भपात विरोधी घटनाओं की बार-बार निंदा की है।

साभार: दाइचे वेले 

जर्मन में मूल रूप से लिखा गया यह लेख अंग्रेजी से अनुवादित है।

अंग्रेजी में इस लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

Who is Roberta Metsola, the New President of the European Parliament?

Roberta Metsola
European Parliament
European Union
Strasbourg
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