NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
विज्ञान
भारत
क्यों ज़रूरी है रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट?
एंटीबॉडी टेस्ट एक तरह से सर्वे का काम करता है, जिसके आधार पर कई तरह के ज़रूरी सरकारी फ़ैसले लिए जा सकते हैं। ख़ासतौर से लॉकडाउन और हॉटस्पाट के संबंध में। 
अजय कुमार
05 May 2020
 रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट
Image courtesy: Navbharat Times

वायरस पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि एक नए वायरस से लड़ने के लिए सबसे ज़रूरी बात संक्रमण का स्तर पता लगाने की होती है। इसलिए वायरस के फैलाव से जुड़े आंकड़ों की बहुत ज़रूरत होती  है। जब तक वायरस का इलाज नहीं मिल जाता, तब तक आंकड़ें ही दवाई की तरह काम करते हैं। इसी के आधार पर वैज्ञानिक और सरकार फैसले लेते हैं कि उन्हें किस तरह के कदम उठाने हैं? क्या छूट देनी है, कहाँ कितनी रियायत देनी है? कोरोना के संक्रमण के मामले में भी ठीक ऐसा ही है। यहाँ भी किसी भी तरह का फ़ैसला लेने के लिए आंकड़ों की बहुत ज़रूरत है।  

अब सवाल उठता है कि यह आंकड़ें कैसे मिलेंगे? किसी भी देश के लिए यह नामुमकिन है कि वह अपनी पूरी जनता का कोरोना का टेस्ट करवा पाए। और यह पता लगाए कि स्थिति क्या है? इसलिए बहुत सारे देश कोरोना की वास्तविक स्थिति समझने के लिए रैंडम तरीके से एंटीबॉडी टेस्ट कर रहे हैं। तो आइये समझते हैं कि एंटीबॉडी टेस्ट क्या होता है? इसकी ज़रूरत क्यों है? इसके बारे में हमें एक सजग नागरिक के तौर पर क्या जानने की ज़रूरत है?

कोरोना के टेस्ट दो तरीके से हो रहे हैं। पहला है जेनेटिक टेस्ट या पीसीआर टेस्ट और दूसरा है एंटीबॉडी टेस्ट या सेरोलॉजिकल टेस्ट। जेनेटिक टेस्ट से किसी व्यक्ति के शरीर में एक्टिव स्टेट में मौजूद वायरस का पता चलता है। इससे उनकी जानकारी नहीं मिलती है, जिनके शरीर में कोरोना वायरस आया और चला भी गया। यानी उन लोगों के बारे में जानकारी जो कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं। यह जानकारी एंटीबॉडी टेस्ट से मिल जाती है।

एंटीबॉडी जांच भी दो तरह की होती है। इसमें पहली है आईजीएम जांच, जिसके जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि संक्रमित मरीज में विषाणु हाल ही में आया है। जबकि दूसरी आईजीजी जांच से पता चलता है कि संक्रमण काफी दिन पुराना है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिचर्स (ICMR) के डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एक सरकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एंटीबॉडी टेस्ट का जिक्र किया था। किसी के शरीर में जब विषाणुओं यानी वायरस का प्रवेश होता है तो उनसे लड़ने के लिए शरीर कुछ शस्त्र तैयार करता है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में एंटीबॉडी कहते हैं। वायरस के आकार से ठीक विपरीत आकार की एंटीबॉडी खुद-ब-खुद शरीर में तैयार होकर वायरस से चिपक जाते हैं और उसे नष्ट करने का काम करते हैं। एंटीबॉडी कई प्रकार के होते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक खून में मौजूद एंटीबॉडी से ही पता चलता है कि किसी शख्स में कोरोना या किसी अन्य वायरस का संक्रमण है या नहीं।

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने क्लस्टर और हॉटस्पॉट इलाकों में रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट करने का फैसला किया था। इस ब्लड टेस्ट में मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है। आसान भाषा में कहे तो उंगली में सुईं चुभोकर खून का सैंपल लेते हैं, जिसका परिणाम भी 15 से 20 मिनट में आ जाता है। एंटीबॉडी टेस्ट को ही सेरोलॉजिकल टेस्ट कहा जाता है। सेरोलॉजिकल टेस्ट, जेनेटिक टेस्ट के मुकाबले काफी सस्ता होता है। रिवर्स-ट्रांसक्रिप्टेस रीयल-टाइम पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) यानी जेनेटिक टेस्ट में नौ घंटे में रिजल्ट मिलता है। इस तरह से सेरोलॉजिककल टेस्ट यानी एंटीबॉडी टेस्ट से कम समय लगता है। यहाँ एक और बात समझने वाली है कि पीसीआर टेस्ट शुरुआती दौर में संक्रमण का पता तभी लगा सकता है जब वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी डेवलप हो चुका हो। इसलिए एंटीबॉडी टेस्ट में जो पॉजिटिव आते हैं, उनमें संक्रमण का सही से पता लगाने के लिए जेनेटिक टेस्ट यानी पीसीआर टेस्ट के लिए भेजा जाता है।  

इस जानकारी से यह बात साफ है कि अगर सही तरह से एंटीबॉडी टेस्ट किया जाए तो बहुत बड़े स्तर पर टेस्ट किया जा सकता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि कोरोना की स्थिति क्या है। कौन सा इलाका हॉटस्पॉट है और कौन सा इलाका हॉटस्पॉट नहीं है? लॉकडाउन कहाँ इस्तेमाल किया जाए और कहाँ इससे छूट मिले? यानी एंटीबॉडी टेस्ट एक तरह से सर्वे का काम करता है, जिसके आधार पर कई तरह के ज़रूरी सरकारी फ़ैसले लिए जा सकते हैं।  

पिछले दो हफ्ते में इस टेस्ट के जरिये अमेरिका में मिले आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में कोरोना के मामलें जितने रिकॉर्ड किया जा रहे हैं, उससे कई अधिक मामले कोरोना के अमेरिका में मौजूद हैं। अगर केवल आंकड़ों के लिहाज से ही इसे समझने की कोशिश करे तो इससे कोरोना से होने वाले मृत्यु दर में बदलाव आएगा। क्योंकि कोरोना के मामले अधिक होंगे और कोरोना से होने वाली मौतें उतनी ही होंगी जितनी रिकॉर्ड की जा रही हैं। इस लिहाज से भारत के संदर्भ में सोचें तो अगर रैपिड टेस्ट से यह पता चलता है कि भारत की बहुत बड़ी आबादी में कोरोना का संक्रमण है और रिकार्डेड मौतें उतनी ही हैं, जितनी बताई जा रही है तो निष्कर्ष यह निकलेगा कि बहुत बड़ी आबादी में कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित कर लिया है। अगर ऐसे निष्कर्ष निकलते हैं तो यह सरकार के लिए ज़रूरी फैसले लेने के लिए महत्वपूर्ण औजार की तरह काम करेंगे।  

लेकिन यहाँ एक पेच है। इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च की तरफ से बहुत बड़ी मात्रा में एंटीबॉडी टेस्ट किट मांगवाये गए थे लेकिन इनसे होने वाली जाँच में बहुत अधिक गड़बड़ी निकली। सही से जाँच होने की दर केवल 6 से 30 फीसदी के आसपास थी। इसलिए भारत सरकार ने इस टेस्ट को रोक दिया।  इसलिए अभी तक रैपिड टेस्ट नहीं हो रहा है। कुछ विदेश की कंपनियों से करार किया जा रहा है और कुछ देशी कंपनियां इस काम में लग गयी है। इन सारी कंपनियों का दावा है कि उनके एंटीबॉडी टेस्ट से 90 फीसदी से अधिक मामलों में सही परिणाम निकलेगा।  

इस लिहाज से कुछ कमियों के बावजूद भी रैपिड टेस्ट की बहुत अधिक ज़रूरत है। सरकार जितनी जल्दी इस क्षेत्र में काम करना शुरू कर दे, सरकारी फैसले के लिए यह उतना ही अधिक बेहतर हो सकता है।  

Coronavirus
novel coronavirus
COVID-19
Rapid Antibody Test
Lockdown
Hotspots Area
pcr test
ICMR
ICMR coronavirus

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • CARTOON
    आज का कार्टून
    प्रधानमंत्री जी... पक्का ये भाषण राजनीतिक नहीं था?
    27 Apr 2022
    मुख्यमंत्रियों संग संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से पेट्रोल-डीज़ल के दामों पर टैक्स कम करने की बात कही।
  • JAHANGEERPURI
    नाज़मा ख़ान
    जहांगीरपुरी— बुलडोज़र ने तो ज़िंदगी की पटरी ही ध्वस्त कर दी
    27 Apr 2022
    अकबरी को देने के लिए मेरे पास कुछ नहीं था न ही ये विश्वास कि सब ठीक हो जाएगा और न ही ये कि मैं उनको मुआवज़ा दिलाने की हैसियत रखती हूं। मुझे उनकी डबडबाई आँखों से नज़र चुरा कर चले जाना था।
  • बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    27 Apr 2022
    वाहनों में महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के उद्देश्य से निर्भया सेफ्टी मॉडल तैयार किया गया है। इस ख़ास मॉडल से सार्वजनिक वाहनों से यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।
  • श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    प्रभात पटनायक
    श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    27 Apr 2022
    श्रीलंका के संकट की सारी की सारी व्याख्याओं की समस्या यह है कि उनमें, श्रीलंका के संकट को भड़काने में नवउदारवाद की भूमिका को पूरी तरह से अनदेखा ही कर दिया जाता है।
  • israel
    एम के भद्रकुमार
    अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात
    27 Apr 2022
    रविवार को इज़राइली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के साथ जो बाइडेन की फोन पर हुई बातचीत के गहरे मायने हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License