NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
उत्पीड़न
भारत
राजनीति
लिएंडर पेस और रिया पिल्लई मामले में अदालत का फ़ैसला ज़रूरी क्यों है?
लिव-इन रिलेशनशिप में घरेलू हिंसा को मान्यता देने वाला ये फ़ैसला अपने आप में उन तमाम पीड़ित महिलाओं के लिए एक उम्मीद है, जो समाज में अपने रिश्ते के अस्तित्व तो लेकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करती हैं।
सोनिया यादव
26 Feb 2022
Leander Paes and Rhea Pillai
फाइल फोटो। फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

"सिर्फ़ इसलिए कि लिव-इन रिलेशनशिप अस्वीकार्य है, महिला को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता”

ये टिप्पणी मुंबई की एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने टेनिस स्टार लिएंडर पेस और मॉडल रिया पिल्लई के रिश्ते को लेकर की। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लिएंडर के साथ रहते हुए रिया आर्थिक और भावनात्मक हिंसा की शिकार हुई। रिया कानूनी रूप से शादीशुदा थीं, तब भी इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता कि शादी के बाहर रिलेशनशिप हो सकता है। कोर्ट ने माना कि रिया और लिएंडर का रिश्ता शादी की प्रकृति का एक रिलेशनशिप था।

बता दें कि पेस के साथ लिव-इन में रहने वाली रिया पिल्लई ने साल 2014 में मुंबई के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में लिएंडर और उनके पिता के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत की थी। रिया और पेस दोनों ने ही एक-दूसरे पर शादी से बाहर रिश्ते रखने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद अब करीब आठ साल बाद कोर्ट ने रिया के पक्ष में फैसला सुनाया है।

क्या है पूरा मामला?

रिया पिल्लई और लिएंडर पेस साल 2003 से रिलेशनशिप में थे और साल 2005 में लिव-इन कपल के तौर पर दोनों ने साथ में रहना शुरू किया। साल 2006 में दोनों की एक बेटी हुई। बेटी के जन्म के बाद रिया और पेस बांद्रा शिफ्ट हुए, जहां पर पेस के पिता और उनकी पार्टनर उनके साथ रहने लगे। शिकायत के मुताबिक इसके बाद ही दोनों के बीच परेशानियां आनी शुरू हुई थीं।

पिल्लई का कहना था कि वह पेस के साथ लिव-इन रिलेशन में आठ वर्षों से रह रही थीं। उनका दावा था कि पेस ने अपने कृत्यों और व्यवहार से उनका शाब्दिक, भावनात्मक और आर्थिक शोषण किया, जिसकी वजह से उन्हें भयानक भावनात्मक हिंसा और पीड़ा का सामना करना पड़ा है। रिया ने ये आरोप भी लगाया कि पेस अपनी ज़िम्मेदारियां पूरी नहीं करते थे।

पेस की तरफ से कहा गया था कि रिया कि शिकायत मान्य नहीं है क्योंकि जब रिया और लिएंडर ने साथ रहना शुरू किया तब रिया का उनके पति (संजय दत्त) से तलाक नहीं हुआ था। तलाक 2008 में हुआ। पेस की तरफ से दावा किया गया था कि उन्हें रिया के मैरिटल स्टेटस के बारे में जानकारी नहीं थी। जवाब में रिया ने कहा था कि पेस को मालूम था कि वो अपने पति से अलग हो चुकी हैं और तलाक की प्रक्रिया अटकी है क्योंकि तब संजय के खिलाफ ट्रायल्स चल रहे थे और उनके पिता सुनील दत्त का निधन हो गया था।

रिया और लिएंडर का रिश्ता शादी की प्रकृति वाला रिश्ता था

कोर्ट ने ये भी माना कि रिया कानूनी रूप से शादीशुदा थीं, तब भी इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता कि शादी के बाहर रिलेशनशिप हो सकता है। कोर्ट ने माना कि रिया और लिएंडर का रिश्ता शादी की प्रकृति का एक रिलेशनशिप था। इस मामले में अदालत ने पाया कि लिएंडर पेस ने रिया के साथ कई ऐसी चीज़ें कीं जो घरेलू हिंसा में आती हैं।

कोर्ट ने लिएंडर को आदेश दिया कि उन्हें हर महीने रिया को डेढ़ लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने होंगे। इसमें से 50 हज़ार किराए के और एक लाख रुपये मेंटेनेंस के होंगे। मजिस्ट्रेट कोमल सिंह राजपूत के फैसले के मुताबिक लिएंडर को मार्च, 2022 से ये मेंटेनेंस देना शुरू करना होगा और ये मेंटेनेंस हर साल 5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर रिया वो घर नहीं छोड़ती हैं तो उन्हें लिएंडर की तरफ से आर्थिक बेनिफिट्स नहीं मिलेंगे।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लिएंडर का टेनिस करियर लगभग खत्म हो चुका है, ऐसे में उनसे ये एक्सपेक्ट करना कि वो अपना किराया भी दें और रिया को मेंटेनेंस भी दें, गलत होगा। कोर्ट ने लिएंडर को निर्देश दिया है कि वो कानूनी खर्चों के लिए रिया को अतिरिक्त एक लाख रुपये दें और साथ में अपनी बेटी के मेंटेनेंस, उनकी पढ़ाई और दूसरी ज़रूरतों का खर्च भी उन्हें उठाना होना।

पेस अच्छे टेनिस प्लेयर, लेकिन वह बतौर इंसान बिल्कुल भी अच्छे नहीं

गौरतलब है कि 90 के दशक में, जब दुनिया में भारत का क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में योगदान निराशाजनक था तब लिएंडर पेस और महेश भूपति ही थे जिन्होंने लोगों को टेनिस पर विश्वास दिलाया। इन्हें साथ में खेलते हुए देखना किसी ट्रीट से कम नहीं होता था। हालांकि ये भी एक सच्चाई है कि लिएंडर पेस हमेशा से अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों जिंदगियों को लेकर विवादों में रहे। करीब 6 साल तक रिलेशनशिप में रहने के बाद जब पेस बॉलीवुड अभिनेत्री महिमा चौधरी से अलग हुए थे तब भी महिमा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि लिएंडर पेस भले ही एक अच्छे टेनिस प्लेयर हैं लेकिन वह बतौर इंसान बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं।

बहरहाल, लिव-इन रिलेशनशिप में घरेलू हिंसा को मान्यता देने वाला ये फैसला अपने आप में उन तमाम पीड़ित महिलाओं के लिए एक उम्मीद है, जो समाज में अपने रिश्ते के अस्तित्व तो लेकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करती हैं। वैसे तो भारतीय कानून के अनुसार लिव इन में अगर स्त्री के अधिकारों का किसी भी तरह हनन होता है तो महिला अपने पुरुष साथी पर घरेलू हिंसा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत केस कर सकती है। लेकिन अक्सर इन रिश्तों को कैजुअल समझे जाने के कारण इन रिलेशन में रहने वालों के बीच किसी भी कानूनी बंधन को इंकार कर देना आसान हो जाता है। ऐसे में ये फैसला निश्चित तौर पर अंधेर में रोशनी जैसा है।

Leander Paes
Rhea Pillai
Tennis Player
Domestic Violence
violence on women

Related Stories

गोवाः घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी लेकिन आंकड़े शून्य!

वैवाहिक बलात्कार में छूट संविधान का बेशर्म उल्लंघन

कोरोना महामारी के बीच औरतों पर आर्थिक और सामाजिक संकट की दोहरी मार!


बाकी खबरें

  • रौनक छाबड़ा
    महानगरों में बढ़ती ईंधन की क़ीमतों के ख़िलाफ़ ऑटो और कैब चालक दूसरे दिन भी हड़ताल पर
    19 Apr 2022
    व्यावसायिक चालकों ने पेट्रोल, डीज़ल और सीएनजी की बढ़ती क़ीमतों के विरोध में अपनी वाहन सेवा को लंबित रखा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    करौली हिंसा पर फैक्ट फाइंडिंग:  संघ-भाजपा पर सुनियोजित ढंग से हिंसा भड़काने का आरोप
    19 Apr 2022
    सीपीएम ने जारी की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट। रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के करौली में 2 अप्रैल को जो साम्प्रदायिक दंगे की घटना हुई वह पूरी तरह से प्रायोजित और सुनियोजित थी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी
    19 Apr 2022
    मंगलवार को बलिया के अलावा आज़मगढ़, मऊ, ग़ाज़ीपुर और बनारस से बड़ी संख्या में पत्रकार व समाजसेवी कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम व एसपी के दफ्तरों का घेराव किया। पत्रकारों का भारी हुजूम जुटने की वजह से…
  • विजय विनीत
    बनारस: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी पर रोक, फ़िलहाल नहीं जाएगा कमीशन
    19 Apr 2022
    ‘श्रृंगार गौरी में रोजाना दर्शन पूजन को परंपरा का हिस्सा कतई न बनाया जाए। सिर्फ चैत्र नवरात्रि के दिन ही वहां दर्शन-पूजन की मान्यता है। ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग में सिर्फ मसुलमान या…
  • आज का कार्टून
    8 साल की उपलब्धि : ...और नहीं बस और नहीं !
    19 Apr 2022
    अगर एक आम आदमी से मोदी सरकार की आठ साल की उपलब्धियां पूछी जाएं, तो वह क्या जवाब देगा? हम कुछ नहीं कहेंगे, आप ख़ुद सोचिए। सोचिए कि अगर वह आम आदमी आप हैं और आप एक अंधभक्त नहीं हैं तो ईमानदारी से आपका…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License