NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
क्यों अपने आवास में हाइटेक अस्पताल बनवा रहे थे सीएम नीतीश कुमार?
दिन भर हुई फ़ज़ीहत के बाद आख़िरकार देर शाम पीएमसीएच के अधीक्षक ने अपना यह आदेश वापस ले लिया। आमलोगों में इस निर्देश को लेकर काफी नाराज़गी थी कि आखिर बिहार जैसे संसाधन विहीन राज्य में छह डॉक्टरों की टीम वाला स्पेशल अस्पताल सिर्फ सीएम आवास के लिए क्यों? 
पुष्यमित्र
08 Jul 2020
cm
पटना स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आवास। तस्वीर साभार : दैनिक भास्कर

मंगलवार 7 जुलाई को अचानक बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच के छह वरिष्ठ चिकित्सकों और तीन नर्सों की तैनाती सीएम आवास में किये जाने का आदेश जारी हो गया। उस आदेश में कहा गया कि उन्हें सीएम आवास में वेंटीलेटर युक्त अस्पताल के संचालन के लिए प्रतिनियुक्त किया जा रहा है। इस आदेश से संबंधित पत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया और पूरे दिन वायरल होता रहा। आमलोगों में इस निर्देश को लेकर काफी नाराजगी थी कि आखिर बिहार जैसे संसाधन विहीन राज्य में छह डॉक्टरों की टीम वाला स्पेशल अस्पताल सिर्फ सीएम आवास के लिए क्यों? 

दिन भर हुई फजीहत के बाद आखिरकार देर शाम पीएमसीएच के अधीक्षक ने अपना यह आदेश वापस ले लिया। आदेश वापस लेने के बावजूद यह सवाल हर किसी के जेहन में बरकरार रहा कि आखिर नीतीश कोरोना संक्रमण के इस दौर में अपने आवास में वेंटीलेटर युक्त हाइटेक अस्पताल क्यों बनवाना चाहते थे?

20200708_073417.jpg

(सीएम आवास में डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति से संबंधित पत्र)

 कोरोना की जद में आते-आते बचे थे नीतीश

यह सच है कि पिछले दिनों सीएम कोरोना संक्रमण की जद में आते-आते बचे थे। वे बिहार विधान परिषद में शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान विधान परिषद अध्यक्ष के संपर्क में आ गये थे, जिनके बारे में बाद में पता चला कि वे सपरिवार संक्रमित हो गये हैं। उस रोज राज्य के सभी बड़े राजनेता विधान परिषद अध्यक्ष के संपर्क में आये थे। सभी की कोरोना जांच हुई और उनमें एक नवनिर्वाचित विधान पार्षद के अलावा कोई कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया। सीएम नीतीश कुमार को तो उसी शाम कोरोना निगेटिव घोषित कर दिया गया था। हालांकि बाद में उनके साथ रहने वाली उनके परिवार की एक महिला सदस्य जरूर कोरोना पॉजिटिव घोषित हुईं, जिनका इलाज एम्स, पटना में चल रहा है।

सीएम आवास के सभी कर्मियों का कराया टेस्ट

नीतीश कुमार हमेशा से कोरोना को लेकर काफी सतर्क रहे थे। पूरे लॉकडाउन की अवधि में वे एक बार भी आवास से बाहर नहीं निकले। बाद में एक बार पटना जलजमाव की तैयारियों का जायजा लेने और एक-दो अन्य आयोजनों के लिए बाहर निकले। जब विधान परिषद के आयोजन में उनके संक्रमित होने की आशंका निकली तो उन्होंने अपने आवास में रहने वाले, काम करने वाले और उनसे जुड़े सभी लोगों का टेस्ट करवाया। मगर उन सबको इलाज के लिए बाहर भेजा जा रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि वे सिर्फ अपने लिए अपने आवास में हाइटेक अस्पताल पहले से खुलवाकर रखना चाहते थे, ताकि अगर वे संक्रमित हो तो उन्हें बाहर नहीं जाना पड़े।

21 हजार लोगों पर एक डॉक्टर, दस लाख लोगों पर एक वेंटीलेटर

सीएम आवास में वेंटीलेटर युक्त हाइटेक अस्पताल खुलवाने के फैसले पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि बिहार जैसे संसाधन विहीन राज्य में पहले से ही डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और वेंटीलेटर का घोर अभाव है। राज्य के चिकित्सा अधिकारियों के 10609 पद सृजित हैं, जबकि इस वक्त सिर्फ 4172 चिकित्सक कार्यरत हैं। स्टाफ नर्स के 14198 पदों के एवज में सिर्फ 5068 नर्स, एएनएम के 27505 पदों के विरुद्ध सिर्फ 17934 एएनएम पदस्थापित हैं। कुल मिलाकर राज्य में चिकित्सकों के 60 फीसदी से अधिक पद रिक्त हैं और स्वास्थ्यकर्मियों के 70 फीसदी से अधिक पद खाली हैं।

लगभग 13 करोड़ की आबादी वाले बिहार में एक चिकित्सक पर अमूमन 21 हजार लोगों का बोझ रहता है और लगभग इतनी ही आबादी की देखभाल के लिए एक नर्स नियुक्त है। ऐसे में सिर्फ एक व्यक्ति, राज्य के सीएम के लिए छह चिकित्सकों और तीन नर्सों को इस आपदाकाल में प्रतिनियुक्त करना, वह भी इलाज के लिए नहीं बल्कि सिर्फ आशंका के मद्देनजर, यह कहां तक उचित है।

इसके अलावा उस स्पेशल अस्पताल में वेंटीलेटर का इंस्टालेशन भी होना था। जबकि अभी राज्य में सिर्फ 130 वेंटीलेटर हैं। यानी प्रति दस लाख लोगों की आबादी पर एक वेंटीलेटर। इन 130 वेंटीलेटर में से 100 बिहार को केंद्र सरकार से मिले हैं और शेष 30 राज्य सरकार की तरफ से खरीदे गये हैं।

कुछ चुनिंदा मेडिकल कॉलेजों को ही मिले हैं वेंटीलेटर

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भले ही सीएम आवास के लिए वेंटीलेटर अलॉट कर दिया था, मगर राज्य के ज्यादातर सदर अस्पतालों के पास वेंटीलेटर नहीं है। कुछ चुनिंदा अस्पतालों को ही वेंटीलेटर की सुविधा मिली है। इन 130 वेंटीलेटरों में से 50 एएनएमसीएच, पटना, 50 एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर के पीकू वार्ड में, 10 एएनएमसीएच, गया, 10 जेएलएनएमसीएच, भागलपुर और 10 नीतीश जी के गृह जिला के अस्पताल वीआईएमएस, नालंदा को दिये गये हैं। आईजीआईएमसीएच, पटना ने अपने स्तर पर छह वेंटीलेटरों की खरीदारी की थी, मगर वे इंस्टाल नहीं हुए हैं। खबर यह है कि इनमें से ज्यादातर वेंटीलेटर अभी इंस्टाल नहीं हो पाये हैं।

इस तरह देखें तो बिहार के 38 जिलों में से सिर्फ पांच जिलों के अस्पतालों के पास वेंटीलेटर की सुविधा है, शेष 33 जिलों के सदर अस्पताल औऱ मेडिकल कॉलेज वेंटीलेटर की सुविधा से वंचित हैं। राज्य के आठ में से चार दरभंगा, कोसी, पूर्णिया और सारण प्रमंडलों में एक भी वेंटीलेटर नहीं है। ऐसे में सिर्फ एक व्यक्ति के लिए अलग से वेंटीलेटर रिजर्व करने पर सवाल उठना लाजिम है।

लालू जी के आवास पर भी भेजे जाते थे डॉक्टर

बिहार जैसे संसाधन विहीन राज्य में सत्ताधारी नेताओं द्वारा अपने आवास पर डॉक्टरों की तैनाती की परंपरा पुरानी है। 2015 में जब राज्य में राजद भी सत्ता में था और तेज प्रताप यादव राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे, तब आइजीआइएमएस अस्पताल के डॉक्टरों की तैनाती उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आवास पर की गयी थी, इसके अलावा एक सरकारी एंबुलेंस भी उनके आवास पर तैनात रहता था। तब भी इस फैसले को लेकर सवाल उठे थे।     

राज्य में तेजी से फैल रहा है कोरोना संक्रमण

अनलॉक होने के बाद बिहार में कोरोना संक्रमण काफी तेज से फैल रहा है। 31 मई को राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3692 थी जो सात जुलाई की शाम तक बढ़ कर 12525 हो गयी है। 31 मई को राज्य में सिर्फ 23 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी, यह संख्या सात जुलाई को 102 तक पहुंच गयी है। बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी इसकी चपेट में आ रहे हैं। कुछ जिलों में दुबारा लॉकडाउड लगाने के फैसले लिये जा रहे हैं। कई जिलों में निजी स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गयी हैं। 

(पुष्यमित्र स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

Bihar
CM Nitish Kumar
hi-tech hospital
COVID-19
Coronavirus
RJD
jdu-bjp
Lalu Prashad Yadav

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
    30 May 2022
    जापान हाल में रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने वाले अग्रणी देशों में शामिल था। इस तरह जापान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना
    30 May 2022
    पूर्व में बाग़ी रहे नेता गुस्तावो पेट्रो पहले दौर में अच्छी बढ़त के साथ सबसे आगे रहे हैं। अब सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों में 19 जून को निर्णायक भिड़ंत होगी।
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली
    30 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कोर्ट में यह भी दलील पेश की है कि हमारे फव्वारे को ये लोग शिवलिंग क्यों कह रहे हैं। अगर वह असली शिवलिंग है तो फिर बताएं कि 250 सालों से जिस जगह पूजा…
  • सोनिया यादव
    आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?
    30 May 2022
    बहुत सारे लोगों का मानना था कि राजनीति और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के चलते आर्यन को निशाना बनाया गया, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा रहे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
    30 May 2022
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License