NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
विश्वबैंक ने महामारी में श्रमिकों की मदद के लिए भारत को 50 करोड़ डॉलर ऋण स्वीकृत किया
विश्वबैंक के अनुसार 50 करोड़ डॉलर ऋण में से 11.25 करोड़ डॉलर रियायती ऋण देने वाली उसकी एजेंसी अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) की ओर से दिया जाएगा। शेष 38.75 करोड़ डॉलर का कर्ज पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक (विश्वबैंक) द्वारा मंजूर किया गया है।
भाषा
01 Jul 2021
विश्वबैंक

नयी दिल्ली : विश्वबैंक ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित भारत के असंगठित क्षेत्र के मजदूर वर्ग की मदद के लिए बुधवार को 50 करोड़ डॉलर यानी 3,717.28 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी।

विश्वबैंक ने एक बयान में कहा कि यह ऋण महामारी, भविष्य की स्थिति और आपदा के प्रभावों से निपटने में राज्यों को मजबूती देगा।

विश्वबैंक के अनुसार 50 करोड़ डॉलर ऋण में से 11.25 करोड़ डॉलर रियायती ऋण देने वाली उसकी एजेंसी अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) की ओर से दिया जाएगा। शेष 38.75 करोड़ डॉलर का कर्ज पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक (विश्वबैंक) द्वारा मंजूर किया गया है।

बैंक के अनुसार यह ऋण 18.5 वर्षो में लौटाना है। इसमें पांच वर्ष की छूट की अवधि शामिल है।

विश्वबैंक ने कहा कि कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से गरीब और कमजोर परिवारों की मदद के लिए भारत के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करने की दिशा में वह अबतक 1.65 अरब डॉलर यानी 12,264.54 करोड़ रुपये का ऋण दे चूका है।

उसने कहा कि इस राशि का उपयोग शहर के अनौपचारिक श्रमिकों, अस्थायी कर्मियों और प्रवासी मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम में किया जाएगा।

भारत में विश्वबैंक के निदेशक जुनैद अहमद ने कहा, ‘जब देश आर्थिक बाधाओं और कोविड महामारी का सामना कर रहे हैं, तब इस रकम का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा में निवेश करके अर्थव्यवस्थाओं और आजीविका के साधनों का निर्माण करना है। यह भारत में विश्वबैंक द्वारा समर्थित सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का व्यापक उद्देश्य है।

रेहड़ी पटरी पर सामान बेचने वाले भारत की शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं। यह कार्यक्रम ऐसे लोगों को कम धंधे के लिए 10,000 रुपये तक के ऋण सहायता देने के लिए है। इस कार्यक्रम से करीब पचास लाख रेहड़ी पटरी वालों को सहायता मिलेगी।

World Bank
Pandemic Coronavirus
COVID-19
Indian workers
Modi government

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License