NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
यूपी गौशाला पड़ताल: तेज़ ठंड और भूख से तड़प-तड़प कर मर रही हैं गाय
झाँसी की घुघुआ गौशाला में पिछले 10 दिन में लगभग 20 से अधिक गायें भूख और ठंड से मर चुकी हैं। रोज 2 से 3 गायें मर रही हैं। ज़िंदा गायों की हालत भी कुछ अच्छी नहीं है।
गौरव गुलमोहर
19 Jan 2022
Cows
झाँसी की एक गौशाला की हालत

बुंदेलखंड में सड़कों पर मृत गायों के शव दिखना एक आम बात बन चुकी है। अब इतने चील, कौवे भी नहीं बचे कि वे मृत गायों के अवशेष को खाकर खत्म कर सकें। बुंदेलखंड में बहुत सी जगहों पर मृत गायों के अवशेष देखने को मिल जाएँगे।

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की गौशालाओं से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। बरुआसागर की घुघुआ गौशाला में तेज ठंड और भूख से गायें तड़प-तड़प कर मर रही हैं, एक साथ सात गायें जमीन पर पड़ी कराह रही हैं, पैर पटक रही हैं।

घुघुआ गौशाला में ख़बर लिखे जाने तक सौ से अधिक गाएं हैं जिनमें सात गायें जमीन पर गिर चुकी हैं। दो जिंदा गायों की आंखें कौवे निकाल चुके हैं, अभी भी उन गायों में जान है, वो पैर पटक सकती हैं, कान हिला सकती हैं लेकिन अब देख नहीं सकती हैं क्योंकि कौवों ने उनकी आंखें निकाल ली हैं। अब आंख की जगह खून की धारा फूट चुकी है।

घुघुआ गौशाला में काम करने वाले मुकुंदी कुशवाहा बताते हैं कि गौशाला में पिछले 10 दिन में लगभग 20 से अधिक गायें भूख और ठंड से मर चुकी हैं। रोज 2 से 3 गायें मर रही हैं। गौशाला में गायों के रहने के लिए न उचित व्यवस्था है और न ही जिंदा रहने के लिए पर्याप्त चारा। 100 गायों के बीच एक दिन में मात्र 1 बोरी चोकर है बाकी मोमफली और गेहूं का सूखा भूसा उन्हें मिल रहा है। 

जुलाई 2021 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को राज्य के सभी गौशालाओं का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था और संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों को जिलों का दौरा कर 1 सप्ताह के भीतर जिलेवार स्थिति रिपोर्ट पेश करने की बात की थी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि मवेशियों के लिए हरा चारा, भूसा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। लेकिन अब बिल्कुल उलट स्थिति सामने आई है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले दस दिनों में तापमान अधिकतम 20 और न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं बुंदेलखंड के जिलों में पांच दिनों तक लगातार बारिश और ओले पड़ने के बाद तापमान में तीव्र गिरावट देखी गई है। चार दिन पहले 15 जनवरी 2022 को झांसी जिले में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस, 16 जनवरी को 5 डिग्री सेल्सियस, 17 जनवरी को 6 डिग्री सेल्सियस, 18 जनवरी को 5 डिग्री सेल्सियस और आज यानी 19 जनवरी को दोपहर तक न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

पिछले दस दिनों में कानपुर, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट में बड़ी संख्या में ठंड से गौशालाओं में गायों के मरने की ख़बर है। हाड़ कंपाने वाली ठंड के बीच गौशालाओं में गायें खुले आसमान के नीचे दिन-रात खड़ी हैं। सभी गौशालाओं में गायों के रहने के लिए टीनसेड लगे हैं लेकिन वे अपर्याप्त हैं। बहुत सी गायें टीनसेड के बाहर खड़ी दम तोड़ रही हैं। वहीं टीनसेड चारों तरफ से खुले हैं, सर्द हवा से गायें कांप रही हैं।

घुघुआ गौशाला में काम करने वाले मुकुंदी कुशवाहा ने बताया, 'पिछले दस दिन में बीस से अधिक गायें ठंड से मर चुकी हैं। गायों के लिए चारे की कोई व्यवस्था नहीं है, सिर्फ सूखा भूसा खा रही हैं। सौ गायों के बीच एक दिन में मात्र एक बोरी चोकर आता है और वह पूरा नहीं पड़ता है। गायें ठंड से मर रही हैं रोज दो चार गायें मर रही हैं। हम क्या करें, हमारे हाथ में कुछ नहीं है। इधर जाते हैं तो उधर कौवे आ जाते हैं, उधर जाते हैं तो इधर कौवे आकर बीमार गायों की आंख निकाल ले जाते हैं।' 

बुंदेलखंड के लगभग सभी जिलों गौशालाओं में यही स्थिति देखने को मिल रही हैं। सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में मृत गायें फेंकी जा रही हैं। अब इतने जानवर या चील, कौवे नहीं बचे हैं कि वे मृत गायों के अवशेष को खाकर खत्म कर सकें। पूरे बुंदेलखंड में मृत गायों के अवशेष बिखरे पड़े हैं।


(भटौरा गौशाला का गेट)

गौशाला प्रबंधक व ग्राम प्रधान राजकुमार कुशवाहा ने माना कि उनके पास अपर्याप्त टीन शेड और क्षमता से अधिक गायें हैं। राजकुमार कुशवाहा ने बताया कि "सरकार प्रति गायों के लिए 30 रुपया प्रतिदिन के हिसाब से देती है। लेकिन इतने कम रुपये में गायों को पाल पाना मुश्किल होता है। पिछले एक साल से पैसा भी समय से नहीं आ रहा है। चोकर की एक बोरी 1000 रुपये, एक कुंतल भूसा 1100 रुपये और एक किलो गुड़ 40 रुपया किलो है। प्रतिदिन पांच से छह कुंतल भूसा और दस किलो गुड़ लगता है।"

हमने बरुआसागर पशु चिकित्सालय के चिकित्सक विक्रम सिंह राजपूत से बात की। विक्रम राजपूत प्रति गाय के लिये 30 रुपये अपर्याप्त औए जिंदा गायों की आंखें निकालने के मामले को गम्भीर लापरवाही मानते हैं। गौशालाओं में बड़ी संख्या में मर रही गायों के मामले में कहते हैं कि "एक्सट्रीम कोल्ड में कमजोर जानवर बैठ जाते हैं। गुड़ खिलाने का आदेश जारी किया है। हालांकि टीन-शेड अभी कम हैं लेकिन जल्दी बनाया जाएगा। लेकिन अगर जिंदा गायों की आँखें निकालने जैसी बात है तो यह गम्भीर लापरवाही का मामला है।"

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गायों के लिए खोले गए हेल्पडेस्क, गायों के इलाज के लिए 24 घंटे 'अभिनव एंबुलेंस' सेवा और उत्तर प्रदेश में सक्रिय गौ सेवा आयोग कहीं नज़र नहीं आता है। पूरे प्रदेश में गायें भूख और ठंड से अकाल मौत मरने को विवश हैं। 

(लेखक गौरव गुलमोहर एक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

ये भी पढ़ें: गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने से आख़िर बदलेगा क्या?

cows
Cows in Uttar Pradesh
Uttar pradesh
yogi government (4788
gaushala

Related Stories

यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?

ग्राउंड रिपोर्ट: स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रचार में मस्त यूपी सरकार, वेंटिलेटर पर लेटे सरकारी अस्पताल

लड़कियां कोई बीमारी नहीं होतीं, जिनसे निजात के लिए दवाएं बनायी और खायी जाएं

यूपी चुनाव : माताओं-बच्चों के स्वास्थ्य की हर तरह से अनदेखी

यूपी चुनाव : योगी काल में नहीं थमा 'इलाज के अभाव में मौत' का सिलसिला

यूपी चुनाव: बग़ैर किसी सरकारी मदद के अपने वजूद के लिए लड़तीं कोविड विधवाएं

यूपीः एनिमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, बाल मृत्यु दर चिंताजनक

लखनऊ: साढ़ामऊ अस्पताल को बना दिया कोविड अस्पताल, इलाज के लिए भटकते सामान्य मरीज़

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य: लोगों की बेहतर सेवाओं और ज़्यादा बजट की मांग

नीति आयोग का स्वास्थ्य सूचकांक: नहीं काम आ रहा 'डबल इंजन’, यूपी-बिहार सबसे नीचे


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License