NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
अब यूपी में सांप्रदायिक सौहार्द की बात करने पर भी प्रतिबंध! अयोध्या जाने से रोका
अयोध्या में होने जा रहे शांति और सांप्रदायिक सौहार्द के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शनिवार को जा रहे सामाजिक कार्यकर्ता राम पुनियानी, संदीप पाण्डेय को अन्य को रास्ते में ही रोक कर वापस कर दिया गया।
असद रिज़वी
17 Aug 2019
ram punani and sandeep pandey

उत्तर प्रदेश में अघोषित आपातकाल जैसे हालत हैं। धरना प्रदर्शन के बाद अब सांप्रदायिक सौहार्द के लिए होने वाले कार्यक्रमों पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है। पिछले कुछ वक़्त से योगी आदित्यनाथ सरकार में लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले कार्यक्रमों के ख़िलाफ़ भी प्रशासन का रवैया सख़्त बना हुआ है। लखनऊ में तबरेज़ अंसारी की लिंचिंग के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों से लेकर अयोध्या में सांप्रदायिक सौहार्द के कार्यक्रम तक सभी पर कानून और व्यवस्था के नाम पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।

रविवार, 18 अगस्त को राजधानी लखनऊ से मात्र 125 किलोमीटर दूर अयोध्या में सांप्रदायिक सौहार्द के लिए एक कार्यक्रम होना था। सर्वधर्म सद्भावना केंद्र ट्रस्ट के तत्वावधान से होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुम्बई से लेखक राम पुनियानी भी आये थे। आज शनिवार सुबह जब राम पुनियानी और समाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डे आदि लखनऊ से अयोध्या के लिए निकले, तो उनको कार्यक्रम स्थल से पहले ही रोक दिया गया।

अभी आपको मालूम ही है कि शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डेय और वरिष्ठ अधिवक्ता शोएब समेत नागरिक संगठनों के कई सदस्यों को एक बार फिर नज़रबंद कर दिया गया था। वे सरकार की कश्मीर नीति के ख़िलाफ़ लखनऊ के जीपीओ पार्क में प्रदर्शन करने जा रहे थे। इसके बाद उन्होंने अपने घर के बाहर प्रदर्शन किया। इससे पहले 12 अगस्त को भी उन्हें प्रदर्शन से रोक दिया गया था।

इसे पढ़ें : लखनऊ : कश्मीर पर प्रदर्शन से रोकने लिए संदीप पांडेय और शोएब फिर नज़रबंद 

आज शनिवार को पुलिस प्रशासन ने सरयू कुंज राम जानकी मंदिर,अयोध्या जा रहे इन समाजिक कार्यकर्ताओं को अयोध्या, रौनाही प्लाजा पर रोक कर लिया और पास की एक बिल्डिंग में ले जाया गया। यहाँ प्रशासन के अधिकारियों ने इस लोगों से कहा कि अयोध्या में किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं है।

बाद में प्रशासन द्वारा कार्यक्रम के आयोजकों पर दबाव बनकर कार्यक्रम रद्द करवा दिया। जिसके बाद संदीप पाण्डे और दूसरे कार्यकर्ता लखनऊ वापस चले चले गये। लेकिन रिहाई मंच के राजीव यादव जो संदीप पाण्डे के साथ अयोध्या जा रहे थे उन्होंने बताया की रास्ते में उनकी गाड़ी के पीछे पुलिस की गाड़ियाँ भी चल रही थी।

ayodhya 1st_0.jpg

इसके अलावा कार्यक्रम स्थल पर प्रदेश के दूसरे हिस्सों से वक्ताओं  को सुनने आ रहे लोगों जिसमें बड़ी संख्या में महिलायें भी थी को भी प्रशासन ने वापस भेज दिया। कार्यक्रम में आने वालों से उनके पहचान पत्र भी माँगे गए और उनकी तस्वीरे भी खींचे जाने की सूचना है।

राम पुनियानी ने मुम्बई वापस जाते समय न्यूज़क्लिक को बताया कि उनको अयोध्या में प्रवेश से पहले ही प्रशासन ने रोक दिया। उन्होंने कहा की आश्चर्य की बात है कि सांप्रदायिक सौहार्द के लिए होने कार्यक्रम पर कानून और व्यवस्था के नाम पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।

उन्होंने बताया की सरयू कुंज राम जानकी मंदिर में होने वाले इस कार्यक्रम में उनको भी सांप्रदायिक सौहार्द के विषय पर भाषण देना था। उन्होंने कहा की उत्तर प्रदेश में लगातार स्वतंत्र आवाज़ों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। धरना प्रदर्शन और सांप्रदायिक सौहार्द के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध से लगता है की उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र ख़त्म हो गया है और यहाँ अघोषित आपातकाल है।

संदीप पाण्डे ने भी लखनऊ वापसी के समय न्यूज़क्लिक से फ़ोन पर बात की और कहा कि उनके किसी कार्यक्रम में कभी कानून और व्यवस्था की समस्या नहीं हुई है। उन्होंने कहा की सांप्रदायिक सौहार्द के कार्यक्रम को रोकना योगी सरकार का अलोकतांत्रिक क़दम है। संदीप पाण्डे का कहना है की उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकर धरना प्रदर्शन और सांप्रदायिक सौहार्द के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाकर नागरिको के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।

उन्होंने बताया की अयोध्या प्रशासन के पास होने वाले कार्यक्रम को रोकने का कोई विशेष आदेश नहीं था। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाये रखने के एक सामान्य आदेश के आधार पर कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने सवाल करते हुए कहा की सांप्रदायिक सौहार्द  पर चर्चा से शासन प्रशासन को क्यों डर लगता है? उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार तानाशाही कर रही है और प्रदेश में अघोषित आपातकाल जैसे हालत हैं।

कार्यक्रम में डॉ. कफील खान को सम्मानित भी किया जाना था। बीआरडी मेडिकल कोलेज में बच्चों की मौत के मामले में अभियुक्त बनाए गए डॉ. कफील खान को उनकी समाज सेवा के लिए सम्मानित किया जाना था। पिछले दिनों बिहार में चमकी बुखार के दौरान उन्होंने पीड़ितों के बीच जाकर काफी अच्छा काम किया। गोरखपुर बीआरडी में बच्चों की मौत के दौरान भी उनकी छवि एक हीरो की बनी थी लेकिन कुछ समय बाद उन्हें एक विलेन की तरह पेश किया गया और अभियुक्त बना दिया गया।

डॉ. कफील खान का आरोप है की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें ग़लत आरोपों में जेल भेजा था। उन्होंने बताया की प्रशासन कार्यक्रम की घोषणा के बाद से ही उन पर दबाव बना रहा था की वह कार्यक्रम में शामिल न हो। प्रशासनिक दबाव के चलते में वह आज कार्यक्रम में शामिल होने नहीं जा रहे थे।

कई बार प्रयास करने के बाद भी अयोध्या प्रशासन से सम्पर्क नहीं हो सका है। प्रशासन के अधिकारियों ने या तो फ़ोन उठाया नहीं या उनके फ़ोन कवरेज क्षेत्र से बाहर थे।

UttarPradesh
Communalism
ram puniyani
Sandeep Pandey
Religious discrimination
ayodhya
Ram Mandir

Related Stories

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव

‘(अ)धर्म’ संसद को लेकर गुस्सा, प्रदर्शन, 76 वकीलों ने CJI को लिखी चिट्ठी

बंधुआ हालत में मिड डे मील योजना में कार्य करने वाली महिलाएं, अपनी मांगों को लेकर लखनऊ में भरी हुंकार


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License