NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अबकी बार, मॉबलिंचिग की सरकार; कितनी जाँच की दरकार!
17 जुलाई को पाकुड़ में 80 वर्षीय देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्त्ता स्वामी अग्निवेश पर हुए जानलेवा हमले की SIT जाँच होगी – झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का आदेश!
अनिल अंशुमन
18 Jul 2018
Swami Agnivesh Thrashed

17 जुलाई को पाकुड़ में 80 वर्षीय देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्त्ता स्वामी अग्निवेश पर हुए जानलेवा हमले की SIT जाँच होगी – झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का आदेश! जबकि अग्निवेश पर हमला दिन दहाड़े हुआ और इसमें शामिल भाजपा, अखिल विद्यार्थी परिषद्, विश्व हिन्दू परिषद् व बजरंग दल के लोगों को काण्ड करते सबने देखाI इतना ही नहीं घटनास्थल पर पुलिस भी मौजूद थी जिसके हस्तक्षेप से ही अग्निवेश ने किसी तरह अपनी जान बचायीI  

दूर से देखने–सुनने में इसे मुख्यमंत्री की तत्परता कहकर उनकी सराहना की ही जा सकती हैI परन्तु झारखण्ड आने पर ज़मीनी हकीक़त न सिर्फ इसके उलट पायेंगे बल्कि ऐसे काण्ड करनेवालों को वर्तमान शासन से मिल रहे खुले संरक्षण को साफ़ देखा जा सकता हैI अर्थात मुख्यमंत्री जी का यह आदेश भी उसी तरह से  ‘आई वाश’ है जैसा इसके पहले की घटनाओं पर उनके दिए बयानों के साथ हुआI क्योंकि अबतक किसी भी मामले की न तो कोई जाँच पूरी हो सकी और न ही दोषी को कोई सज़ा मिल सकी हैI हद तो तब हो गयी जब इस घटना के महज चंद दिनों पहले ही प्रदेश के रामगढ़ में भीड़ के नाम पर संगठित भगवा गिरोह द्वारा ‘मॉबलिंचिंग’ कर एक निर्दोष मुसलमान की हत्या किये जाने पर निचली अदालत ने आजीवान कारावास की सज़ा सुना दी और शासन तंत्र ने सभी हत्यारों को हाईकोर्ट से अंतरिम ज़मानत दिलवा दीI सभी हत्यारों को देश के केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने अपने घर पर बुलाकर उनका सामाजिक सम्मान कर यही सन्देश दिया कि...काम जारी रहे!

अग्निवेश पर हमला सबकी आँखों के सामने हुआI लोगों ने साफ देखा कि किस तरह से भाजपा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, विश्व हिन्दू परिषद् व बजरंग दल के लोग सुबह से ही उनके होटल के सामने काला झंडा दिखाकर विरोध करते हुए ‘स्वामी अग्निवेश वापस जाओ!’ का नारा लगा रहे थेI और जैसे ही वे होटल से बाहर निकले उनपर हमला बोलकर सड़क पर उन्हें गिरा दिया गया और लात-घूंसों से पीटा गयाI सरकार मीडिया से यह प्रचारित करवा रही है कि सनातन धर्म पर उनके द्वारा की गयी टिप्पणी और बीफ को लेकर दिए गए उनके बयान के कारण ही यह विरोध थाI परन्तु सच ये है कि 16 जुलाई को स्वामी अग्निवेश ने आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर खूंटी के डीसी को दिए ज्ञापन के माध्यम से सरकार द्वारा आदिवासियों पर किया जा रहे ज़ुल्म–अत्याचार का विरोध कर कहा कि सरकार आदिवासी हित के कानूनों को बदलने की साजिश कर रही हैI झारखण्ड आकर ऐसा करना भाजपा शासन के रघुवर सरकार भक्तों को बेहद नागवार लगाI

इससे पहले भी 21 मार्च 2016 को राज्य के लातेहार जिले के बालूमाथ में दो पशु व्यापारी (12 वर्षीय मुस्लिम किशोर व एक युवा) की मॉब लिंचिग कर संगठित भगवा भीड़ द्वारा पीट-पीट कर ज़िंदा फाँसी पर लटका दिया गया थाI सरकार की जाँच आज तक पूरी नहीं हो सकी है अलबत्ता राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने घटनास्थल का दौरा कर चिन्हित दोषियों पर कार्यवाही करने की सिफारिश की थीI जिसे सरकार ने जानबूझकर लागू ही नहीं कियाI बल्कि गिरफ्तार हुए सभी अभियुक्तों को जेल से बाहर निकाल लिया गयाI

स्वामी अग्निवेश
मॉब लिंचिंग
भीड़ की हिंसा
झारखण्ड
झारखण्ड लिंचिंग
भाजपा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्

Related Stories

"दूर हूँ प्रश्न से, भक्त हूँ स्वप्न से, मैं नहीं जागता, मैं नहीं जागता..."

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

जेएनयू : सोशल मीडिया के जरिये झूठ का माहौल, क्या लिंचिंग की है तैयारी?

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

भीड़ की हिंसा के शिकार हुए रकबर खान का परिवार खाने को मोहताज

शोभापुर लिंचिंग: बच्चे पिता के इंतज़ार में हैं जो अब नहीं लौट सकते

नागाड़ी लिंचिंगः एक परिवार के 3 सदस्य मार दिए गए, मुख्य संदिग्ध फरार

नागाड़ी लिंचिंग: अफ़वाहों से पनपे फ़ितूर बना घातक

रामगढ़ लिंचिंग: इन्साफ़ के लिए अलीमुद्दीन की बेवा और बेटी का संघर्ष

हमें ‘लिंचिस्तान’ बनने से सिर्फ जन-आन्दोलन ही बचा सकता है


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License