NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्त्ता अजित नायक की हत्या
घर लौटते समय हुए हुई हत्या, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
30 Jul 2018
अजित नायक

अधिवक्ता व सामाजिक कार्यक्रता अजित नायक (57) की हत्या शुक्रवार को बदमाशों ने कर दी। शुरूआती रिपोर्ट के अनुसार हत्या धारदार हथियार से हुई है। हत्या के तीन दिन हो जाने के बाद भी कर्नाटक पुलिस हत्यारों की गिरफ्तारी करने में कामयाब नहीं हुई है।

27 जुलाई की रात 9:10 से 9:20 के बीच अजित नायक अपने दो दोस्तों के साथ ऑफिस से घर की ओर आ रहे थे, तभी हमलावरों ने जेएन रोड पर पर नायक पर हमला कर दिया। स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार हमलावरों ने मास्क पहना हुआ था और उन्होंने अजित नायक के चेहरे की बाईं ओर धारदार हथियार से हमला किया।

हमला होने के बाद घटना स्थल से अधिवक्ता को हॉस्पीटल ले जाया गया जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। डाक्टरों का कहना है कि वह हॉस्पीटल आने से पहले ही मर चुके थे।

पुलिसवालों का कहना है कि उनकी मौत का कारण शायद उनकी सामाजिक मुद्दों मे सक्रियता है। उनका यह भी कहना है कि वह जल्द ही मुज़रिमों को पकड़ लेगी। हत्या का केस दांदेली पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।

अजित नायक एक सामाजिक कार्यकर्त्ता थे। वे कांग्रेस के प्रखंड प्रमुख भी रह चुके हैं। ‘काली बचाओ आंदोलन’ से भी वे सक्रिय रूप से भी संबध रखते थे  जो काली नदी को बचाने के लिए काम करता है।

वे दांदेली बार एसोशिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे कर्नाटक में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण सुधारों के अलावा और भी कई सामाजिक आंदोलन व भ्रष्टाचार विरोधी आांदोलनों में सक्रिय रह चुके थे।

 

इस हत्या के विरोध में शनिवार को दांदेली शांतिपूर्ण रूप से बंद किया गया। वहीं घटना पर खेद जताते हुए तमाम वकीलों ने कार्यों से बहिष्कार कर दिया और उत्तरी कन्नड़ के दांदेली और अन्य तालुक मुख्यालयों में कैंडिल मार्च भी निकाला।

अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक, उत्तर कन्नड़, केजी देवराजु ने बीते रविवार अख़बार ‘द हिंदू’  से बात करते बताया कि हम ट्रैक पर हैं और इस केस को दो दिन में क्रैक कर लेंगे।

चेन्नई स्थित लेखक और कार्यकर्ता नित्यानंद जयरामन ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि “भारत में असहिष्णुता और हिंसा जैसे मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। अजित नायक की मौत थूथुकूड़ी में पुलिस गोलीबारी से 14 लोगों की भयानक हत्या के लगभग दो महीने बाद हो जाती है यह अपने आप में कई सारे सवाल खड़े करती है।”  उन्होंने आगे बात करते हुए कहा कि ‘‘सामान्य लोग जो पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपनी आवाज़ उठाते हैं उन्हें वर्दीधारी व बिना वर्दीधारी दोनों मार डालते हैं।”

अजित नायक
कर्णाटक

Related Stories

कर्नाटक: भाजपा के घोषणा पत्र में 2.4 लाख करोड़ रूपये की पेशकश

कावेरी जल विवाद : सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के पानी में कटौती की

कर्नाटक में भाजपा की परिवर्तन रैली का मकसद हिंदुत्व की विचारधारा को फैलाना है

कलबुर्गी, पानसरे, दाभोलकर: वैज्ञानिक विवेक बनाम रुढ़िवादी ताकतें


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी
    23 May 2022
    "युवाओं तथा मध्य आयु वर्ग के लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं जो चिंताजनक है। हर चौथा व्यक्ति हृदय संबंधी रोग से पीड़ित होगा।"
  • आज का कार्टून
    “मित्रों! बच्चों से मेरा बचपन का नाता है, क्योंकि बचपन में मैं भी बच्चा था”
    23 May 2022
    अपने विदेशी यात्राओं या कहें कि विदेशी फ़ोटो-शूट दौरों के दौरान प्रधानमंत्री जी नेताओं के साथ, किसी ना किसी बच्चे को भी पकड़ लेते हैं।
  • students
    रवि शंकर दुबे
    बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?
    23 May 2022
    उत्तराखंड में एक बार फिर सवर्ण छात्रों द्वारा दलित महिला के हाथ से बने भोजन का बहिष्कार किया गया।
  • media
    कुश अंबेडकरवादी
    ज़ोरों से हांफ रहा है भारतीय मीडिया। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पहुंचा 150वें नंबर पर
    23 May 2022
    भारतीय मीडिया का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है, वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 150वें नंबर पर पहुंच गया है।
  • सत्येन्द्र सार्थक
    श्रम क़ानूनों और सरकारी योजनाओं से बेहद दूर हैं निर्माण मज़दूर
    23 May 2022
    निर्माण मज़दूर राजेश्वर अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं “दिल्ली के राजू पार्क कॉलोनी में मैंने 6-7 महीने तक काम किया था। मालिक ने पूरे पैसे नहीं दिए और धमकी देकर बोला ‘जो करना है कर ले पैसे नहीं दूँगा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License