NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
अमूल के बाद मदर डेयरी ने दूध की कीमतें दो रुपये प्रति लीटर तक बढ़ायी
मदर डेयरी ने कहा है कि किसानों से दूध खरीदने की लागत में बढ़ोतरी के कारण यह फैसला लिया गया।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
24 May 2019
फाइल फोटो
(फोटो साभार: नवजीवन)

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दूध की प्रमुख आपूर्तिकर्ता कंपनी मदर डेयरी ने शुक्रवार को थैलियों में मिलने वाले दूध की कीमतें प्रति लीटर दो रुपये तक बढ़ाने की घोषणा की। बढ़ी कीमतें शनिवार से प्रभावी होंगी।

कंपनी ने कहा कि उसने पशुपालकों से खरीदे जाने वाले दूध की लागत बढ़ने के मद्देनजर यह कदम उठाया है।

कंपनी ने कहा कि उसने सिर्फ थैलियों में आने वाले दूध की कीमत में वृद्धि की है। खुले में मिलने वाले टोकन दूध की पुरानी कीमतें ही प्रभावी होंगी।

कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘मदर डेयरी ने थैलियों में आने वाले दूध की कीमतें दिल्ली-एनसीआर के लिये दो रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दी हैं जो 25 मई 2019 से प्रभावी होंगी। एक लीटर वाली थैली की कीमत एक रुपये प्रति लीटर तथा आधे लीटर वाली थैली की कीमत दो रुपये प्रति लीटर बढ़ायी गयी है। इससे उपभोक्ताओं को प्रति थैली एक रुपये अधिक का भुगतान करना होगा।’

इससे पहले अमूल ने भी दूध का भाव दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया है। अमूल ब्रांड नाम से डेयरी उत्पाद बेचने वाले गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने यह फैसला लिया था। 

संघ ने कहा कि यह निर्णय कच्चे माल की लागत बढ़ने के चलते किया है। जीसीएमएमएफ ने कहा, 'दो साल के अंतराल के बाद दूध की कीमत में 2 रुपये लीटर की बढ़ोतरी की गई है।' इससे पहले, मार्च 2017 में दूध के दाम संशोधित किए गए थे। इसका उद्देश्य दूध के उत्पादन में कमी तथा कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी के कारण दूध उत्पादकों को लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराना है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

amul
Mother Dairy
Prices increase
milk
milk farmers
milk production
Delhi
ncr

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

मुंडका अग्निकांड : 27 लोगों की मौत, लेकिन सवाल यही इसका ज़िम्मेदार कौन?

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

दिल्ली: केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद : न्यायालय ने मामला पांच सदस्यीय पीठ को सौंपा


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License