NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
डब्ल्यूएचओ की दी जाने वाली सभी फ़ंडिंग पर अमेरिका ने लगाई रोक
ट्रंप प्रशासन इस महामारी के कुप्रबंधन और चीन पर पर्दा डालने को लेकर डब्ल्यूएचओ को ज़िम्मेदार ठहराता रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
15 Apr 2020
डब्ल्यूएचओ

अमेरिकी सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जाने वाली सभी आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है। संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी को फंड रोकने की घोषणा आज 15 अप्रैल को की गई। सरकार ने कहा कि यह फंड तब तक रुकी रहेगी जब तक अमेरिका नोवेल कोरोना वायरस महामारी के "कुप्रबंधन" की जांच पूरा नहीं कर लेता है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में घोषणा की, "जब तक कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने और गंभीर कुप्रबंधन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका का आंकलन किया जा रहा है तब तक मैं अपने प्रशासन को फंडिंग रोकने का निर्देश दे रहा हूं।"

इस साल जनवरी महीने के अंतिम दिनों में जब COVID-19 का वैश्विक प्रसार सामने आने लगा तो ट्रम्प प्रशासन इस वायरस को लेकर चीन पर दोष मढ़ता रहा। विभिन्न मंचों पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस वायरस को "चीनी वायरस" या "वुहान वायरस" कहा था और चीनी सरकार पर महामारी फैलने से पहले शुरूआत में इसके छुपाने का आरोप लगाया था।

हाल ही में इस संकट को लेकर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए प्रशासन ने डब्ल्यूएचओं पर निशाना साधा है। ऐसा पश्चिमी देशों विशेषकर यूएस द्वारा संकट से निपटने के लिए लागू किए गए कुछ नीतिगत उपायों की डब्ल्यूएचओ द्वारा की गई आलोचना की प्रतिक्रिया में हुआ है। ये हमला एक हफ्ता पहले यानी 7 अप्रैल को तेज़ हुआ था जब इस यूएन एजेंसी को "चीन-केंद्रित" कहने के अलावा ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को मदद देने पर रोक लगाने की धमकी दी थी।

डब्ल्यूएचओ को बड़ी मात्रा में योगदान देने वाला यूएस अकेला देश है जो उसके कुल वार्षिक बजट का लगभग 15% देता है। दिसंबर 2019 के अंत में चीन के वुहान में COVID-19 का प्रकोप सामने आने के बाद से डब्ल्यूएचओ वर्तमान में इसके प्रसार को रोकने के लिए दुनिया के सभी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। धन की कमी वैश्विक स्तर पर गंभीर रूप से न केवल संकट से निपटने की क्षमता को प्रभावित करेगी बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के रूप में इसकी मौजूदगी को कमज़ोर करेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने डब्लूएचओ की तथाकथित कुप्रबंधन और वायरस के फैलने के मूल स्थान पर समय पर कार्रवाई करने की इसकी अनिच्छा को लेकर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच 60 से 90 दिनों के बीच कहीं भी होगी और जब तक उनके अपने सवालों का जवाब नहीं मिल जाता है तब तक ये फंड रुकी रहेगी।

अमेरिका के विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने ट्रंप के इस फैसले की निंदा की है और अपने प्रशासन की बड़ी ग़लतियों पर पर्दा डालने और ज़िम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिका के इस फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी राजनीति करने का समय नहीं है। गुटेरेस ने कहा, "अभी एकजुटता का समय है और इस वायरस को और इसके विनाशकारी परिणामों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ मिलकर काम करने का वक़्त है।"

America
Donald Trump
WHO
america halts funding to WHO
COVID19
corona virus outbreak

Related Stories

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई

WHO की कोविड-19 मृत्यु दर पर भारत की आपत्तियां, कितनी तार्किक हैं? 

हासिल किया जा सकने वाला स्वास्थ्य का सबसे ऊंचा मानक प्रत्येक मनुष्य का मौलिक अधिकार है

क्या बूस्टर खुराक पर चर्चा वैश्विक टीका समता को गंभीर रूप से कमज़ोर कर रही है?

अमेरिका में कोविड-19 के 75 प्रतिशत मामले ओमीक्रॉन स्वरूप के, ऑस्ट्रेलिया में भी मामले बढ़े

यात्रा प्रतिबंधों के कई चेहरे

ओमीक्रॉन को रोकने के लिए जन स्वास्थ्य सुविधाएं, सामाजिक उपाय तत्काल बढ़ाने की ज़रूरत : डब्ल्यूएचओ

स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को डब्ल्यूटीओ के एजेंडे की परवाह क्यों करनी चाहिए?

अब कोविड-19 के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ का डर, दुनियाभर के देशों ने लगायी यात्रा पाबंदियां


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License