NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आंध्र प्रदेशः बिजली विभाग के ठेका मज़दूरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल
ठेका और पीस-रेट सिस्टम समाप्त कर नियमित करने को लेकर राज्य के क़रीब 20 हज़ार से ज़्यादा मज़दूर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। उनकी माँग है कि समान कार्य के लिए समान वेतन के साथ-साथ नौकरी को नियमित किया जाए।

न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Feb 2018
AP electricity workers' strike
Image Courtesy: The Hans India

आंध्र प्रदेश के बिजली विभाग के 20,000 से ज़्यादा ठेके पर कार्यरत मज़दूर 20 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

उनकी प्रमुख माँग ठेका सिस्टम को ख़त्म कर उन्हें नियमित करने की है। ये मज़दूर पीस-रेट सिस्टम को भी समाप्त करने की माँग कर रहे है क्योंकि अस्थायी कर्मचारियों में पीस-रेट मज़दूरों की संख्या अधिक है। उनकी माँग है कि पीस-रेट सिस्टम के बजाय उन्हें मासिक वेतन दिया जाए। साथ ही उनकी माँग है कि जब तक मज़दूरों को नियमित नहीं किया जाता है तब तक अस्थायी कर्मचारियों के लिए 'समान कार्य के लिए समान वेतन' के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू किया जाए। वे किसी तीसरे पार्टी या ठेकेदार से भुगतान न लेकर सरकार से मज़दूरों को वेतन का सीधे भुगतान की माँग कर रहे हैं।

इसके अलावा ये मज़दूर किसी मज़दूर की आकस्मिक मौत होने पर 20 लाख रुपए मुआवज़े की माँग कर रहे हैं, इसके साथ ही पीड़ित परिवार के एक व्यक्ति को स्थायी रोज़गार देने की भी व्यवस्था की भी माँग कर रहे हैं।

यूनाईटेड एम्प्लाईज़ यूनियन (इलेक्ट्रीसिटी एम्प्लाईज़ फेडरेशन ऑफ इंडिया से मान्यताप्राप्त) के महासचिव नागा ब्रह्मचारी ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि "पिछले छह महीनों से हम अनुबंध प्रणाली समाप्त करने समेत अन्य माँगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान हमने भूख हड़ताल किया और जुलूस भी निकाले।”

उन्होंने कहा कि मज़दूरों ने प्रबंधन को हड़ताल करने के लिए नोटिस दिया था जिसके बाद दो बार चर्चाएँ हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

"20 फरवरी को शुरू हुए इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में क़रीब 95% से अधिक अनुबंध मज़दूर इसमें शामिल हैं। 13 जिलों के लगभग 20,000 मज़दूर भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। इनमें से कई मज़दूर अपने परिवार के साथ इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं।"

ब्रह्मचारी ने कहा कि स्टेट पावर ट्रांसमिशन एंड जेनरेशन कंपनियों तथा अन्य विभागों में क़रीब 24,000 से ज़्यादा मज़दूर अनुबंध पर कार्यरत हैं और ये मज़दूर भी स्थायी कर्मचारियों की तरह ही काम कर रहे हैं।

राज्य के अनुबंध मज़दूरों के संघों ने आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी कंट्रैक्ट वर्कर्स यूनाईटेड फॉरम का गठन किया है।

23 फरवरी को स्टेट सेक्रेटरीज ऑफ द सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के साथ-साथ आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी कंट्रैक्ट वर्कर्स यूनाइटेड फॉरम के एक प्रतिनिधिमंडल ने मज़दूरों की माँग को लेकर मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू नायडू से मुलाकात की थी।

ब्रह्मचारी ने कहा कि "मुख्यमंत्री इस मुद्दे को हल करने को इच्छुक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला अनुबंध श्रमिकों और प्रबंधन के बीच का है।"

उन्होंने कहा कि हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को हटाने और नए लोगों की भर्ती करने के लिए प्रबंधन ने नया निर्देश जारी किया था, हालांकि इसे अभी लागू नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि "मज़दूर अपनी माँगों को लेकर लड़ाई लड़ते रहेंगे और जब तक माँग पूरा नहीं किया जाता है तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे।"

26 फ़रवरी को हड़ताली मज़दूरों ने राज्य के पूरे 13 ज़िलों में कलेक्टर के दफ़्तरों पर घेराव भी कियाI

ठेका मज़दूर
इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स
आंध्रप्रदेश
एन चंद्रबाबू नायडू
कर्मचारी हड़ताल
सीटू

Related Stories

5 सितम्बर : देश के लोकतांत्रिक आंदोलन के इतिहास में नया अध्याय

केंद्र और राज्य सरकार कर रही है पोलावरम बाँध से प्रभावित आदिवासियों को नज़रअंदाज़

दिल्ली: 20 जुलाई को 20 लाख मज़दूर हड़ताल पर जायेंगे

वेतन भुगतान को लेकर बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका सफाई कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन

आंध्रप्रदेश गेरडाउ स्टील प्लांटः गैस रिसाव के कारण छह मज़दूरों की मौत

चेन्नई मेट्रो के कर्मचारियों ने मेट्रो भवन के सामने दिया धरना

सरकारों के लिए न्यूनतम मज़दूरी बस कागज़ी बातें हैं

टीडीपी ने NDA छोड़ा,19मार्च को सदन में आविश्वास प्रस्ताव लाएगी

विशेष राज्य के दर्जे को लेकर, उबल रहा है आंध्र प्रदेश

तमिलनाडू बिजली बोर्ड के कर्मचारी आय वृद्धि की माँग को लेकर हड़ताल की तैयारी में


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License