NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा को भाजपा स्टार प्रचारक की सूची से हटाए : चुनाव आयोग
विवादित बयान मामले में चुनाव आयोग की औपचारिक कार्रवाई
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Jan 2020
anurag thakur
image courtesy- the week

दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान बेहद आपत्तिजनक बयान देने के मामले में चुनाव आयोग ने केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद परवेश वर्मा के ख़िलाफ़ एक औपचारिक कार्रवाई कर दी है। चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं का नाम भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने का आदेश दिया है।

जानकार इसे व्यंग्य में 'कड़ी कार्रवाई' कह रहे हैं, हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि चुनाव आयोग से इससे ज़्यादा उम्मीद करना बेमानी है, क्योंकि उसके पास बहुत अधिकार नहीं होते। वैसे ऐसे हर मौके पर लोग पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन को ज़रूर याद करते हैं जिन्होंने इस देश को चुनाव आयोग के होने का मतलब बताया था। फिलहाल अभी चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं से गुरुवार दोपहर तक अपने मामले में जवाब देने को कहा है। समाचार एजेंसी 'भाषा' की ओर से जारी ख़बर के मुताबिक आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार, ठाकुर और वर्मा का नाम भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची से तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेश जारी होने तक हटाने को कहा गया है।

IMG-20200129-WA0006.jpg

निर्वाचन नियमों के मुताबिक, किसी पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नेताओं के प्रचार का खर्च संबद्ध पार्टी के चुनाव प्रचार के खर्च में शामिल होता है। जबकि स्टार प्रचारकों की सूची से इतर नेताओं के प्रचार पर होने वाले व्यय को उम्मीदवार के चुनावी खर्च में शामिल किया जाता है। स्पष्ट है कि ठाकुर या वर्मा को भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर किये जाने के बाद भी अगर वे चुनाव प्रचार में शामिल होते हैं तो प्रचार में खर्च होने वाली राशि, उम्मीदवार के चुनाव खर्च में शामिल की जायेगी।

आयोग के अवर सचिव पवन दीवान द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में ठाकुर और वर्मा के विवादित बयानों से आचार संहिता का उल्लंघन होने संबंधी दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

उल्लेखनीय है कि ठाकुर पर रिठाला विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को एक जनसभा में भीड़ से विवादित नारे लगवाने का आरोप है जबकि पश्चिमी दिल्ली के सांसद वर्मा पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने वालों के बारे में विवादित टिप्पणी करने का आरोप है। आयोग ने मंगलवार को ठाकुर और बुधवार को वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर दोनों नेताओं से गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक आयोग में अपना पक्ष रखने को कहा है।

anurag thakur
Parvesh Verma
Hate Speech
delhi election
election commission
hate speech in delhi election
BJP
election commission order.

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License