NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
‘आप’ और नए मुख्य सचिव के रिश्ते भी सवालों के घेरे में
दिल्ली सरकार व अफसरों के बीच तनाव कम होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। केंद्र की ओर से नए मुख्य सचिव की नियुक्ति पर आम आदमी पार्टी ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
मुकुंद झा
27 Nov 2018
kejriwal and vijay kumar dev

आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं का कहना है कि  कौन मुख्य सचिव बनता है यह महत्वपूर्ण नहीं है, न इससे फर्क पड़ता है, लेकिन जब भाजपा शसित केंद्र की सरकार अधिकारी पर अपने बल प्रयोग व सीबीआई और अन्य संस्थानों का भय दिखाकर दिल्ली की चुनी सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं व सरकार के काम में अड़चनें पैदा करते हैं, तो वो तकलीफदेह होता है।
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशुल प्रकाश के संचार विभाग में ट्रांसफर के बाद नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की गई है। ऐसे में दो सवाल मुख्य उठ रहे हैं कि कौन हैं नये मुख्य सचिव और उनके दिल्ली सरकार के साथ सबंध कैसे हैं या कैसे रहेंगे? क्योंकि अब तक तो इतिहास विवादों का रहा है। हमने देखा है कि पीछे किस प्रकार दिल्ली सरकार व मुख्य सचिव के बीच मनमुटाव व तनाव किस हद तक बढ़ गया था। यहाँ तक कि मुख्य सचिव अंशुल प्रकाश ने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री समेत उनके कई साथियों पर मारपीट का आरोप भी लगाया था जिसके बाद इन दोनों का झगड़ा सड़क पर आ गया था। दूसरा सवाल क्या नए मुख्य सचिव केंद्र और राज्य के बीच के तनाव को कम कर पाएंगे? क्योंकि जबसे दिल्ली में केजरीवाल सरकार आई है, पहले दिन से ही केंद्र व राज्य के बीच मतभेद या फिर कहें कि मनभेद जग जाहिर है। 
नए मुख्य सचिव कौन?
विजय कुमार देव अब दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नियुक्त किए गए हैं। विजय कुमार देव एजीएमयूटी कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) थे। वे दिल्ली में परिवहन निगम के चेयरमैन, दिल्ली के मंडलायुक्त के साथ अन्य कई महत्वपूर्ण  पदों पर रह चुके हैं। 
नए मुख्य सचिव को लेकर आप के गंभीर सवाल ?
दिल्ली सरकार व अफसरों के बीच तनाव कम होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। केंद्र की ओर से नए मुख्य सचिव की नियुक्ति पर आम आदमी पार्टी ने गंभीर सवाल उठाए हैं। हालांकि पार्टी का कहना है कि व्यक्तिगत रूप से सभी अधिकारी अच्छे आदमी हैं परन्तु वो भी केंद्र की सत्ता के भय या दबाव में आकर सरकार के काम में अड़ंगा लगाते हैं।
‘आप’ का विजय कुमार देव की नियुक्ति पर कहना है कि ऐसे अफसर को मुख्य सचिव नियुक्त किया जा रहा है  जिसकी देखरेख में बड़े स्तर पर मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाया गया। दूसरा गंभीर मुद्दा है कि उनको एक साल जूनियर होने के बावजूद क्यों दिल्ली का मुख्य सचिव बनाया जा रहा है?
‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस अफसर के संरक्षण में इतने बड़े स्तर पर मतदाताओं का नाम हटाया गया वह संदेह पैदा करता है। इसके अलावा उनके मुताबिक मुख्य सचिव को चुनने के तय प्रक्रिया को छोड़कर  एक साल जूनियर अधिकारी  को मुख्य सचिव बनाने के पीछे केंद्र सरकार की कोई न कोई खुराफात जरूर है। केंद्र को बताना चाहिए कि जूनियर अफसर को मुख्य सचिव बनाने के पीछे क्या मकसद रहा। 
दिल्ली सरकार से कोई राय नहीं ली जाती
‘आप’ का कहना है कि दिल्ली की पूर्व की सभी सरकारों चाहे वो शीला दीक्षित सरकार है या आम आदमी पार्टी की 49 दिन की सरकार, इस दौरान अफसरों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार दिल्ली की सरकार से सलाह मशवरा ज़रूर करती थी, लेकिन 2015 में जब आम आदमी पार्टी सरकार अद्भुत बहुमत के साथ आई,  उसके बाद चुनी हुई सरकार से किसी भी नियुक्ति में सलाह नहीं ली जाती है। केंद्र अपने पसंद के अफसरों को दिल्ली में नियुक्त करता है जो दिल्ली सरकार के कामकाज में रुकावट लाए।
‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बातचीत दौरान केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि किसी आला अधिकारी की नियुक्ति पर उस राज्य की सरकार को जानकारी दी जाती है, लेकिन दुर्भाग्यवश दिल्ली में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जहां किसी भी विभाग में अधिकारी या बड़े अफसर की नियुक्ति से पहले चुनी हुई सरकार से सलाह मशवरा नहीं किया जाता है। बीजेपी की सरकार हमेशा दिल्ली सरकार को गिराने  की भावना से कार्य करती है। उनका यह भी कहना था कि सारी नौकरशाही गलत नहीं हैं लेकिन कुछ लोग ज़रूर भाजपा के दवाब में सरकार को रोकने का काम करते हैं।
क्या हालात बदलेंगे?
मुख्य सचिव बदल जाने से दिल्ली सरकार के साथ चल रही अनबन खत्म हो जाएगी, अभी भी ये बड़ा सवाल बना हुआ है। क्योंकि जैसे पहले भी बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले दिनों फर्जी वोटिंग लिस्ट का मुद्दा उठाया था और चुनाव आयोग के साथ खुलकर तनातनी हुई थी। इस दौरान दिल्ली के चुनाव आयोग की जिम्मेदारी विजय कुमार देव के पास ही थी।  ऐसे में आप मान सकते है की  एक बार फिर मुख्य सचिव के पद पर वही व्यक्ति आया है, जिसके साथ आम आदमी पार्टी व दिल्ली सरकार की पुरानी कलह जारी है। ऐसे में ये उम्मीद करना की अधिकारी और सरकार के बीच सबकुछ ठीक होगा और वो मिलकर दिल्ली के लिए काम करेंगे अभी यह एक सपना मात्र ही है। 

Delhi
Arvind Kejriwal
vijay kumar dev
delhi chief secretary
Modi government
anshul prakash

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया

आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?

ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    केरल: RSS और PFI की दुश्मनी के चलते पिछले 6 महीने में 5 लोगों ने गंवाई जान
    23 Apr 2022
    केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हत्याओं और राज्य में सामाजिक सौहार्द्र को खराब करने की कोशिशों की निंदा की है। उन्होंने जनता से उन ताकतों को "अलग-थलग करने की अपील की है, जिन्होंने सांप्रदायिक…
  • राजेंद्र शर्मा
    फ़ैज़, कबीर, मीरा, मुक्तिबोध, फ़िराक़ को कोर्स-निकाला!
    23 Apr 2022
    कटाक्ष: इन विरोधियों को तो मोदी राज बुलडोज़र चलाए, तो आपत्ति है। कोर्स से कवियों को हटाए तब भी आपत्ति। तेल का दाम बढ़ाए, तब भी आपत्ति। पुराने भारत के उद्योगों को बेच-बेचकर खाए तो भी आपत्ति है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लापरवाही की खुराकः बिहार में अलग-अलग जगह पर सैकड़ों बच्चे हुए बीमार
    23 Apr 2022
    बच्चों को दवा की खुराक देने में लापरवाही के चलते बीमार होने की खबरें बिहार के भागलपुर समेत अन्य जगहों से आई हैं जिसमें मुंगेर, बेगूसराय और सीवन शामिल हैं।
  • डेविड वोरहोल्ट
    विंबलडन: रूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध ग़लत व्यक्तियों को युद्ध की सज़ा देने जैसा है! 
    23 Apr 2022
    विंबलडन ने घोषणा की है कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को इस साल खेल से बाहर रखा जाएगा। 
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    प्रशांत किशोर को लेकर मच रहा शोर और उसकी हक़ीक़त
    23 Apr 2022
    एक ऐसे वक्त जबकि देश संवैधानिक मूल्यों, बहुलवाद और अपने सेकुलर चरित्र की रक्षा के लिए जूझ रहा है तब कांग्रेस पार्टी को अपनी विरासत का स्मरण करते हुए देश की मूल तासीर को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License