NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अतिरिक्त वोट : यूपी-बिहार की 120 में से 119 सीटों के आंकड़ों में अंतर!
न्यूज़क्लिक ने 120 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक के पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या के लिए दो राज्यों के पोल पैनल की वेबसाइट तथा गिने गए कुल मतों के लिए ईसीआई के आंकड़ों का विश्लेषण किया।
चन्दन नंदी, काशिफ काकवी
03 Jun 2019
UP
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो साभार: dnaindia

भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के दर्ज किए गए आंकड़ों में उत्तर प्रदेश और बिहार की 120 लोकसभा सीटों के अधिकांश सीटों पर डाले गए वोटों की संख्या अधिक पाई गई। पोल पैनल की विफलता को लेकर यह काफी संदेह पैदा करता है। ये न्यूज़क्लिक द्वारा गहन और व्यापक जांच में सामने आया है। न्यूज़क्लिक ने इससे पहले यूपी और बिहार की कुछ सीटों पर असमान और अधिक वोटों के मुद्दे को प्रकाशित किया था जो ईसीआई की वेबसाइट पर दिया गया है।

ईसीआई, दो राज्यों के पोल पैनल वेबसाइट तथा ईसीआई वोटर टर्नआउट ऐप पर भरोसा करें तो यह पाया गया है कि बिहार में 40 संसदीय सीटों में से 34 सीटों में कुल मतों (पोस्टल बैलट सहित) के अलावा कई हजार वोट अतिरिक्त पाए गए। सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली सीट पटना साहिब है जहां बीजेपी के रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा को हराया।

न्यूज़क्लिक ने 120 निर्वाचन क्षेत्रों के प्रत्येक सीट के लिए गिने गए मतों को लेकर ईसीआई और पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या के लिए दो राज्यों की पोल पैनल वेबसाइट की पड़ताल की। मतदान प्रतिशत वोटर टर्नआउट ऐप और राज्य की वेबसाइटों से लिया गया। पोस्टल बैलेट को विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया था क्योंकि वे मतदान प्रतिशत को प्रभावित नहीं करते हैं और केवल मतगणना प्रक्रिया के दौरान ही शामिल किए जाते हैं। ये विश्लेषण हिंदी पट्टी के दो प्रमुख राज्यों में 120 सीटों के लिए किया गया। ये दो राज्य उन क्षेत्रों में से जिसने बीजेपी को 303 सीट दिलाने में मदद की।

बिहार के सभी क्षेत्रों में विसंगति

पटना साहिब के आंकड़ों की जांच में पता चला कि यहां 21,36,800 पंजीकृत मतदाता हैं। जबकि 19 मई को अंतिम चरण में हुए पटना साहिब में मतदान का प्रतिशत 43.1%है जिसका मतलब है कि 9,20,961 मतदान हुआ। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की गिनती में कुल वोटों की संख्या 9,78,602 है। इस तरह 57,641 मत अधिक हुए। बीजेपी के रवि शंकर प्रसाद ने यहां 2,84,657 मतों के अंतर से जीत हासिल की।

Graph 1.JPG

स्रोत: इलेक्टर्स, मतदान % - वोटर टर्न आउट ऐप, गिने गए मत

इसी प्रक्रिया को अपनाते हुए यह पाया गया है कि बिहार के कई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में पड़े वोटों की तुलना में हजारों अतिरिक्त वोट पाए गए, जिनमें पूर्वी चंपारण (15,077, बीजेपी के राधमोहन सिंह जीते), पश्चिम चंपारण (15,368 बीजेपी के संजय जायसवाल ने जीत दर्ज की), शिवहर (14,424, बीजेपी की रमा देवी ने जीत हासिल की), वाल्मीकि नगर (13,803, जद (यू) के बैद्यनाथ प्रसाद महतो ने जीत दर्ज की), उजियारपुर (12,742, बीजेपी के नित्यानंद राय जीते), मुज़फ्फरपुर (10,335, बीजेपी के अजय निषाद जीत हासिल की), समस्तीपुर (13,300, एलजेपी के रामचंद्र पासवान ने जीत दर्ज किया), खगड़िया (11,126, एलजेपी के चौधरी महबूब अली कैसर ने जीता), अररिया (10,624, बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह ने जीत हासिल की) और सीवान (7,590, जद (यू) की कविता सिंह ने जीत दर्ज किया) शामिल हैं।

बिहार के अन्य 17 निर्वाचन क्षेत्रों में अतिरिक्त वोट 4,000 से (किशनगंज, 4,265, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद जीते) 8,000 तक है जैसे कि झंझारपुर (8,847, जद (यू) के रामप्रीत मंडल ने जीत दर्ज की), औरंगाबाद (7,533, बीजेपी के सुशील कुमार सिंह ने जीता), वैशाली (7,256, लोक जनशक्ति पार्टी की वीणा देवी ने जीत हासिल की) और सीतामढ़ी (7,556, जद (यू) के सुनील कुमार पिंटू ने जीत दर्ज की)।

छह ऐसे निर्वाचन क्षेत्र- काराकाट (98,214), सासाराम (49,087), जहानाबाद (28,338),पाटलिपुत्र (19,410), बक्सर (16,804) और आरा (10,027) हैं जहां ऐसा लगता है कि हजारों की संख्या में वोट नहीं गिने गए। हालांकि बीजेपी ने इन छह सीटों में से चार पर जीत हासिल की वहीं जद (यू) ने दो सीटों पर कब्जा किया। जहानाबाद सीट पर चंदेश्वर प्रसाद ने केवल 1,751 मतों के अंतर से जीत दर्ज की जबकि काराकाट निर्वाचन क्षेत्र में इसी पार्टी के उम्मीदवार महाबली सिंह ने 84,542 मतों के अंतर से जीत हासिल किया।

Graph 2.JPG

स्रोत: इलेक्टर्स, मतदान % - वोटर टर्न आउट ऐप, गिने गए वोट

दिलचस्प बात यह है कि जहानाबाद सीट के लिए तीन अलग-अलग दस्तावेज उपलब्ध हैं जिनमें मतदान प्रतिशत और पड़े कुल मतों की संख्या में अंतर है। जहानाबाद के राजद उम्मीदवार को दिए गए इस दस्तावेज़ में 51.77% मतदान दिखाया गया है जबकि बिहार के सीईओ की वेबसाइट पर अपलोड किए गए डेटा से पता चलता है कि वहां 54% मतदान हुए। वोटर टर्नआउट ऐप पर यह आंकड़ा 53.67% है। जबकि जहानाबाद के फॉर्म 20 में यह 52.02% दर्ज है। ऐसी विसंगतियां बिहार और मध्य प्रदेश की कई अन्य सीटों पर भी सामने आई।

Graph 3.JPG

स्रोत: सीईओ बिहार

पिछले सप्ताह न्यूज़क्लिक ने इन विसंगतियों पर टिप्पणी के लिए ईसीआई से बार-बार संपर्क करने का प्रयास किया तो पोल पैनल की प्रवक्ता शेफाली सरन ने शहर से बाहर होने का हवाला देते हुए कोई भी कॉल या मैसेज का जवाब देने से इंकार कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और दो चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा और सुशील चंद्रा को भी ईमेल के जरिए सवाल पूछा गया लेकिन उन्होंने भी जवाब नहीं दिया।

उत्तर प्रदेश में भारी अंतर

उत्तर प्रदेश में जहां बीजेपी ने 80 में से 60 सीटों पर जीत हासिल की है वहां 50 सीटों पर अधिक वोट के होने का मामला सामने आया है। सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला मामला लखनऊ का है जहां बीजेपी ने 3,47,302 के अंतर से जीत दर्ज किया है। हालांकि लखनऊ में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 20,38,725 है। राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत 53.53% दर्ज है जिससे पड़े मतों की संख्या 10,91,329 हुई। लेकिन ईवीएम के वोटों की गिनती एक अलग ही तस्वीर पेश करती है जिसमें 15,771 वोट अधिक थे।

दो अन्य लोकसभा क्षेत्र हैं जहां 6,000 से 9,000 तक अधिक वोट हैं। मथुरा में 17,99,321 पंजीकृत मतदाता हैं जहां दूसरे चरण (18 अप्रैल) के दौरान 60.48% (10,88,229) मतदान हुए। हालांकि गिने गए कुल ईवीएम मतों की संख्या 10,98,112 है। इस निर्वाचन क्षेत्र में जहां बीजेपी की हेमा मालिनी ने 2,93,471 के अंतर से जीत दर्ज की वहां पाया गया कि 9,883 अतिरिक्त वोट पड़े।

Graph 4.JPG

स्रोत: इलेक्टर्स, मतदान %, गिने गए वोट

बागपत में अतिरिक्त वोट 6,167 और बदायूं में 7,395 थे। केवल फतेहपुर सीकरी को ही यूपी का एकमात्र निर्वाचन क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त है जहां सभी आंकड़े समान हैं। यहां न तो अधिक वोट डाले गए,और न ही मतपत्रों की गणना में कोई विसंगति है।

Graph 5.JPG

स्रोत: इलेक्टर्स, मतदान %, गिने गए वोट

 

मछलीशहर निर्वाचन क्षेत्र के डेटा विश्लेषण के परिणाम और भी दिलचस्प हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकृत मतदाता 18,45,484 हैं (2014 में इसमें 18,91,969 पंजीकृत मतदाता थे) जिनमें 55.7% मतदाताओं ने 12 मई को छठे चरण में हुए मतदान में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस सीट पर डाले गए वोटों की संख्या 10,27,935 है लेकिन गिने गए कुल मतों की संख्या 10,32,111 है जिसमें 4,176 अधिक है और बीजेपी ने मछलीशहर सीट 181 वोटों के सबसे कम अंतर से जीत ली।

शुक्रवार 31 मई को नोएडा स्थित एक डिजिटल समाचार पोर्टल ने प्रकाशित किया कि ईसीआई ने बिना किसी कारण बताए वेबसाइट से एक से चार चरण तक के चुनाव परिणामों को हटा दिया था। हालांकि, न्यूज़क्लिक के पास सभी आंकड़ों का स्क्रीनशॉट है जो इसे अपनी पड़ताल के दौरान प्राप्त किया है।

कुछ सीटों को छोड़कर दोनों राज्यों की 120 सीटों के विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि अतिरिक्त वोटों से विजेताओं की किस्मत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। लेकिन जो बात चौंकाने वाली है वह यह कि ये अंतर यूपी और बिहार की अधिकांश सीटों पर दिखाई देते हैं। इस पर ईसीआई से पूछे गए सवालों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया। जबकि गैर-एनडीए विपक्षी दलों ने इन अतिरिक्त वोटों पर सार्वजनिक तौर पर कोई कदम नहीं उठाया है। प्रमुख दलों के कुछ नेताओं व्यक्तिगत तौर पर न्यूज़क्लिक से बात करते हुए आश्चर्य व्यक्त किया है।

हालांकि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने उत्तर भारत के कई लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक वोट दर्ज किए जाने के बाद 27 मई को न्यूज़क्लिक से बात करते हुए एक उपाय सुझाया कि "उन्हें (राजनीतिक दलों को) अदालत जाना चाहिए।" कुरैशी और अन्य दो पूर्व सीईसी, एचएस ब्रह्मा और एन गोपालस्वामी ने कहा था कि ईसीआई जवाब देने के लिए उत्तरदायी है।

चुनाव आयोग ने कहा कोई अतिरिक्त मतदाता नहीं है

लोकसभा चुनावों के दौरान निर्वाचन क्षेत्रों में विसंगतियों, अंतर और अतिरिक्त मतदाताओं पर कई रिपोर्टों के जवाब में भारतीय चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ईसीआई की वेबसाइट पर मतदाता के आंकड़े केवल अस्थायी संख्या हैं। आगे उन्होंने कहा कि "अतिरिक्त मतदाताओं को तलाशने के लिए यह गलत तर्क था जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।"

शनिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में चुनाव आयोग ने कहा कि पहले सभी रिटर्निंग अधिकारियों से प्रमाणिक मतदान आंकड़ों का मिलान करने में महीनों लगते थे। "इस बार आयोग द्वारा की गई अभिनव आईटी पहलों के कारण मतों की गणना का अंतिम डेटा परिणामों की घोषणा के कुछ दिनों के भीतर उपलब्ध कराया गया है।"

इसमें कहा गया है कि "सभी राज्यों के सभी संसदीय क्षेत्र के लिए मतदाताओं के डेटा का मिलान पूरा हो चुका है और सभी 542 संसदीय क्षेत्र के इंडेक्स फॉर्म जल्द ही रिटर्निंग अधिकारियों से ईसीआई तक पहुंचने की उम्मीद है जो संकलन के बाद तुरंत चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक किया जाएगा।"

पूरा बयान यहां पढ़ें।

पीयूष शर्मा / काशिफ काकवी द्वारा आंकड़ों की पड़ताल की गई।

विश्लेषण किए गए सभी निर्वाचन क्षेत्रों का आंकड़ा यहां देखा जा सकता है:

स्क्रिब्ड पर न्यूज़क्लिक द्वारा यूपी का विश्लेषण

स्क्रिब्ड पर न्यूज़क्लिक द्वारा बिहार का विश्लेषण

 

ECI
lok sabha election
General elections2019
miscalculation
‘Credibility of the Election Commissio
election commission india
jehanabad in bihar
karakat
Bihar
UP
vvpat
EVMs and VVPATs

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव; कैसे चुने जाते हैं सांसद, यहां समझिए...

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License