NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अविश्वास प्रस्ताव: विपक्षी दलों ने उजागर कीं बीजेपी की असफलताएँ
बीजेपी के घोषणापत्र के वायदों से लेकर प्रधानमंत्री मोदी की यात्राओं पर होने वाले खर्च तक, सभी को अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के दौरान उठाया गयाI
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Jul 2018
Translated by महेश कुमार
avishvaas prastaav

2018 के मानसून सत्र के तीसरे दिन लोकसभा ने बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ। विपक्षी दलों ने मौजूदा निज़ाम की विभिन्न विफलताओं को रेखांकित किया और सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए उन्हे "जन-विरोधी" करार दिया।

तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद जयदेव गैला ने इस बात पर बहस शुरू की कि उनकी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाई वह इसलिये कि वर्तमान शासन में आंध्र प्रदेश के लोगों का आत्मविश्वास खो गया है। टीडीपी ने 2014 के चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ा थाI 2018 की शुरुआत में वे गठबंधन से बाहर आ गये क्योंकि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष दर्ज़ा प्रदान करने के अपने वायदे से फिर गयी।

गैला के बाद, बीजेपी के सांसद राकेश सिंह ने बहस में हिस्सा लिया और दावा करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने इस देश के गरीबों को लाभान्वित किया है। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सिंह के बाद बोलने की इजाजत दी।

राहुल गांधी ने भाजपा के तमाम राजनीतिक हथकंडों को "जुमला स्ट्राइक" बोल मखौल उड़ाते हुए कहा कि युवा, दलित, आदिवासी और महिलाएँ सरकार से पीड़ित हैं। राहुल गांधी के उठाए मुद्दों में रफाल सौदे और यूपीए सरकार के किए गए सौदे की तुलना में प्रत्येक लड़ाकू विमान की कीमत में अचानक बढ़ोतरी, एचएएल से रिलायंस अनुबंध, नोटबन्दी और विदेशी नीति में बदलाव, चीन पर ध्यान केंद्रित करना तथा सीमा विवाद जैसे मुद्दों को तरजीह दी।

सत्तारूढ़ शासन के खिलाफ अपनी पीड़ा का संकेत देते हुए बीजेडी और शिवसेना के सांसद विश्वास प्रस्ताव पर बहस से पहले सदन से बाहर चले गए। एआईएडीएमके के सांसदों ने बहस में केंद्र सरकार का समर्थन किया है।

टीएमसी के सांसद सौगाता रॉय ने पीएम मोदी पर दावा किया कि, "प्रधानमंत्री की यात्रा व्यय की लागत 1800 करोड़ रुपये है" और कहा कि नोटबन्दी के कारण 25 लाख नौकरियां मिटा दी गईं। रॉय ने कहा, "बीजेपी की आर्थिक नीति ने देश में आपदा पैदा कर दीं है जिससे केवल भगवा नेताओं को फायदा पहुंचा है।"

टीआरएस के बी विनोद कुमार ने कहा कि बीजेपी ने एक अध्यादेश पारित करके तेलंगाना को धोखा दिया जिसने राज्य के खम्मम जिले से सात मंडलों को हटा दिया और सरकार से एपी पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की मांग की।

बहस में बोलते हुए एसपी के सांसद मुलायम सिंह यादव ने मुख्य रूप से किसानों, श्रमिकों और व्यापारियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया। उन्होंने इंगित किया कि बीजेपी सरकार किसानों की मजदूरी बढ़ाने और देश में रोजगार लाने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है।

सीपीआई (एम) के सांसद मोहम्मद सलीम ने पूछा, "बीजेपी के 2014 के चुनाव घोषणापत्र में किए गए वादों का क्या हुआ?" उन्होंने काले धन का मुद्दा उठाया, जिसे मोदी सरकार ने वापस लाने का वादा किया था, लेकिन स्विस बैंक में भारतीय करेंसी बढ़ गयी। उन्होंने जियो इंस्टीट्यूट को प्रतिष्ठा का संस्थान देने के दर्जे पर सवाल उठाया और कहा कि देश में कुछ चुनिंदा व्यक्तियों के पक्ष में सरकार की नीति के अलावा कुछ भी नहीं।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया कि उनकी सरकार आंध्र प्रदेश के विकास के लिए अधिकतम समर्थन सुनिश्चित करेगी लेकिन फिर पुष्टि की कि एससीएस राज्य को नहीं दिया जा सकता है।

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए एनसीपी सांसद तारिक अनवर ने दावा किया कि बीजेपी का वादा "सब का साथ, सब का विकस" "संघ का विकस" बन गया है। अनवर ने जोर देकर कहा कि देश के लोग शासन से नाखुश हैं और कहा कि पिछले चार सालों में प्रधानमंत्री मोदी के तहत, सीबीआई, न्यायपालिका और अन्य केंद्रीय संस्थानों में लोगों ने विश्वास खो दिया है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 2014 की चुनाव रैलियों के दौरान स्वामीनाथन आयोग के अनुसार किसानों को एमएसपी देने का प्रधानमंत्री मोदी का वादा एक खोखला वादा साबित हुआ।

खड़गे ने कहा कि एससीएस के आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर खड़गे ने सरकार को "फूट ड़लों और शासन करो " के पथ पर चलने का आरोप लगाया। "हालाँकि वे हमारा समर्थक नहीं करते हैं तो भी हम टीडीपी के प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं।"

भारतीय संसद के इतिहास में यह अविश्वास प्रस्ताव 27 वें स्थान पर है। आखिरी बार जब प्रस्ताव पेश किया गया था, तब वह पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की तत्कालीन एनडीए सरकार के खिलाफ था।

no confidence motion
अविश्वास प्रस्ताव
मोदी सरकार
बीजेपी के जुमले
विपक्ष एकता
नरेंद्र मोदी

Related Stories

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां

हरियाणा: अविश्वास प्रस्ताव में मनोहर लाल सरकार पास, लेकिन किसानों के समर्थन में जेजेपी फेल!

डीयू के छात्र धरने पर, हरियाणा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव और अन्य ख़बरें

सत्ता का मन्त्र: बाँटो और नफ़रत फैलाओ!

जी.डी.पी. बढ़ोतरी दर: एक काँटों का ताज

5 सितम्बर मज़दूर-किसान रैली: सबको काम दो!

रोज़गार में तेज़ गिरावट जारी है

लातेहार लिंचिंगः राजनीतिक संबंध, पुलिसिया लापरवाही और तथ्य छिपाने की एक दुखद दास्तां

माब लिंचिंगः पूरे समाज को अमानवीय और बर्बर बनाती है

अविश्वास प्रस्ताव: दो बड़े सवालों पर फँसी सरकार!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License