NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अयोध्या: मध्यस्थता से समाधान खोजने के प्रयास विफल, 6 अगस्त से रोज़ाना सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘हमें मध्यस्थता समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति कलीफुल्ला द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट मिल गयी है। मध्यस्थता कार्यवाही से किसी भी तरह का अंतिम समाधान नहीं निकला है। इसलिए हमें अब लंबित अपील पर सुनवाई करनी होगी...।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Aug 2019
SC
फोटो साभार: DB POST

राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या के रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सर्वमान्य समाधान मध्यस्थता के माध्यम से खोजने में सफलता नहीं मिलने के तथ्य का संज्ञान लेते हुये उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अब इस मामले में छह अगस्त से रोजाना सुनवाई होगी।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट का संज्ञान लिया कि इस विवाद का सर्वमान्य हल खोजने के उसके प्रयास विफल हो गये हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें मध्यस्थता समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति कलीफुल्ला द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट मिल गयी है। हमने इसका अवलोकन किया है। मध्यस्थता कार्यवाही से किसी भी तरह का अंतिम समाधान नहीं निकला है। इसलिए हमें अब लंबित अपील पर सुनवाई करनी होगी जो छह अगस्त से शुरू होगी।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि इस प्रकरण के पक्षकारों को अपीलों पर सुनवाई के लिये अब तैयार रहना चाहिए। न्यायालय ने रजिस्ट्री कार्यालय से भी कहा कि उसे भी दैनिक आधार पर इस मामले की सुनवाई के लिये न्यायालय के अवलोकन के उद्देश्य से सारी सामग्री तैयार रखनी चाहिए।

न्यायालय ने कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि इस मामले की सुनवाई दैनिक आधार पर बहस पूरी होने तक चलेगी।’’

मध्यस्थता समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हिन्दू और मुस्लिम पक्षकार इस पेचीदगी भरे विवाद का कोई सर्वमान्य समाधान नहीं खोज सके।

पीठ द्वारा मामले की सुनवाई छह अगस्त से करने का आदेश दिये जाने के बाद एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कई तकनीकी मुद्दे उठाये और कहा कि उन्हें इस मामले से संबंधित तमाम बिन्दुओं पर विस्तार से बहस के लिये 20 दिन की आवश्यकता होगी और सुनवाई के समय इसमें कोई कटौती नहीं होनी चाहिए।

धवन जब इस मामले के विभिन्न पहलुओं पर सुनवाई के बारे में अपनी बात रख रहे थे तभी पीठ ने उनसे कहा, ‘‘हमे यह ध्यान नहीं दिलायें कि हमें क्या करना है। हम जानते हैं कि इसके कई पहलू हैं और हम इन सभी पहलुओं पर गौर करेंगे।’’

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ छह अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई शुरू करेगी। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

उच्च न्यायालय ने इस फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि इसके तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश दिया था।

आपको यह भी बता दें कि शीर्ष अदालत ने 27 सितम्बर, 2018 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अगुआई में न्यायमूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर के साथ 2 : 1 के बहुमत से 1994 में दिए गए उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था और मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर, 2018 से तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ द्वारा सुने जाने का निर्देश दिया था।

29 अक्टूबर, 2018 को इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अगुआई वाली पीठ ने कहा था कि अगली सुनवाई जनवरी 2019 में एक उचित पीठ के समक्ष होगी। इसके बाद 8 मार्च को अदालत ने इस मामले में न्यायमूर्ति कलीफुल्ला के नेतृत्व में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल का गठन कर 8 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद मई में एक बार फिर सर्वमान्य समाधान तलाशने के लिए पैनल को 15 अगस्त तक का समय दिया गया था, जिसमें अब ये रिपोर्ट दाखिल कर दी गई।

मध्यस्थता प्रक्रिया बेहद गोपनीय तरीके से अयोध्या के करीब फैजाबाद में की गई। क्योंकि अदालत ने प्रिंट और विजुअल मीडिया, दोनों को मध्यस्थता कार्यवाही की रिपोर्टिग करने से रोक लगा रखी थी। तीन-सदस्यीय मध्यस्थता समिति में न्यायमूर्ति एफ एम आई. कलीफुल्ला और उनके साथ वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरु कहे जाने वाले श्री श्री रवि शंकर शामिल थे। अब जब इसका कोई परिणाम नहीं निकला है तो अदालत अब इसकी रोज़-ब-रोज़ सुनवाई करेगी।

(भाषा के इनपुट के साथ)

Supreme Court
Ram Mandir
babri masjid
ayodhya
ranjan gogoi
UttarPradesh
BJP

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट


बाकी खबरें

  • एम.ओबैद
    एमपी : ओबीसी चयनित शिक्षक कोटे के आधार पर नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे
    26 Apr 2022
    चयनित शिक्षक पिछले एक महीने से नियुक्ति पत्र को लेकर प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मांग पूरी न होने पर अंत में आमरण अनशन का रास्ता चयन किया।
  • अखिलेश अखिल
    यह लोकतांत्रिक संस्थाओं के पतन का अमृतकाल है
    26 Apr 2022
    इस पर आप इतराइये या फिर रुदाली कीजिए लेकिन सच यही है कि आज जब देश आज़ादी का अमृतकाल मना रहा है तो लोकतंत्र के चार प्रमुख स्तम्भों समेत तमाम तरह की संविधानिक और सरकारी संस्थाओं के लचर होने की गाथा भी…
  • विजय विनीत
    बलिया पेपर लीक मामला: ज़मानत पर रिहा पत्रकारों का जगह-जगह स्वागत, लेकिन लड़ाई अभी बाक़ी है
    26 Apr 2022
    "डबल इंजन की सरकार पत्रकारों को लाठी के जोर पर हांकने की हर कोशिश में जुटी हुई है। ताजा घटनाक्रम पर गौर किया जाए तो कानपुर में पुलिस द्वारा पत्रकारों को नंगाकर उनका वीडियो जारी करना यह बताता है कि…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जन आंदोलनों के आयोजन पर प्रतिबंध अलोकतांत्रिक, आदेश वापस लें सरकार : माकपा
    26 Apr 2022
    माकपा ने सवाल किया है कि अब जन आंदोलन क्या सरकार और प्रशासन की कृपा से चलेंगे?
  • ज़ाहिद खान
    आग़ा हश्र काश्मीरी: गंगा-ज़मुनी संस्कृति पर ऐतिहासिक नाटक लिखने वाला ‘हिंदोस्तानी शेक्सपियर’
    26 Apr 2022
    नाट्य लेखन पर शेक्सपियर के प्रभाव, भारतीय रंगमंच में महत्वपूर्ण योगदान और अवाम में उनकी मक़बूलियत ने आग़ा हश्र काश्मीरी को हिंदोस्तानी शेक्सपियर बना दिया।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License