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भारत
राजनीति
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला : विशेष न्यायाधीश के कार्यकाल विस्तार को मंज़ूरी
विशेष न्यायाधीश का कार्यकाल तब तक के लिए बढ़ा दिया गया है जब तक वह बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला नहीं सुना देते। पीठ ने मामले का निपटारा करते हुए कहा, ‘‘हम संतुष्ट हैं कि आवश्यक कार्रवाई की गई।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Sep 2019
babri masjid and SC
Image Courtesy: MyNation

उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने उसके निर्देश का पालन किया और 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश का कार्यकाल बढ़ा दिया।

1992 के इस बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी तथा उमा भारती के खिलाफ भी सुनवाई हो रही है।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा उसके समक्ष पेश किए गए हलफनामे और ऑफिस मेमो पर विचार किया।

उत्तर प्रदेश की ओर से पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि उन्होंने शीर्ष न्यायालय के निर्देश का पालन किया और विशेष न्यायाधीश का कार्यकाल तब तक के लिए बढ़ा दिया जब तक वह अयोध्या बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला नहीं सुना देते।
पीठ ने मामले का निपटारा करते हुए कहा, ‘‘हम संतुष्ट हैं कि आवश्यक कार्रवाई की गई।’’

आपको बता दें कि अयोध्या विवाद में दो मामले चल रहे हैं। एक मामला बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद है कि ज़मीन पर किसका हक़ है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और अब इस पर रोज़ाना के आधार पर सुनवाई हो रही है। दूसरा मामला बाबरी मस्जिद के विध्वंस का है, जिसकी सुनवाई उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही है।

इस मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज एसके यादव 30 सितंबर को रिटायर हो रहे थे। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके जज एसके यादव का कार्यकाल बढ़ा दिया और सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। आपको ये भी बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल सीबीआई जज एसके यादव को अप्रैल 2020 तक मामले सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने को कहा है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

UttarPradesh
Babri Masjid issue
Babri Masjid-Ram Mandir
Supreme Court
lal krishna advani
murli manohar joshi
uma bharti
CBI

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