NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
बैलाडीला : अभी मोर्चा नहीं छोड़ेंगे आदिवासी, धरना-प्रदर्शन जारी
बैलाडीला मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बातचीत की पहल और जांच के आदेश का आंदोलनकारी आदिवासियों ने स्वागत किया है, लेकिन अभी इसमें कई पेच हैं और जब तक कुछ ठोस परिणाम नहीं निकलता धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
तामेश्वर सिन्हा
12 Jun 2019
आंदोलनरत आदिवासी।
आंदोलनरत आदिवासी। फोटो : तामेश्वर सिन्हा

ग्राउंड रिपोर्ट : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग अंतर्गत दन्तेवाड़ा ज़िला के किरन्दुल में 7 दिनों से क्षेत्र के 200 गांवों के हजारों आदिवासी पहाड़ बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। आदिवासी अपने साथ राशन-पानी लेकर रतजगा करते अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों में थिरकते अपने पहाड़ में लौह खनन रोकने को अडिग होकर किरन्दुल एनएमडीसी मुख्यालय के सामने बैठे हुए हैं।

बुधवार को आंदोलन के सातवें दिन अडानी को पहाड़ देने के विरोध में प्रदर्शन तेज़ हो गया है। छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों, ब्लाक मुख्यालयों से आदिवासियों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है।

बस्तर में  सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर का कहना है कि सरकार अपना रुख स्पष्ट करे नहीं तो फिर से समुदाय बुमकाल 2 की ओर ही बढ़ेगा। बैलाडीला के  नंदराज मट्टा  के साथ ही उस पहाड़ में कई जगहों पर आदिवासियों के पुरखे देव स्थान हैं। यहाँ पर स्थानीय आदिवासी समुदाय को बिना विश्वास में लिए दोहन अन्याय है। 

IMG-20190608-WA0025.jpg

बताते चले कि दंतेवाड़ा जिले के डिपाजिट 13 के संबंध में बस्तर के सांसद शदीपक बैज और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद  नेताम के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से 11 जून को मुलाकात की, मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल वन कटाई पर रोक लगाने, अवैध वन कटाई और फर्जी ग्राम सभा की जांच कराने तथा परियोजना से संबंधित कार्यों पर रोक लगाने के निर्देश दिए।

आंदोलनरत आदिवासियों ने सरकार के बातचीत के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन उनका कहना है कि जब तक हम पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो जाते, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

IMG-20190610-WA0031.jpg

कई मुद्दों पर पेच फंसा

संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति की तरफ से चर्चा में सुरेश कर्मा, बल्लू भावनी, नंदाराम, राजू भास्कर, भीमसेन मण्डावी सहित आंदोलन में पहुंचे सरपंचों ने हिस्सा लिया। पहले दौर में आधे घंटे तक बातचीत में दीपक बैज ने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेश की कॉपी दिखाई। समिति के सदस्यों ने पेड़ कटाई पर रोक और फर्जी ग्रामसभा की जांच के आदेश में कानूनी धाराओं का उल्लेख न होने का हवाला देकर मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पेच एमओयू रद्द करने पर फंस गया। समिति ने यह भी शर्त रखी कि तीन दिन में फर्जी ग्रामसभा की जांच और दोषी पर एफआईआर होनी चाहिए। जबकि इस पर शासन ने 15 दिन में जांच कराने की बात कही थी। 

संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों को लेकर समिति के बल्लू भोगामी कहते है " बैलाडीला लोह अयस्क खदान नम्बर 13 को अडानी के हाथों में दिया गया है। उस पहाड में हमारे इष्ट देव नंदी देव का वास है, जहां हम गर्मी के शुरूवाती दिनों में बहुत बड़ा मेला जात्रा करते हैं। जहां 84 गांवों के लोग शामिल होते है अब वह लौह अयस्क खोदने के लिए अडानी को दे दिया गया है। अडानी ने पहाड़ में पेड़ों की कटाई चालू कर दी है। इसी के विरोध में हम 6 जून से इकट्ठा होकर अपना विरोध जता रहे हैं, और जब तक अडानी को दिया गया ठेका वापस नहीं होगा हम यहां से नहीं जाएंगे। 

IMG-20190610-WA0056_0.jpg

“बैलाडीला महज़ पहाड़ नहीं”

आदिवासी समाज के तुलसी नेताम कहते हैं, “बैलाडीला महज़ पहाड़ नहीं है हमारे लिए। बैलाडीला बस्तर के आदिवासी समुदाय का मात्र पेन ठाना पुरखा पेन ( देवताओं का स्थल) स्थान तो है ही अपितु बैलाडीला का पहाड़ पेड़ वनस्पति जैव विविधता उनकी सम्पूर्ण अस्तित्व की पहचान आन बान शान के साथ उनके जेहन में रची बसी हुई जान है।” 

“फर्जी ग्राम सभा की अनुमति ली गई”

ग्राम पंचायत हिरोली की सरपंच बुधरी बताती हैं कि साल 2014 में पिटोड़ मेटा के नाम के डिपाजिट 13 नम्बर पहाड पर लोह अयस्क के खुदाई के लिए एक फर्जी ग्राम सभा कर अनुमति दी गई।  यहां ग्राम सभा असल में हुई ही नहीं थी।  मात्र 104 लोगों की मौजूदगी में  ग्राम सभा के प्रस्ताव में ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं, जबकि उस समय ग्रामीण जब साक्षर ही नहीं थे तो कहां से हस्ताक्षर करेंगे? ग्रामीण अंगूठे ही लगाते हैं फिर ये हस्ताक्षर किसने किए? बुधरी आगे कहती हैं कि 104 लोगों में से जिनके हस्ताक्षर ग्राम सभा प्रस्ताव में दर्शाए गए हैं उनमें दर्जनों ग्रामीणों की मौत हो चुकी थी। 

IMG-20190610-WA0027.jpg

आदिवासियों के मन में कई आशंकाएं

अडानी के कोयला उत्खनन से प्रभावित गांवों में लड़ाई लड रहे सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला से जब मुख्यमंत्री के निर्देश को लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहलकदमी स्वागत योग्य है कि उन्होंने आंदोलनकारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार किया परंतु अभी भी हमारे मन मे शंकाये हैं जो राज्य सरकार की घोषणा से दूर नही होती। ये आशंकाएं कुछ इस तरह हैं-

(1) वन भूमि (डायवर्सन) अधिनियम 1980 के तहत खनन के लिए स्टेज 2 की वन स्वीकृति के बाद राज्य सरकार ने अंतिम आदेश धारा 2 के तहत जारी किया था । तत्पश्चात वन विभाग ने कंपनी के पक्ष में पेड़ काटने का आदेश जारी किया। क्या राज्य सरकार ने इन दोनों आदेश को वापस लिया है? या किस आदेश के तहत पेड़ कटाई को रोक गया उसकी स्पष्टता नही है।

(2) ग्राम सभा के प्रस्ताव की जांच कितने दिन में होगी। फर्जी घोषित होने पर राज्य सरकार की अगली कार्यवाही क्या होगी।

(3) छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के द्वारा जारी कंसेंट टु आपरेट अर्थात संचालन की सहमति का आदेश भी वापस लिया जाएगा कि नहीं। 

उनके मुताबिक- हमे लगता है कि यदि राज्य सरकार इस पहाड़ को बचाना चाहती है तो अपने द्वारा जारी आदेश को पहले वापस ले सकती है। आलोक ने कहा फिलहाल हम सरकार की इस पहल का स्वागत करते हैं। भूपेश बघेल जी ने संवेदशीलता का परिचय दिया है। 

बता दे कि बुधवार, 12 जून को खबर लिखे जाने तक एनएमडीसी मुख्यालय किरन्दुल के समक्ष आदिवासी आंदोलन पर डटे हुए है, जहां मुख्यमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधि मंडल उन्हें मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। वहीं ख़बरें यह भी आ रही है कि सरकार धारा 144 लगा कर आंदोलन को तोड़ने की कोशिश में लगी हुई है।  लेकिन आदिवासी किस भी शर्त में अपने देव् पहाड़ में उत्खनन होने नही देना चाहते है। 

इसे भी पढ़ें : बैलाडीला के डिपाजिट 13 में पेड़ों की कटाई की जांच करेगी तीन सदस्यीय समिति

बैलाडीला: अपनी आस्था बचाने के लिए आदिवासी धरने पर

Chattisgarh
bhupesh baghel
Bailadila
Bailadila Range
mountain range
adani group
Iron ore
Mining of iron ore
tribal communities
Protest
TRIBAL PROTEST
बैलाडीला
छत्तीसगढ़
बस्तर
दंतेवाड़ा

Related Stories

दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

गुजरात: पार-नर्मदा-तापी लिंक प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू

नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 


बाकी खबरें

  • समीना खान
    विज्ञान: समुद्री मूंगे में वैज्ञानिकों की 'एंटी-कैंसर' कम्पाउंड की तलाश पूरी हुई
    31 May 2022
    आख़िरकार चौथाई सदी की मेहनत रंग लायी और  वैज्ञानिक उस अणु (molecule) को तलाशने में कामयाब  हुए जिससे कैंसर पर जीत हासिल करने में मदद मिल सकेगी।
  • cartoon
    रवि शंकर दुबे
    राज्यसभा चुनाव: टिकट बंटवारे में दिग्गजों की ‘तपस्या’ ज़ाया, क़रीबियों पर विश्वास
    31 May 2022
    10 जून को देश की 57 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी पार्टियों ने अपने बेस्ट उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। हालांकि कुछ दिग्गजों को टिकट नहीं मिलने से वे नाराज़ भी हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 
    31 May 2022
    रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाना, पहले की कल्पना से कहीं अधिक जटिल कार्य साबित हुआ है।
  • अब्दुल रहमान
    पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन
    31 May 2022
    फरवरी में यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस पर एकतरफा प्रतिबंध लगाए हैं। इन देशों ने रूस पर यूक्रेन से खाद्यान्न और उर्वरक के निर्यात को रोकने का भी आरोप लगाया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट
    31 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,338 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 30 मई को कोरोना के 2,706 मामले सामने आए थे। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License