NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार और पंजाब में हज़ारों महिला कर्मचारियों का ज़ोरदार प्रदर्शन
बिहार में मिड डे मील कर्मचारी और पंजाब में आंगनवाड़ी महिलाएं न्यूनतम वेतन , सामाजिक सुरक्षा और पेंशन आदि जैसी माँगों को लेकर सडकों पर उतरीं I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 May 2018
mahila mukti

पिछले कुछ दिनों से बिहार में मिड डे मील कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे थे और उनका प्रदर्शन कल यानी 28 मई को ख़तम हुआ I मिड डे मील कर्मचारियों का ये प्रदर्शन 24 मई से शुरू हुआ और कल इस संकल्प के साथ खतम हुआ कि सभी कर्मचारी 9 अगस्त को राज्य में जेल भरो आन्दोलन करेंगे I इसके साथ ही 29 मई को पंजाब में भी आंगनवडी महिलाओं ने प्रदर्शन शुरू किया है I

दरअसल मिड डे मील कर्मचारी केंद्र सरकार की मिड डे मील योजना के तहत सरकारी स्कूलों में खाना बनाने का कार्य करते हैं I लेकिन उनसे इसके आलावा साफ़ सफाई और स्कूल के बाकि काम भी कराये जाते हैं I जो कि अपने आप में गलत है क्योंकि मिड डे मील कर्मचारियों का ये काम नहीं है I इसके आलावा 6 से 7 घंटे का कार्य करने के बाद भी उन्हें 1 से 2 हज़ार रुपये तक की छोटी राशि ही मिलती है, जिसे मानदेय की तरह दिया जाता है I पिछले कई सालों से न सिर्फ बिहार बल्कि देश के विभिन्न राज्यों के मिड डे मील कर्मचारी सरकार से इस वेतन को बढ़ाये जाने की माँग कर रहे हैं I उनकी माँग है कि उन्हें मज़दूर समझा जाए क्योंकि मज़दूर न समझे जाने की वजह से ही उनका लागतार शोषण हो रहा है और वह श्रम कानूनों के लाभ से वंचित हैं I

बिहार की राजधानी पटना में हुआ ये विरोध प्रदर्शन CITU और दूसरे वामपंथी ट्रेड यूनियनों द्वारा अजोगित किया गया था I 24 मई को शुरू हुए इस प्रदर्शन में हज़ारों की संख्या में मिड डे मील की महिला कर्मचारियों ने भाग लिया I बिहार सरकार ने उन्हें ये आश्वासन दिया था कि उनकी माँगों पर सरकार गौर करेगी और मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने का आश्वासन भी दिया I इसके बावजूद प्रदर्शनकारी अपनी जगह से हटने को तैयार नहीं थे और 28 मई को कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री आवास तक मार्च करने का निर्णय लिया I

कल जब मार्च निकाला गया तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बीच में ही रोक लिया और पुलिस के साथ धक्का मुक्की में कई महिलाओं को काफी चोटें भी आयीं और वह अभी अस्पताल में हैं I कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने प्रिनिसिपल सक्रेटरी से बात की और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को कार्यवाही का आश्वासन दिया I इसके बाद कर्मचारी यूनियनों ने यह निर्णय लिया कि सरकार अगर उनकी माँगे नहीं मानेगी तो कर्मचारी 9 अगस्त में राज्य भर में जेल भारो आन्दोलन करेंगे I बताया जा रहा है कि कल के इस मार्च में 25000 महिलाओं ने हिस्सा लिया I

इस आन्दोलन के नेतृत्व में मौजूद मिड डे मील फेडरेशन के महासचिव जय भगवान ने न्यूज़क्लिक ने बात करते हुए कहा “2009 में केंद्र सरकार द्वारा मिड डे मील कर्मचारियों के लिए 1 हज़ार रुपये का मानदेय तय किया था I जिसे बिहार में लड़ाई लड़ कर 1200 कर दिया गया था I लेकिन आज दस साल बाद भी ये वेतन बढ़ा नहीं है I महिलाएँ स्कूल की सफाई, और खाना बनाने से लेकर बाकि कार्य भी करतीं हैं I सवाल ये है कि क्या 5 से 6 घंटे काम के लिए इतना कम वेतन जायज़ है I हम माँग कर रहे हैं कि सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन यानी 18000 रुपये मिले ,मेडिकल सुविधाएँ , सामाजिक सुरक्षा और पेंशन अदि की सुविधाएँ भी दी जाएँ I 2013 में भारतीय श्रम सम्मलेन (जो कि एक सरकारी संस्था है) में तय किया गया था कि आशा कर्मचारी और मिड डे मील कर्मचारियों को मज़दूर माना जायेगा और उन्हें वह सभी सुविधाएँ और वेतन मिलेगा जो बाकि मज़दूरों को मिलता है I लेकिन यह आज तक लागू नहीं किया गया I”

बिहार के इस आन्दोलन के आलावा पंजाब में भी महिलाओं के नेतृत्व में एक और आन्दोलन शुरू हुआ है I कल सुबह पंजाब की आंगनवादी अध्यापिकाओं और कर्मचारियों ने पंजाब के फतहगढ़ साहिब से चंडीगढ़ तक के मार्च की शुरूवात की I लाल झंडों हाथों में लिए शुरू हुआ ये मार्च CITU से जुड़े हुए संगठन All India federation of anganwadi workers and helpers  के नेतृत्व में किया जा रहा है I कर्मचारी न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा की माँग को लेकर और सरकार द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों को बंद कर प्री स्कूलों को लाने की योजना के खिलाफ़ ये प्रदर्शन कर रहे हैं I

ये पद यात्रा इस साल मार्च के महीने में महाराष्ट्र में हुए किसान लॉन्ग मार्च की याद दिला रही है और उसके लग रहा है कि उनके जज़्बे को गर्मी भी तोड़ नहीं पा रही I बताया जा रहा है कि इस मार्च में 4000 महिलाएं शामिल हैं I

दरअसल आंगनवाड़ी अध्यापिकाएँ केंद्र सरकार की योजना के तहत 3 से 4 साल के बच्चों को पढ़ाने और उनका ख्याल रखने का काम करती हैं और आंगनवाडी कर्मचारी उनके लिए खाना बन्ने के आलावा बाकि कार्य करती हैं I

 All India federation of anganwadi workers and helpersकी अधक्ष उषा रानी ने न्यूज़क्लिक को बताया कि पूरे पंजाब में 54000 कर्मचारी हैं जो कि 27000 सेंटरों में दिन के काफी घन्टे अपना काम करने में गुज़रते हैं I लेकिन आंगनवाडी शिक्षकों को सिर्फ 5600 रुपये और हेल्पर को सिर्फ 2800 रुपये मिलते हैं I इसीलिए वह ये माँग कर रहे हैं कि उन्हें न्यूनतम वेतन यानी 18000 रुपये मिले , कर्मचारी पेंशन, मेटरनिटी लीव और बाकि सामाजिक सुविधाओं भी मिलें I इसके आलावा सरकार की योजना के तहत प्री स्कूल खोले जा रहे हैं आंगनवाडी महिलाएं माँग कर रही हैं कि इन्हें बंद किया जाए क्योंकि इससे उनकी नौकरियाँ ही ख़तम हो जाएगी I

ये मार्च कल श्याम तक चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री निवास तक जायेगा और मुख्य मंत्री को ज्ञापन देने के बाद वहीँ ख़तम होगा I गौरतलब है कि पूरे देश से आयी मिड डे मील और आंगनवाडी महिलायें पिछले साल नवम्बर में दिल्ली में हुए मज़दूर महापड़ाव में भारी मात्रा में मौजूद थीं और उन्होंने वहाँ भी अपने सवालों को बेबाकी से उठाया था I

Bihar
punjab
Anganwadi Workers
mid day meal workers

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू


बाकी खबरें

  • working women
    सोनिया यादव
    ग़रीब कामगार महिलाएं जलवायु परिवर्तन के चलते और हो रही हैं ग़रीब
    03 Feb 2022
    सीमित संसाधनों में रहने वाली गरीब महिलाओं का जीवन जलवायु परिवर्तन से हर तरीके से प्रभावित हुआ है। उनके स्वास्थ्य पर बुरा होने के साथ ही उनकी सामाजिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है, इससे भविष्य में…
  • RTI
    अनुषा आर॰
    गुजरात में भय-त्रास और अवैधता से त्रस्त सूचना का अधिकार
    03 Feb 2022
    हाल ही में प्रदेश में एक आरटीआई आवेदक पर अवैध रूप से जुर्माना लगाया गया था। यह मामला आरटीआई अधिनियम से जुड़ी प्रक्रियात्मक बाधाओं को परिलक्षित करता है। यह भी दिखाता है कि इस कानून को नागरिकों के…
  • cartoon
    आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: ये दुःख ख़त्म काहे नहीं होता बे?
    03 Feb 2022
    तीन-तीन साल बीत जाने पर भी पेपर देने की तारीख़ नहीं आती। तारीख़ आ जाए तो रिज़ल्ट नहीं आता, रिज़ल्ट आ जाए तो नियुक्ति नहीं होती। कभी पेपर लीक हो जाता है तो कभी कोर्ट में चला जाता है। ऐसे लगता है जैसे…
  • Akhilesh Yadav
    भाषा
    लोकतंत्र को बचाने के लिए समाजवादियों के साथ आएं अंबेडकरवादी : अखिलेश
    03 Feb 2022
    सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि, "मैं फिर अपील करता हूं कि हम सब बहुरंगी लोग हैं। लाल रंग हमारे साथ है। हरा, सफेद, नीला… हम चाहते हैं कि अंबेडकरवादी भी साथ आएं और इस लड़ाई को मजबूत करें।"
  • Rahul Gandhi
    भाषा
    मोदी सरकार ने अपनी नीतियों से देश को बड़े ख़तरे में डाला: राहुल गांधी
    03 Feb 2022
    कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि एक किंग हैं, शहंशाह हैं, शासकों के शासक हैं। राहुल गांधी ने दो उद्योगपतियों का उल्लेख करते हुए सदन में कहा कि कोरोना के समय कई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License