NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर, करीब 25 लाख लोग प्रभावित
बिहार में भारी बारिश और पड़ोसी नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने बाद कोसी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंगा नदियों का जल स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। नदियों के बढ़ते जल स्तर के कारण, राज्य के जल संसाधन विभाग ने उत्तर बिहार के जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Jul 2019
बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर, करीब 25 लाख लोग प्रभावित

अभी जो बिहार भीषण गर्मी से जूझ रहा था और उसके चलते बिहार सरकार ने कई जिलों में धारा 144 लगा दी थी। इसी गर्मी का प्रभाव था कि बिहार में चमकी बुखार समेत अन्य बीमारियां तेज़ी से फैल रहीं थी लेकिन इस बीच बिहार अब सूखे से बाढ़ की तरफ़ बढ़ रहा है। सिर्फ बिहार ही नहीं देश के कई पूर्वी राज्य बाढ़ का कहर झेल रहे है। बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 44 तक पहुँच गई। इसके अलावा इस आपदा से करीब 70 लाख लोग प्रभावित हैं। सिर्फ बिहार में ही करीब 20 लाख लोग प्रभावित हैं। 

बिहार में अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ में दस से ज़्यादा लोग अपना जीवन गंवा चुके हैं, हजारों झुग्गी झोपड़ियां बर्बाद हो गई हैं, पक्के मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। कई सड़कों, पुलों और करोड़ों की खड़ी फसलों को इस बाढ़ ने बर्बाद कर दिया है। 

बिहार में भारी बारिश और इसके पड़ोसी नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने बाद कोसी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंगा नदियों का जल स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। नदियों के बढ़ते जल स्तर के कारण, राज्य के जल संसाधन विभाग ने उत्तर बिहार के जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। 
बाढ़ का सामना करने और अपर्याप्त राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों के लिए आधिकारिक लापरवाही पर गुस्साए, बाढ़ पीड़ितों ने न केवल अपनी नाखुशी और विरोध व्यक्त किया है, उन्होंने भाजपा के दो संसद सदस्यों (सांसदों) के दौरे का भी विरोध किया है। मधुबनी जिले में, झंझारपुर के सांसद रामप्रीत मंडल को नरुआर गाँव में लोगों के क्रोध का सामना करना पड़ा, जब वह क्षेत्र का दौरा कर रहे थे और कमला बलान नदी के तटबंध के टूटने के बाद बचाव कार्यों के आश्वासन के बिना लौट रहे थे। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने लोगों के गुस्से से उन्हें बचाया।  
 

इसी तरह अररिया जिले के फारबिसगंज में, अररिया के भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह को राहत सामग्री की कमी से नाराज बाढ़ पीड़ितों द्वारा घेरा गया। उनमें से कुछ ने "गो बैक एमपी" जैसे नारे लगाए और अपनी नाराजगी व्यक्त की। 
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में बाढ़ से 9 जिलों के लगभग 19.65 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। पिछले तीन दिनों में सीतामढ़ी के बारह ब्लाकों में से सबसे अधिक प्रभावित जिले में 10 लाख से अधिक लोग अकेले प्रभावित हुए। बाढ़ से प्रभावित अन्य जिले अररिया, किशनगंज, मधुबनी, शेहर, पूर्वी चंपारण, सुपौल, दरभंगा और मुजफ्फरपुर हैं। 

हालांकि, कई  रिपोर्टों से पता चलता है कि हजारों लोग अपने गाँवों में बाढ़ के बाद अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने खुले आसमान, राष्ट्रीय राजमार्ग (NH), स्कूल भवनों और सरकारी इमारतों सहित तटबंधों सहित ऊँची जगहों पर शरण ले रखी है। 

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश प्रमुख नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। दरभंगा जिले में कमला बलान के तटबंध तीन जगह से और शिवहर में बागमती नदी के तटबंध क्षतिग्रस्त हुए हैं। शिवहर के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के परिसर में पानी घुस गया। अररिया और किशनगंज के जोगबनी में रेलवे स्टेशनों पर पानी भर गया, जिससे बड़ी संख्या में यात्री फंस गए हैं। बाढ़ से प्रभावित जिलों में कई स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग पर पानी आ गया है। 
बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को उच्च स्थानों पर जाने के लिए कहा है क्योंकि भारी बारिश जारी है। 

विभाग के अधिकारियों ने कहा, "बिहार में बाढ़ की स्थिति नदियों के बढ़ते जल स्तर और लगातार बारिश के बाद बनी रहेगी।" अधिकारियों ने कहा कि कोसी, महानंदा, गंडक, बागमती और गंगा सहित राज्य की प्रमुख नदियां उफान पर हैं और कुछ नदियों ने अपने तटबंधों को तोड़ दिया है। 

सरकार ने स्थानीय पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और बिहार राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल टीमों की मदद से बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य शुरू किया है। नीतीश कुमार ने रविवार को बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद अधिकारियों से बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए कहा था। 
अधिकारियों के मुताबिक, करोड़ों की फसलें बर्बाद हो गईं और कई जगहों पर सड़क संपर्क टूट गए। 

 

Bihar
floods
bihar govt.
Nitish Kumar

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

मुज़फ़्फ़रपुर: हादसा या हत्याकांड!, मज़दूरों ने कहा- 6 महीने से ख़राब था बॉयलर, जबरन कराया जा रहा था काम

बिहार में सुशासन नहीं, गड़बड़ियों की है बहार!

रघुवंश बाबू का जाना राजनीति से एक प्रतीक के जाने की तरह है

बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने की इतनी घटनाएं क्यों हो रही हैं?

उत्तर प्रदेश, बिहार में बिजली गिरने से दो दिन में 110 लोगों की मौत, 32 घायल

हादसा-दर-हादसा: अलग-अलग स्थानों पर 14 मज़दूरों समेत 15 की मौत, 30 घायल

गंगा के कटाव से विस्थापित होने की कगार पर हजारों परिवार

बिहार: बच्चों के लिए मिड डे मील बना रहे एनजीओ के प्लांट का बॉयलर फटा, 3 की मौत

पटना में बाढ़: 1843 से अब तक शासन बदला, सिस्टम नहीं


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License