NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
आंदोलन
घटना-दुर्घटना
समाज
भारत
राजनीति
बीवाईएल नायर अस्पतालः तीन वर्षों में दो आत्महत्या और एक संदिग्ध मौत के मामले सामने आए
काकड़े ने बेटे को साल 2017 में खो दिया था। उन्होंने कॉलेज प्रशासन के आचरण पर कई सवाल खड़े किए।
अमेय तिरोदकर
30 May 2019
Payal Tadvi

डॉ. पायल तडवी ने 22 मई को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले ने शिक्षण संस्थानों के भीतर रैगिंग और जातिवादी क्रूरता जैसे बड़े मुद्दे को उजागर कर दिया है। मुंबई पुलिस ने पायल के मामले में सभी तीन आरोपी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है और बुधवार को अदालत के सामने पेश किया है।

न्यूजक्लिक की पड़ताल में मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल के प्रशासन के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है जहां तडवी एक रेजिडेंट डॉक्टर थीं। पिछले तीन वर्षों में (तडवी सहित) दो कथित आत्महत्या की घटनाएं हुईं और एक संदिग्ध घटना हुई जिसने नायर अस्पताल के टीएन मेडिकल कॉलेज के एक छात्र की जान ले ली।

बीवाईएल नायर डेंटल कॉलेज में पढ़ने वाली 20 वर्षीय छात्रा भाग्यलक्ष्मी गौतमचंद मुथा ने 12 सितंबर 2017 को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आत्महत्या करने से एक दिन पहले अपने साथी से एकेडमिक तनाव के बारे में शिकायत की थी। मुथा कथित तौर पर अपने कमरे के पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को इस मामले में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था।

26 सितंबर 2017 को इसी कॉलेज के एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्र शुभम काकड़े रेलवे की पटरी पर मृत पाए गए थे। रेलवे पुलिस ने उनके पिता डॉ. बाबासाहेब नारायणराव काकड़े को इस घटना की जानकारी दी थी जो जालौन जिले के अंबद में रहते हैं। डॉ. काकड़े ने फोन पर न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कॉलेज प्रशासन के आचरण पर कई सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने इस मौत के साथ-साथ कॉलेज प्रशासन का व्यवहार भी संदिग्ध पाया।

उन्होंने कहा कि 'कॉलेज की भूमिका संदिग्ध है। कॉलेज प्रशासन ने मुझे बताया कि शुभम घटना के तीन दिन पहले से क्लास से अनुपस्थित था। मैंने बाद में इसकी जांच की और पाया कि वह उन तीन दिनों में क्लास में मौजूद था। शुभम के रजिस्टर के पन्ने भी फाड़ कर हटा दिए गए। मुझे इसके बारे में बाद में पता चला।'

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने शिकायत क्यों दर्ज नहीं की तो उन्होंने कहा, 'मैंने अचानक अपने बेटे को खो दिया था। रेलवे पुलिस ने मुझे इस घटना के बारे में बताया था। इसलिए मैं चुप रहा। अगर यह एक दुर्घटना है तो मैं क्या कर सकता हूं? लेकिन जब मैंने कुछ दिनों के बाद जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की तो मैं कॉलेज प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी पर विश्वास नहीं कर सका। मुझे बताया गया कि शुभम उस दिन प्लेटफ़ॉर्म पर लगभग तीन घंटे बैठा था। लेकिन बाद में जब मैंने जांच की तो मुझे पता चला कि वह दोपहर 3 बजे ट्रेन से उतर गया था और 3.07 बजे उसकी मृत्यु हो गई।'

काकड़े ने मौखिक रूप से शुभम की मौत की जांच के लिए कॉलेज प्रशासन से अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें शुभम के दोस्तों से मिलने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा, 'मैं इतने बड़े प्रशासन से नहीं लड़ सकता। मेरी एक बेटी भी है। और अगर मैं कार्रवाई करता भी हूं तो शुभम वापस नहीं आएगा।'

छात्र न्यूज़क्लिक स्पोक से ऑन रिकॉर्ड बोलने से काफी डरे हुए थे। नाम न छापने की शर्त पर छात्रों ने कहा, 'आरक्षित वर्ग के छात्रों को लगातार ताना मारा जा रहा है। छात्रों के बीच ‘डेजर्व्ड वर्सेज रिज़र्व्ड’ की बहस रोज होती है और जिन्हें कोटे से दाखिला मिलता है उन्हें इस तरह की मानसिक उत्पीड़न से जलील किया जाता है।'

एक छात्र ने कहा, 'इंटर्न (एमबीबीएस में शामिल होने वाले छात्र) 36 घंटे लगातार इंटर्नशिप करते हैं, उन्हें सिर्फ 15 मिनट या 30 मिनट का ब्रेक मिलता है। काम का बोझ बहुत ज़्यादा है और इसलिए यह हर एक छात्र पर तनाव होता है।'

एक रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा, 'स्टाफ की कमी है। हमें लगातार 48 घंटे तक काम करने के लिए कहा गया है। कोई भी इंसान इतने लंबे समय तक कुशलता से काम नहीं कर सकता है। यह बेहद तनावपूर्ण है।'

एक इंटर्न ने कहा कि छह-सात डॉक्टरों को बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में चार घंटे की ड्यूटी के दौरान कम से कम 150 मरीजों को देखने को कहा जाता है। उन्होंने कहा, 'यह इलाज की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा रहा है और साथ ही डॉक्टरों पर भारी दबाव डाल रहा है।'

रिपोर्टर को प्रशासन भवन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई और इसलिए अस्पताल प्रशासन से इन आरोपों का जवाब नहीं मिल सका।

payal
payal tadvi
dr payal
Mumbai
Long March to Mumbai
Caste Atrocities
atrocities on STs
Adivasi women
Muslim women
doctors strike
Private doctors strike

Related Stories

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक से ईडी कर रही है पूछताछ

मुंबईः दो साल से वेतन न मिलने से परेशान सफाईकर्मी ने ज़हर खाकर दी जान

‘बुल्ली बाई’ ऐप मामला : मुंबई पुलिस ने एक और छात्र को गिरफ़्तार किया

बिहार: मुखिया के सामने कुर्सी पर बैठने की सज़ा, पूरे दलित परिवार पर हमला

पीड़ित परिवार का आरोप- अर्नब की वजह से जांच को दबाया गया

हाथरस, कठुआ, खैरलांजी, कुनन पोशपोरा और...

रोहित वेमुला और पायल तड़वी की मांओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भेजा केंद्र को नोटिस

अविनाश पाटिल के साथ धर्म, अंधविश्वास और सनातन संस्था पर बातचीत

डॉ. पायल तड़वी का सुसाइड नोट मिला, हुआ था जातिगत उत्पीड़न  

बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल जारी : एम्स, सफदरजंग का ममता को 48 घंटे का अल्टीमेटम


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License