NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
संस्कृति
भारत
राजनीति
बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है ‘जय श्री राम’ का नारा : अमर्त्य सेन
सेन ने कहा कि ‘मां दुर्गा’ के जयकारे की तरह ‘जय श्रीराम’ का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है और इसका इस्तेमाल ‘‘लोगों को पीटने की बहाने’’ के तौर पर किया जाता है।

 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Jul 2019
amartya sen
Image Courtesy: Aeon

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि ‘मां दुर्गा’ के जयकारे की तरह ‘जय श्रीराम’ का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है और इसका इस्तेमाल ‘‘लोगों को पीटने की बहाने’’ के तौर पर किया जाता है।

सेन ने शुक्रवार को कोलकाता स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय में कहा कि ‘मां दुर्गा’ बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जय श्री राम नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है।’’ उन्होंने कहा कि आज कल राम नवमी ‘‘लोकप्रियता हासिल’’ कर रही है और उन्होंने पहले कभी इसके बारे में नहीं सुना था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी चार साल की पोती से पूछा कि उसके पसंदीदा भगवान कौन है? उसने जवाब दिया कि मां दुर्गा। मां दुर्गा हमारी जिंदगी में मौजूद हैं। मुझे लगता है कि जय श्री राम जैसा नारा लोगों को पीटने के लिए आड़ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।’’

आपको बता दें कि इन दिनों भारतीय जनता पार्टी और उससे जुड़े संगठन पूरे देश में ख़ासतौर पर पश्चिम बंगाल में ‘जय श्रीराम’ के नारे का एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। अभी हाल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इस नारे को लेकर बंगाल में काफी राजनीति और हिंसा हुई है। यही नहीं देश के अलग-अलग हिस्सों में पिछले दिनों हुई लिंचिंग की घटनाओं में भी भीड़ द्वारा हमले के दौरान ‘जय श्रीराम’ के नारे का जोरशोर से प्रयोग किया गया।

 

 

 

amartya sen
West Bengal
Jai Shri Ram
Communalism

Related Stories

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

बात बोलेगी: मुंह को लगा नफ़रत का ख़ून

बढ़ती हिंसा व घृणा के ख़िलाफ़ क्यों गायब है विपक्ष की आवाज़?

नफ़रत की क्रोनोलॉजी: वो धीरे-धीरे हमारी सांसों को बैन कर देंगे

कार्टून क्लिक: आधे रास्ते में ही हांफ गए “हिंदू-मुस्लिम के चैंपियन”

विचार: राजनीतिक हिंदुत्व के दौर में सच्चे साधुओं की चुप्पी हिंदू धर्म को पहुंचा रही है नुक़सान

रवांडा नरसंहार की तर्ज़ पर भारत में मिलते-जुलते सांप्रदायिक हिंसा के मामले

बना रहे रस: वे बनारस से उसकी आत्मा छीनना चाहते हैं

सफ़दर: आज है 'हल्ला बोल' को पूरा करने का दिन

सांप्रदायिक घटनाओं में हालिया उछाल के पीछे कौन?


बाकी खबरें

  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका में आपातकाल! भारत के लिए सबक !
    02 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के आज के एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं श्रीलंका के आर्थिक संकट पर, और उसके साथ ही वह भारत में बढ़ती महंगाई पर भी चर्चा कर रहे हैं और पूछ रहे हैं ,…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: कोविड वॉरियर्स कर्मचारियों को लेडी हार्डिंग अस्पताल ने निकाला, विरोध किया तो पुलिस ने किया गिरफ़्तार
    02 Apr 2022
    लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से गैर कानूनी रूप से निकाले गए कोविड कर्मचारी प्रदर्शन पर बैठे हुए थे। इस दौरान पुलिस ने मज़दूर संगठन ऐक्टू सचिव समेत कोविड योद्धाओं को हिरासत में लिया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आईआईएम अहमदाबाद प्रशासन 'लोगो' को लेकर बैकफुट पर क्यों आ गया?
    02 Apr 2022
    संस्थान के नए 'लोगो' से अहमदाबाद की सिदी सैय्यद मस्‍जिद के जाली की तस्‍वीर और संस्कृत के श्‍लोक ‘विद्या विनियोगाद्विकासः’ को हटाने को लेकर अब प्रशासन ने कहा है कि सिर्फ कलर और फॉन्ट में मामूली बदलाव…
  • रवि शंकर दुबे
    2 सालों में 19 लाख ईवीएम गायब! कब जवाब देगा चुनाव आयोग?
    02 Apr 2022
    ईवीएम में धांधली की चर्चा अब जैसे आम हो गई है, लेकिन 2 सालों में 19 लाख ईवीएम गायब होने के मुद्दे ने फिर से माहौल गर्म कर दिया है। अब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच इमरजेंसी की घोषणा
    02 Apr 2022
    सरकार ने राजपक्षे के आवास के बाहर हुए प्रदर्शनों के लिए विपक्षी राजनीतिक दलों से जुड़े एक चरमपंथी समूह को जिम्मेदार ठहराया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License